शराब पर पाबंदी से रूकेंगे घरेलू हिंसा व सड़क हादसे-फोटो नं. 50 से 58 कैप्सन-आमलोगों की प्रतिक्रिया.प्रतिनिधि, कटिहारविधानसभा चुनाव 2015 में किये वादे को पूरा करने के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गुरुवार को मद्य निषेध दिवस पर पहली अप्रैल 2015 से बिहार शराबबंदी की घोषणा की है. सीएम की इस घोषणा का जिले के शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों के हर तबकों में स्वागत किया जा रहा है. समाज का कुछ तबका नीतीश के इस घोषणा को साहसिक बता रहा है. ज्ञात हो कि राज्य के आर्थिक संसाधन के रूप में शराब से मिलने वाला टैक्स एक बड़ा स्रोत है. करीब तीन हजार करोड़ से अधिक का राजस्व शराब से राज्य सरकार को मिलती है. हालांकि राज्य में शराब की वजह से कई स्तरों पर परेशानी होती रही है. खासकर सड़क दुर्घटना व घरेलू हिंसा को बढ़ावा देने में शराब का अहम रोल रहता है. यही वजह रहा कि पिछले कुछ वर्षों से कटिहार जिले सहित राज्य भर में शराब बंदी को लेकर महिलाएं सड़क पर उतरी है. पिछले वर्ष जब पटना में एक कार्यक्रम में महिलाओं ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से शराब बंदी पर पहल करने की मांग की थी. उस समय नीतीश ने कहा था कि अगली सरकार उनकी बनेगी, तब बिहार में शराब पर प्रतिबंध लगा दिया जायेगा. विधानसभा चुनाव में भी नीतीश ने राज्य की जनता से शराब बंदी का वादा किया था. -सड़क दुर्घटना व घरेलू हिंसा की घटनाओं में आयेगी कमीपंचायत स्तर पर लाइसेंसी शराब दुकान खुलने से समाज पर इसका प्रतिकूल प्रभाव पड़ने लगा. एक रिपोर्ट के अनुसार 96 फीसदी घरेलू हिंसा शराब की वजह से होती है. जबकि सड़क दुर्घटना के बढ़ते मामले में शराब का महत्वपूर्ण योगदान है. अब नीतीश ने चुनाव में किये वादे को अमली जामा पहनाने के उद्देश्य से गुरुवार को एक अप्रैल 2016 से शराबबंदी की घोषणा की है. -रुकेगा घरेलू हिंसानीतीश की यह घोषणा अगर जमीन पर उतरता है तो इससे सबसे अधिक फायदा महिलाओं की होगी. महिलाएं सर्वाधिक घरेलू हिंसा की शिकार होती है. जिसमें शराब की भूमिका महत्वपूर्ण होती है. एक अप्रैल 2016 से जब शराब पर पूर्ण प्रतिबंध लग जायेगा, तब घरेलू हिंसा काफी हद तक कम हो जायेगा. -शराब के विरोध में महिलाओं ने खोला था मोरचाकटिहार जिले के कोढ़ा, कुरसेला, डंडखोरा, आजमनगर सहित कई प्रखंडों में महिलाओं ने शराब के खिलाफ मोरचा खोला था. कटिहार पंचायत की महिला मुखिया ने एक कदम आगे बढ़ कर पंचायत में अवैध शराब पर रोक व पुरुष को शराब के सेवन पर रोक लगाने के लिए मुहिम चलायी. दूसरी तरफ विभिन्न सामाजिक संगठनों ने भी मुख्यमंत्री से शराब पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने की मांग करती रही है. पंचायतों में आधी आबादी को सशक्त करने के लिए काम करने वाली संगठन द हंगर प्रोजेक्ट ने भी राज्य स्तर शराबबंदी पर मुहिम चला कर सरकार को मांग पत्र दिया. -सभी तबकों के लोगों ने किया स्वागतजाने-माने व्यवसायी पंकज तमाखुवाला ने शराबबंदी की घोषणा का स्वागत करते हुए कहा कि इससे सामाजिक अर्थव्यवस्था मजबूत होगी. शिक्षाविद् डॉ राजेंद्र नाथ मंडल ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शराबबंदी की घोषणा कर एक अच्छा कदम उठाया है. किसान सुबोध विश्वास ने कहा कि नीतीश की घोषणा स्वागत योग्य है. इससे समाज को फायदा होगा. किसान हरिमोहन सिंह ने कहा कि नीतीश का फैसला साहसिक है. इससे महिलाओं को फायदा मिलेगा. जाने-माने चिकित्सक डॉ गाजी शारिक अहमद ने कहा कि सीएम का घोषणा स्वागत योग्य है. इससे समाज को कई तरह से फायदा पहुंचेगा. बच्चा हॉस्पिटल के वरीय चिकित्सक डॉ कुमार शंभू नाथ ने कहा कि शराब पर पूर्ण प्रतिबंध से सामाजिक विकास का मार्ग प्रशस्त होगा. गृहणी पूनम झा ने कहा कि नीतीश कुमार ने महिलाओं की मांग को पूरा किया है. इसके लिए उसे धन्यवाद देती है. बाल अधिकार कार्यकर्ता बीबी हमीदा ने कहा कि शराबंदी से महिलाओं को घरेलू हिंसा से निजात मिलेगी. छात्रा पूर्णिमा कुमारी व छात्र चिन्मय प्रियांशु ने भी शराबबंदी की घोषणा का स्वागत करते हुए सीएम के पहल पर उसे साधुवाद दिया है.
शराब पर पाबंदी से रूकेंगे घरेलू हिंसा व सड़क हादसे
शराब पर पाबंदी से रूकेंगे घरेलू हिंसा व सड़क हादसे-फोटो नं. 50 से 58 कैप्सन-आमलोगों की प्रतिक्रिया.प्रतिनिधि, कटिहारविधानसभा चुनाव 2015 में किये वादे को पूरा करने के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गुरुवार को मद्य निषेध दिवस पर पहली अप्रैल 2015 से बिहार शराबबंदी की घोषणा की है. सीएम की इस घोषणा का जिले के […]
Prabhat Khabar App :
देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए
Advertisement