कटिहार : शहर के प्रमुख चौक-चौराहे सहित सड़कों के किनारे वाहन व दुकान लगाने की वजह से शहर में जाम की समस्या विकराल होती जा रही है. ऐसा करने वालों के विरुद्ध कार्रवाई नहीं होने की वजह से यह समस्या घटने की बजाय बढ़ती ही जा रही है. इससे स्थानीय लोग व राहगीर प्रतिदिन परेशान हो रहे हैं.
शहर में घंटों जाम की समस्या बनी रहती है. प्रभात खबर ने बुधवार को शहर के कुछ प्रमुख स्थानों का जायजा लिया और जानने का प्रयास किया है कि आखिर शहर में सड़क का अतिक्रमण कर दुकान व वाहन कैसे लगा दिया जाता है. पुलिस प्रशासन इस प्रकार के मामले में कार्रवाई करना क्यों नहीं चाहता है. केस स्टडी-एक शहर में शहीद चौक की सबसे खराब स्थिति है.
यहां पूरे चौक पर खुले आम दुकानें सजती है तथा वाहनों को भी खड़ा किया जाता है. यहां ट्रैफिक पुलिस के जवान सुबह नौ बजे से रात नौ बजे तक तैनात रहते हैं, लेकिन दुकान लगाने वालों पर कोई कार्रवाई नहीं होती है. इसी तरह निकट में ही थाना है. कुछ दूरी पर नगर निगम का कार्यालय है, पर इस दिशा में कोई पहल करने के लिए तैयार नहीं है.
नतीजतन शहीद चौक पर हमेशा जाम की समस्या उत्पन्न होती है. जायजा लेने के क्रम में पाया गया कि दर्जन भर से अधिक दुकान यहां सड़क पर लगी थी, और इससे बार-बार जाम की समस्या उत्पन्न हो रही थी. केस स्टडी-दो शहर के बस स्टैंड से होकर नगर निगम की ओर जाने वाली सड़क पर सुबह से लेकर रात तक वाहनों का जमघट लगा रहता है.
बुधवार को भी यही स्थिति देखने को मिली. सड़क पर यात्री वाहनों के लगे रहने से हमेशा जाम की समस्या से लोगों को दो-चार होना पड़ता है. इस सड़क को पार कर निगम कार्यालय पहुंचना युद्ध जीतने के समान होता है. यहां पर भी ट्रैफिक पुलिस के जवान दिन भर ड्यूटी में तैनात रहते हैं, लेकिन वाहनों को सड़क किनारे वाहन लगाने पर कोई रोक नहीं है.
यहां पर ज्यादातर ऑटो, अमदाबाद जाने वाले चार चक्का वाहनों का जमघट रहता है.केस स्टडी-तीनन्यू मार्केट में सड़क के बीचों-बीच फल, सब्जी की दुकान सजती है. इसे हटाने की दिशा में कोई पहल नहीं हो रही है. इससे सुबह से लेकर रात तक इस सड़क से होकर चलना बड़ी समस्या होती जा रही है.
स्थिति यह है कि गर्ल्स स्कूल रोड के निकट से महेश्वरी एकेडमी स्कूल तक सड़क के दोनों ओर व बीच में खुलेआम सब्जी का मार्केट लगता है. ऐसा नहीं है कि इस बात की जानकारी पुलिस प्रशासन व निगम के पदाधिकारियों को नहीं है. पुलिस व प्रशासनिक पदाधिकारियों के वाहन इस होकर प्रतिदिन गुजरते हैं, जाम में फंसते हैं, लेकिन इस दिशा में कोई पहल नहीं होती है.
केस स्टडी-चारशहर के एमजी रोड की स्थिति भी कमोवेश ऐसी ही है. सड़क किनारे दो चक्का व चार चक्का वाहनों का लगना यहां आम बात है. यही नहीं कई ऐसे दुकानदार भी हैं, जो सड़क पर अपनी दुकान लगाते हैं. जायजा लेने के क्रम में पाया गया कि कई ऐसे दुकानदार है जिनकी दुकानों में काफी जगह होने के बावजूद वे सड़क पर ही अपने सामान रख देते हैं.
जानकारों का कहना है कि दुकानदार इसलिए अपने दुकानों का समान सड़क पर रखते हैं कि ग्राहक की नजर वहां तुरंत पड़ सके. इसका परिणाम यह हो रहा है कि इस सड़क पर रोज जाम की समस्या उत्पन्न हो रही है. केस स्टडी-पांचशहर के विनोदपुर रोड की स्थिति भी खराब है.
इस रोड से होकर आने-जाने वाले लोगों को हमेशा जाम की समस्या से दो-चार होना पड़ता है. दरअसल इस मुहल्ले में बड़ी संख्या में चिकित्सकों के क्लिनिक, पैथोलॉजी, दवा दुकान आदि है. ऐसे में पूरे जिले से मरीज यहां पहुंचते हैं. मरीज को वाहनों से लाया जाता है, लेकिन जगह नहीं होने के कारण ऐसे वाहनों को सड़क किनारे ही लगाया जाता है.
उपर से इस सड़क से होकर यात्रियों से भरे ऑटो के गुजरने से हमेशा जाम की समस्या उत्पन्न हो जाती है. इस क्षेत्र में यात्री वाहनों के परिचालन पर पूरी तरह से रोक है. इसके बावजूद नियमों को ताक पर रखकर ऑटो का परिचालन होता है. केस स्टडी-छहबाटा चौक से सिटी बुकिंग की ओर जाने वाली सड़क का भी अतिक्रमण कर दुकानों को लगाया जाता है.
यही नहीं बाटा चौक पर तो ऑटो स्टैंड ही बना दिया गया है. यहां बड़ी संख्या में ऑटो लगे रहने से वाहनों को आने-जाने में परेशानी का सामना करना पड़ता है. इस जगह पर फलों की दुकानों को बीच सड़क पर ही खुलेआम लगाया जाता है. इससे आने-जाने वाले लोग हमेशा परेशान होते हैं.