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पांच मेल एक्सप्रेस ट्रेन के भरोसे हैं लोग

कटिहार : देश के रेल मानचित्र पर महत्वपूर्ण माने-जाने वाले पांच लाइनों के कटिहार रेल जंकशन से मात्र पांच मेल व एक्सप्रेस ट्रेन की शुरुआत होती है. स्थानीय राजनेताओं व रेल पदाधिकारियों के अदूरदर्शिता का परिणाम है कि इतनी कम संख्या में मेल व एक्सप्रेस ट्रेनों की शुरुआत कटिहार रेल जंकशन से होती है. कभी […]

कटिहार : देश के रेल मानचित्र पर महत्वपूर्ण माने-जाने वाले पांच लाइनों के कटिहार रेल जंकशन से मात्र पांच मेल व एक्सप्रेस ट्रेन की शुरुआत होती है. स्थानीय राजनेताओं व रेल पदाधिकारियों के अदूरदर्शिता का परिणाम है कि इतनी कम संख्या में मेल व एक्सप्रेस ट्रेनों की शुरुआत कटिहार रेल जंकशन से होती है.

कभी यहां से एक दर्जन से अधिक मेल व एक्सप्रेस ट्रेन की शुरुआत की जाती थी, लेकिन धीरे-धीरे यहां से एक-एक कर लंबी दूरी की ट्रेनों को बढ़ा कर अन्य स्टेशनों से उसका परिचालन प्रारंभ कर दिया गया. जिसका न तो कभी स्थानीय स्तर पर राजनेताओं ने जबरदस्त विरोध किया तथा ना ही नए ट्रेनों के परिचालन के लिए उसके स्थान पर स्थानीय मुद्दा बनाया गया. नये वर्ष में यहां के लोगों को उम्मीद है कि इस वर्ष कटिहार रेलवे स्टेशन को लंबी दूरी की मेल एक्सप्रेस ट्रेन सहित दक्षिण भारत की ओर जाने वाली ट्रेनें मिले.

पूर्व में थी ये ट्रेनें

कटिहार रेलवे जंक्शन से पूर्व में सिक्किम महानंदा एक्सप्रेस, हाटे बाजारे एक्सप्रेस, कैपिटल एक्सप्रेस, कटिहार-ग्वालियर एक्सप्रेस, कटिहार-पटना जन शताब्दी एक्सप्रेस, जानकी एक्सप्रेस, हरिहरनाथ एक्सप्रेस, वैशाली एक्सप्रेस आदि सहित एक दर्जन से अधिक ट्रेन थी, जो कटिहार से खुल कर अपने गंतव्य स्थान को पहुंचती थी. इन ट्रेनों में कटिहार-पटना जन शताब्दी एक्सप्रेस को बंद कर दिया गया तथा कटिहार से ग्वालियर तक चलने वाली ट्रेन को बरौनी एवं वैशाली सुपरफास्ट एक्सप्रेस को बरौनी से परिचालन कर दिया गया.

स्थानीय स्तर पर जिले के राजनेताओं का आंदोलन धरातल से जुड़े कभी भी ऐसे मुद्दे पर नहीं दिखा, जिससे आम लोग लाभान्वित हों. स्थानीय स्तर के राजनेताओं ने कभी भी कटिहार से दूर जाने वाली ट्रेनों को रोकने में सफल नहीं हो सके. कटिहार-अमृतसर आम्रपाली एक्सप्रेस को भी प्रायोगिक तौर पर मालदा जंक्शन से 6 माह तक चलाया गया था. जिसे कि स्थानीय लोग इस ट्रेन को भी बंगाल ले जाने का षड्यंत्र मान रहे थे. लेकिन देर-सबेर यदि राजनेता एवं रेल के वरीय पदाधिकारी तथा दैनिक यात्री संघ के पदाधिकारी ऐसे धरातली मुद्दे पर हाथ पर हाथ धर कर बैठे रहे तो वो दिन दूर नहीं, जब इन ट्रेनों का भी परिचालन कटिहार के बजाय अन्य स्टेशनों से शुरुआत हो.

वर्तमान में पांच मेल एक्सप्रेस ट्रेन का परिचालन

कटिहार जंक्शन से अब एकाध लंबी दूरी की ट्रेनों को छोड़ कर सभी एक्सप्रेस ट्रेन दैनिक रूप से चला करती है. जो अपने गंतव्य स्थान को पहुंच कर वापस रात्रि में कटिहार को आती है.

कटिहार-अमृतसर आम्रपाली एक्सप्रेस तथा टाटा लिंक एक्सप्रेस ही दो दैनिक एक्सप्रेस ट्रेन हैं, जो 500 किलोमीटर की दूरी से अधिक का सफर तय करती है. अन्य ट्रेन कटिहार-पटना इंटरसिटी तथा कटिहार-सिलीगुड़ी इंटरसिटी एक्सप्रेस है, जो कटिहार से सुबह खुल कर वापस रात्रि में आ जाया करती है. एक अन्य एक्सप्रेस ट्रेन जो कटिहार-हाबड़ा एक्सप्रेस ट्रेन है, जो साप्ताहिक रूप से चला करती है.

इन ट्रेनों को कटिहार से आगे बढ़ाया गया

कटिहार जंक्शन से वर्षों तक शुरू होने वाले लंबी दूरी की ट्रेन महानंदा एक्सप्रेस को अलीपुरद्वार जंक्शन तक बढ़ा दिया गया. इसी तरह हाटे-बजारे एक्सप्रेस को कटिहार से सहरसा, कैपिटल एक्सप्रेस को एनजेपी/कामख्या ले जाया गया. बड़ी लाइन में परिवर्तन होने के कारण कटिहार-सहरसा रेलखंड पर चलने वाले हरिहरनाथ एक्सप्रेस एवं जानकी एक्सप्रेस को बंद कर दिया गया.

उक्त ट्रेनों के कटिहार जंक्शन से अन्य स्टेशनों पर ले जाने के पश्चात कटिहार रेल जंक्शन पर दैनिक यात्रियों की संख्या में उस अनुरूप से बढ़ोतरी नहीं हुआ, जैसे अन्य स्टेशनों पर अपेक्षा की जाती है. यात्री इन ट्रेनों के कटिहार से दूर चले जाने के कारण अन्य ट्रेनों को अपनी यात्रा की सुविधा बनाने लगे.

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