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बच्चे की मौत पर निजी नर्सिंग होम में हंगामा

कटिहार : शहर के राजेंद्र प्रसाद पथ स्थित कौशल्या नर्सिंग होम में सोमवार की रात इलाज के क्रम में एक बच्चे की मौत पर परिजन आक्रोशित हो गये. इसके बाद नर्सिंग होम में तोड़फोड़ की व हंगामा किया. घटना की जानकारी मिलते ही नगर थाना पुलिस घटना स्थल पर पहुंची व लोगों को शांत किया. […]

कटिहार : शहर के राजेंद्र प्रसाद पथ स्थित कौशल्या नर्सिंग होम में सोमवार की रात इलाज के क्रम में एक बच्चे की मौत पर परिजन आक्रोशित हो गये. इसके बाद नर्सिंग होम में तोड़फोड़ की व हंगामा किया. घटना की जानकारी मिलते ही नगर थाना पुलिस घटना स्थल पर पहुंची व लोगों को शांत किया.

प्राप्त जानकारी के अनुसार शहर के चिकित्सक के क्लिनिक में कुछ दिनों से बरबन्ना निवासी मो साजिद के ढ़ाई वर्ष के पुत्र का इलाज चल रहा था. सोमवार को चिकित्सक ने बच्चे की बिगड़ती स्थिति को देख उसे कौशल्या नर्सिंग होम में भरती करने की सलाह दी. परिजनों ने बीमार बच्चे को कौशल्या नर्सिंग होम में भरती कराया. इस दौरान बच्चे की स्थिति बिगड़ गयी और इलाज के अभाव में बच्चे ने दम तोड़ दिया.

इससे परिजन आक्रोशित हो गये और नर्सिंग होम में तोड़फोड़ करते हुए हंगामा शुरू कर दिया. चिकित्सक पर इलाज में लापरवाही का लगाया आरोपमृतक बच्चे की चाची शकीना ने कहा कि बीमार बच्चे का कुछ दिनों से इलाज शहर के बच्चा अस्पताल में हो रहा था. इस दौरान बच्चे की बिगड़ती स्थिति को देख चिकित्सक ने बच्चे को कौशल्या नर्सिंग होम में भरती कराने की सलाह दी. चिकित्सक के निर्देश पर परिजन ने बच्चे को कौशल्या नर्सिंग होम में भरती कराया.

लेकिन यहां कुछ देर बाद ही बच्चे की स्थिति बिगड़ने लगी. यह देख परिजनों ने रेफर करने वाले चिकित्सक से फोन पर संपर्क करना चाहा, लेकिन चिकित्सक ने न तो फोन ही रिसीव किया और न ही नर्सिंग होम आये. परिजनों ने आरोप लगाया कि चिकित्सा नहीं होने से बच्चे की मौत हो गयी. अगर चिकित्सक बच्चे का इलाज नहीं कर पा रहे थे

या उनके पास समय का अभाव था तो वह कहीं अन्य रेफर कर देते. अपने ही देखरेख में कौशल्या नर्सिंग होम में भरती करने की सलाह चिकित्सक ने क्यों दी. बताते चले कि जिन चिकित्सक के पास नर्सिंग होम या अन्य चिकित्सा संसाधन का अभाव है वे इस नर्सिंग होम में ही आकर ऑपरेशन करते हैं या फिर अपने मरीज को रखते हैं.

कम से कम दिन में दो बार अपने मरीज की जांच करते हैं, लेकिन चिकित्सक ने फोन ही रिसीव नही किया, जिस कारण बच्चे की मौत हो गयी. इधर नगर थानाध्यक्ष के एन सिंह को घटना की जानकारी होते ही पुलिस दलबल के साथ घटना स्थल पर पहुंचे व लोगों को समझा बुझाकर मामले को शांत कराया.

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