पी रहे आयरनयुक्त पानी
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घटिया बोतल बंद पानी की हो रही बिक्री
पी रहे आयरनयुक्त पानी हालात : शुद्ध पेयजल के लिए करोड़ों खर्च, फिर भी लोग शहर के गामी टोला एवं मिरचाईबाड़ी में पीएचइडी की ओर से पानी टंकी का निर्माण कराया गया है. इन दोनों पानी की से टंकियों से जलापूर्ति वर्ष 2015 में ही शुरू हो जानी थी, लेकिन विभागीय उदासीनता की वजह से […]
हालात : शुद्ध पेयजल के लिए करोड़ों खर्च, फिर भी लोग
शहर के गामी टोला एवं मिरचाईबाड़ी में पीएचइडी की ओर से पानी टंकी का निर्माण कराया गया है. इन दोनों पानी की से टंकियों से जलापूर्ति वर्ष 2015 में ही शुरू हो जानी थी, लेकिन विभागीय उदासीनता की वजह से दोनों ही पानी की टंकियां फिलहाल शहर की शोभा बढ़ाने का काम कर रही हैं. दोनों पानी टंकियों के निर्माण में करोड़ों रुपये खर्च किये गये हैं, लेकिन इसका लाभ अब-तक शहरवासियों को नहीं मिल सका है. यही कारण है कि संपन्न लोग तो डिब्बाबंद पानी का यूज कर रहे हैं, जबकि अधिसंख्य लोग आयरनयुक्त पानी पीने को मजबूर हैं.
कटिहार : करोड़ों रुपये खर्च होने के बावजूद शहरवासियों को शुद्ध पेयजल नसीब नहीं हो सका है. शहर के लोग आयरनयुक्त पानी पीने को विवश हो रहे हैं. जिसके कारण लोग विभिन्न तरह की बीमारियों की चपेट में आ रहे हैं. बीमारियों से बचने के लिए लोग अपने घरों में वाटर फिल्टर लगाकर जहां शुद्ध पी रहे हैं,
तो दूसरी ओर बोतल बंद पानी व फिल्टर युक्त पानी का कारोबार बढ़ गया है. लोग अपने घरों, दुकानों पर बड़े जार में फिल्टर युक्त पानी खरीदकर मंगाने को विवश हो रहे हैं. शहर का पानी खराब होने की वजह से ही खासकर गरमी के दिनों में प्रतिदिन लाखों का कारोबार पानी का हो रहा है.
यदि लोगों को पानी टंकी से शुद्ध पानी उपलब्ध कराया जाये, तो निश्चित रूप से पानी पर खर्च हो रहे रुपये की बचत होगी. पर इस दिशा में नगर निगम प्रशासन व पीएचइडी पूरी तरह से लापरवाह बना हुआ है. जनप्रतिनिधि भी शहर वासियों को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने की दिशा में कोई पहल नहीं कर रहे हैं. बुधवार को प्रभात खबर ने शहरवासियों को शुद्ध पेयजल नहीं उपलब्ध होने मामले का पड़ताल की और जानने का प्रयास किया कि शुद्ध पानी नहीं मिलने से लोगों को कितने रुपये प्रतिदिन व महीनें में बरबाद हो रहा है.
लाखों रुपये हो रहे पानी पानी पर खर्च
शुद्ध पेयजल के लिए शहर के लोग प्रतिदिन लाखों रुपये का पानी खरीदकर पी रहे हैं. यही वजह है कि फिलटर युक्त पानी का कारोबार कटिहार शहरी क्षेत्र में दिनों दिन बढ़ता ही जा रहा है. फिल्टर युक्त पानी के प्लांट एक दो नहीं, बल्कि दर्जन भर से अधिक खुल गये हैं. लोगों के घरों, दुकानों, व्यवसायिक प्रतिष्ठानों, ऑफिस, स्कूल आदि में फिल्टर युक्त पानी का जार वाहन से पहुंचाने का काम चल रहा है. इसके अलावा शादी समारोह में भी इस पानी का डिमांड काफी अधिक है. एक अनुमान के मुताबिक प्रतिदिन पानी का बड़ा जार पांच हजार से अधिक घरों, दुकानों सहित अन्य प्रतिष्ठानों में पहुंचाया जाता है. एक जार पानी की कीमत 25 से 30 रुपये ली जाती है. उस हिसाब से प्रतिदिन एक लाख से अधिक का कारोबार इसका हो रहा है. जबकि बोतल बंद पानी की बिक्री भी प्रतिदिन लाख में होती है. इस तरह महीनें में 25 से 30 लाख रुपये सिर्फ शहरवासी पानी पर खर्च कर रहे हैं. यदि शुद्ध पानी लोगों को शुलभ तरीके से मिल जाये, तो उक्त राशि की बचत हो सकती है.
आयरनयुक्त पानी से हो रहे बीमार
शहर में रहने वाले लोग वर्षों से आयरन युक्त पानी पीने को विवश है. जो पानी का सेवन कर रहे हैं वह इतना खराब है कि उसके सेवन से लोग बीमार हो रहे हैं. हालत यह है कि चापाकल के निकट आयरन से पूरा कजली हो जा रहा है. उस पानी से कपड़ा साफ करने पर वह पीला पड़ जाता है. कुछ देर पानी को छोड़ देने पर उसमें पपरी का सतह जम जाता है. यही नहीं लगातार पानी रखने से बर्तन भी खराब हो जाता है. इस तरह का पानी पीकर लोग खासकर पेट की बीमारी से गस्ति हो रहे हैं. इसके अलावा कई अन्य बीमारियों की चपेट में लोग आ रहे हैं.
कहते हैं समाजसेवी
पूर्व मुखिया सह आरटीआइ कार्यकर्ता जगदीश प्रसाद साह ने कहा कि सरकार कटिहार के लोगों को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने के लिए करोड़ों रुपये खर्च कर चुकी है. शहर में दो-दो पानी टंकियों का निर्माण हो चुका है. बावजूद पानी की सप्लाइ अब तक शुरू नहीं हो सकी है. उन्होंने कहा कि इस मामले में जितना प्रशासनिक पदाधिकारी जिम्मेवार हैं, उससे कही ज्यादा जनप्रतिनिधि जिम्मेवार हैं और इसका खामियाजा लोग भुगत रहे हैं.
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