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भटकते रहे आदतन शराबी

शराबबंदी को प्रभावी बनाने के लिए शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में विभिन्न राजनितिक दल, सामाजिक संगठन आदि द्वारा जागरूकता रैली निकाली गयी. वहीं सदर अस्पताल स्थित नशा मुक्ति केंद्र में भी आदतन शराबियों का भरती होना भी शुरू हो गया है. शराबबंदी को लेकर प्रशासनिक महकमा पूरी तरह चौकस है. कटिहार : जिले में शुक्रवार […]

शराबबंदी को प्रभावी बनाने के लिए शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में विभिन्न राजनितिक दल, सामाजिक संगठन आदि द्वारा जागरूकता रैली निकाली गयी. वहीं सदर अस्पताल स्थित नशा मुक्ति केंद्र में भी आदतन शराबियों का भरती होना भी शुरू हो गया है. शराबबंदी को लेकर प्रशासनिक महकमा पूरी तरह चौकस है.
कटिहार : जिले में शुक्रवार से शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में देसी व मसालेदार शराब की दुकानें बंद हो गयीं. हालांकि एक अप्रैल से शराब दुकान बंद होने की जानकारी पहले से ही घोषित थी. उत्पाद विभाग के नेतृत्व में गुरुवार की रात से ही लगातार निरीक्षण किया जा रहा है. बीती रात 20 हजार से अधिक शराब की बोतलों को नष्ट किया गया.
शराबबंदी को प्रभावी बनाने के लिए शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में विभिन्न राजनितिक दल, सामाजिक संगठन आदि द्वारा जागरूकता रैली निकाली गयी. वहीं सदर अस्पताल स्थित नशा मुक्ति केंद्र में भी आदतन शराबियों का भरती होना भी शुरू हो गया है. शराबबंदी को लेकर प्रशासनिक महकमा पूरी तरह चौकस है. सरकार के निर्देश पर शहरी क्षेत्रों के कुछ चिन्हित जगहों पर शराब दुकान खुलनी थी, लेकिन यह अभी नहीं खुल पायी हैं.
शराब दुकानों के पास पसरा था सन्नाटा
शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में शुक्रवार को स्थित अनुज्ञप्तिधारी देसी व मसालेदार शराब दुकान बंद रहीं. आसपास सन्नाटा पसरा था. शराब दुकान के आसापास लगने वाले नाश्ता व अंडा के ठेले नजर नहीं आये. शहर के फलपट्टी, दुर्गास्थान चौक, शहीद चौक, शिवमंदिर चौक, न्यू मार्केट, मिरचाईबाड़ी चौक, जीआरपी चौक, गौशाला, बाटा चौक सहित ग्रामीण इलाकों में भी शराब दुकान के आसपास सन्नाटा पसरा रहा. पुलिस शराब दुकानों का जायजा लेती रही.
20 हजार से अधिक बोतलें नष्ट
शराब बंदी को लेकर उत्पाद अधीक्षक अरूण कुमार मिश्रा के नेतृत्व में कई टीमों ने गुरूवार की रात शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में शराब दुकान में जाकर अवशेष पड़े बोतलों को नष्ट किया.
विभागीय सूत्रों की माने तो 20 हजार से अधिक देशी व मसालेदार शराब की बोतलों को नष्ट किया गया. नष्ट हुए शराब बोतलों की कीमत अनुमानित दस लाख रूपये है. शुक्रवार को भी उत्पाद अधीक्षक के नेतृत्व में डीएम व पुलिस अधीक्षक द्वारा आदेश के आलोक में शराबबंदी का अनुपालन करने के लिए विभिन्न क्षेत्रों में निरीक्षण करते रहे.
ढूंढ़ते रहे, पर नहीं मिली शराब
यूं तो पहले से ही पहली अप्रैल से शराब बंदी होने की घोषणा की जा चुकी थी. शुक्रवार को विभिन्न जगहों पर आदतन शराबी शराब के लिए इधर-उधर भटकते दिखे. शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में शराब की दुकानें बंद होने की वजह से ऐसे आदतन शराबी मायूस नजर आये. बाटा चौक के पास मिले राजेंद्र रविदास ने बातचीत में बताया कि तीन शराब दुकान में घूम चुके हैं, लेकिन दुकान बंद रहने की वजह से उन्हें शराब नही मिली. इसी तरह शहर के शहीद चौक, न्यू मार्केट, दुर्गास्थान चौक पर आदतन शराबी भटकते नजर आये.
आदतन शराबी के उपचार के लिए तैयार नशा मुक्ति केंद्र में शुक्रवार को करीब चार आदतन शराबी पहुंचे. चिकित्सकों व कर्मियों के साथ सिविल सर्जन स्वयं नशा मुक्ति केंद्र में उपस्थित थे.
सिविल सर्जन डॉ श्याम चंद्र झा ने बताया कि चार आदतन शराबी यहां पहुंचे. जिसमें से तीन आदतन शराबी की काउसलिंग की गयी. यह तीनों दो तीन दिन में भरती होने यहां आयेगें. जबकि एक आदतन शराबी को भरती किया गया है. भरती हुए आदतन शराबी को नाम नही छापने के शर्त पर बताया कि वह वर्ष 1997- 98 से शराब पी रहे है.
अब स्थिति ऐसी है कि दिन में तीन चार बार शराब लेनी पड़ती है. सीएस ने बताया कि भरती हुए इस मरीज का उपचार किया जायेगा. इस मरीज के शरीर में कंपन भी होता है .
समग्र रूप से जांच कराने के बाद इसका उपचार शुरू किया जायेगा. सीएस ने कहा कि इस केंद्र में मरीज को उपचार के साथ साथ पारिवारिक व समाजिक जिम्मेवारी का एहसास कराते हुए उन्हें नशा के लत से दूर करना है. मरीज के उपचार में डॉ तनवीर हैदर सहित कई चिकित्सक व कर्मी की यहां तैनाती की गयी है.

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