आजमनगर : विभागीय उदासीनता के कारण बाढ़ नियंत्रण प्रमंडल सालमारी का कार्यालय 14 वर्षों से भी ज्यादा समय से ताला लटका हुआ है. लाखों की लागत से बना भवन बेकार पड़ा हुआ है. प्रभात खबर ने 14 वर्षों से बंद दफ्तर का जायजा लिया, जहां दफ्तर के अंदर टेबुलों पर धूल फांकती फाइलें देखने को मिली.
इससे सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि उक्त कार्यालय से लोगों को क्या फायदा मिल रहा है. जायजा क्रम में एक कर्मचारी ने 14 वर्षों से बंद पड़े कार्यालय पर बताया कि भवन इतना जर्जर हो गया है कि उसके अंदर बैठ कर कार्यों का निष्पादन करना खतरे से खाली नहीं. यही कारण है कि संबंधित विभागीय कार्यों का निष्पादन विभाग के एक एसडीओ के आवास पर 14 वर्षों से चलाया जा रहा है. जहां एक कमरे में कुछ कर्मचारी कंप्यूटर पर अपने कार्यों का तो एक कमरे में क्लर्क कायों का भारी अव्यवस्था के बीच कार्यों का निष्पादन करते देखे गये.
पूछे जाने पर उन्होंने बताया कि दफ्तर में 14 वर्षों से भी ज्यादा समय से लटका ताला दयनीय स्थिति बयां करने के लिए काफी है. फाइलें धूल फांक रही है. लोगों का कहना है कि कभी ये कार्यालय कर्मचारियों से गुलजार हुआ करता था. परंतु अव्यवस्था की भेंट चढ़ जाने से भूत बंगला व गोदाम मात्र बन कर रह गया है. सवाल उठना लाजिमी है कि अगर दफ्तर का कार्यालय एसडीओ आवास से संचालित हो रहा तो एसडीओ कहां रहते हैं. बाढ़ के समय लोग दफ्तर को ढूंढ़ते रह जाते हैं.
जबकि इस विभाग से प्रत्येक वर्ष करोड़ों रुपये का बांध पर वारे-न्यारे होते हैं. परंतु विभाग एक अदद कार्यालय को तरस रहा है. विभाग के एक कनीय अभियंता ने बताया कि अगर वरीय पदाधिकारी दफ्तर की माली हालत पर ध्यान दें तो आम लोगों को इसका बड़ा फायदा होगा.