श्रमिकों से मांगा जा रहा सुविधा शुल्क गड़बड़झाला. श्रम संसाधन विभाग में बिचौलिया सक्रिय20 रुपये की जगह श्रमिकों से दो हजार रुपया वसूले जा रहेफोटो नं. 2 कैप्सन – श्रम कल्याण केंद्र कार्यालय.प्रतिनिधि, कटिहारश्रमिक की हितों की रक्षा के उद्देश्य से श्रमिकों को जागरूक करने के लिए श्रम विभाग की स्थापना की गयी है, ताकि श्रमिकों को अपना अधिकार प्राप्त करने के लिए किसी भी प्रकार की कठिनाइयों का सामना नहीं करना पड़े. वहीं अगर विभाग के ही कुछ कर्मी श्रमिकों का शोषण कर रहा हो तो फिर क्या कहने. श्रम संसाधन केंद्र डेहरिया में कुछ ऐसा ही मामला प्रकाश में आया है. जो इस विभाग को शर्मसार कर रहा है, जिसके कारण इस विभाग की ओर आमलोगों ने उंगली उठानी शुरू कर दी है. प्रभात खबर ने श्रम संसाधन विभाग का पड़ताल किया है, जिसमें कई खामियां खुलकर सामने आयी है, प्रस्तुत है. इसी कड़ी में एक वाकया, जो आपको भी आश्चर्यचकित कर देगा. -योजना के नाम पर होती है वसूलीश्रम संसाधन विभाग द्वारा बिहार सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड के अंतर्गत श्रमिकों को औजार, साइकिल व मकान बनाने के लिए 15000 की एक मुश्त राशि विभाग की ओर से दी जाती है. इसके लिए श्रमिकों को निबंधन कराना पड़ता है. निबंधन में मात्र 20 रुपये का शुल्क लिया जाता है. लेकिन 20 रुपये की जगह श्रमिकों से दो हजार रुपया वसूलने की बात सामने आयी है. यह और कोई नहीं बल्कि कार्यालय कर्मी व कुछ बिचौलिये की मिलीभगत से चल रहा है. इस योजना के तहत एक साल में निबंधन के बाद 264 रुपया कार्ड रेन्यूअल के लिए निर्धारित है, लेकिन इस रेन्यूअल के लिए एक हजार से 12 सौ रुपये की मांग की जाती है. क्योंकि रेन्यूअल के बाद ही खाता धारकों के खाते में उक्त राशि को क्रेडिट किया जाता है. -क्या है विभाग का नियमश्रम संसाधन केंद्र में बिहार सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड योजना के अंतर्गत श्रमिकों के निबंधन के लिए 20 रुपया शुल्क निर्धारित है. वहीं निबंधन को जारी रखने के लिए प्रत्येक महीने 20 रुपया विभाग को देना है. लेकिन प्रत्येक महीने 20 रुपये की राशि जमा नहीं करने पर 2 रुपया विलंब शुल्क विभाग की ओर से लगाया जाता है. जिसमें 22 रुपया करके 12 महीने में विलंब शुल्क के साथ श्रमिकों को 264 रुपया जमा करना पड़ता है. जबकि उक्त राशि की जगह अनाप-शनाप ढंग से राशि की मांग की जाती है. -लाभार्थियों ने लगाया आरोपवर्ष 2014 में श्रमिक सुलेंदर शर्मा ने श्रम संसाधन केंद्र की कर्मचारी राधा देवी से जब योजना की जानकारी लिया तो उन्होंने बताया कि इस योजना के निबंधन में 2000 हजार रुपया लगेगा. श्री शर्मा ने दो हजार का भुगतान भी कर दिया. अब जब दिसंबर 2015 में राशि क्रेडिट होने की बारी आयी तो उक्त कर्मचारी ने 1000 रुपये रेन्यूअल की बात कही है नहीं तो योजना का लाभ नहीं मिलेगा. वहीं बेचन दास व सिकंदर राउत ने बताया कि एक एलइओ विक्रम वैध ने कार्ड रेन्यूअल के लिए एक हजार रुपये की मांग किया है. सुविधा शुल्क नहीं देने पर रेन्यूअल नहीं होने देने की बात कही है. -कहते हैं एलइओ एलइओ विक्रम वैध ने बताया कि श्रमिकों द्वारा जो भी आरोप लगाया गया है वह निराधार व बेबुनियाद हैं. -कहती हैं सहायक श्रमायुक्तसहायक श्रमायुक्त कविता कुमारी ने बताया कि मामले जानकारी नहीं है, जिन लोगों से रुपया मांगा गया है, आवेदन दें. उक्त कर्मचारियों व बिचौलियों पर कार्रवाई होगी.
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श्रमिकों से मांगा जा रहा सुविधा शुल्क
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