कटिहार : जिले में वाहनों का परिचालन नियमों को ताक पर रखकर हो रहा है. यही वजह है कि सड़क दुर्घटनाओं के मामले में इतनी अधिक बढ़ोतरी हाल के दिनों में देखने को मिल रही है. स्थिति यह है कि परिवाहन विभाग कान में तेल डालकर सो रहा है या वसूली में मस्त है.
शुक्रवार को कुरसेला के निकट एनएच 31 पर स्कूली बस व बालू लगदी ट्रक के बीच हुए भीषण टक्कर में दो स्कली छात्राओं सहित चार लोगों की मौत हो गयी थी. इस घटना के बाद इतना बड़ा बवाल पुलिस, प्रशासन को झेलनी पड़ी.
यदि परिवाहन विभाग व पुलिस थोड़ा मुस्तैद रहती तो इस तरह की घटना होती ही नहीं. जिले में कही भी ओवर लोडेड ट्रकों का परिचालन धड़ल्ले से जारी है. ट्रकों को पकड़कर जुर्माना करने की बजाय पदाधिकारी अपना पॉकेट गरम करने में मशगूल रहते हैं.
यही नहीं सड़कों पर तेज रफ्तार से दौड़ने वाले वाहनों पर भी कोई कार्रवाई नहीं होती है. खासकर एनएच 31 पर कितनी रफ्तार में वाहनों को चलना है इसका जिक्र नहीं है. वाहन चालक अपनी मनमर्जी से वाहनों को दौड़ाते हैं.
शुक्रवार को स्कूली वाहन व बालू लदी ट्रक के बीच हुए भीषण टक्कर इसी बात का सबूत है. इस घटना में दो मासूम सहि चार लोगों को मौत के आगोश में सुला दिया. इसके साथ ही 30 स्कूली बच्चे घायल भी हुए. सड़क दुर्घटनाओं के मामले जिस तरह बढ़ रहे हैं. उसे देखते हुए परिवाहन विभाग व पुलिस को सख्त कार्रवाई करनी चाहिए ताकि दुबारा ऐसी घटना नहीं घटे.
सवालों के घेरे में परिवाहन विभागजिले में परिवाहन विभाग की लापरवाही से सड़क दुर्घटनाओं में अप्रत्याशित वृद्धि हुई है. इसके कारण सड़क पर चलने वाले वाहन चालक, राहगीर, स्कूली बस सहित यात्री कोई भी सुरक्षित नहीं है.
ऐसे में परिवाहन विभाग के काम काज पर अंगुली उठनी स्वाभाविक है. जानकारों का कहना है यदि परिवाहन विभाग थोड़ा चुस्त हो जाय तो सड़क दुर्घटनाओं के मामले में स्वत: ही कमी आ जायेगी, लेकिन परिवाहन विभाग के तमाम पदाधिकारी व कर्मचारी को मानो इससे कोई लेना देना ही नहीं है. -ट्रैफिक नियमों का नहीं होता है पालन जिले में यातायात नियमों को ताक पर रखकर वाहनों का परिचालन हो रहा है. खासकर एनएच 31 पर ओवर लोडेड वाहनों घड़ल्ले से चल रहे हें.
जबकि कटिहार-मनिहारी सड़क पर भी ओवर लोडेड ट्रकों का परिचालन खुब हो रहा है. इसके अलावा जिले के दूसरे सड़कों पर भी ओवर लोडेड वाहनों का परिचालन हो रहा है. इन वाहनों के परिचालन से एक ओर जहां सरकार को राजस्व का चूना लग रहा है. वहीं दूसरी ओर सड़क दुर्घटनाओं के मामले में बढ़ेतरी हो रही है.
तेज रफ्तार पर कब लगेगी रोकसड़क दुर्घटना के लिए मुख्य रूप से सड़कों पर तेज रफ्तार से दौड़ने वाले जिम्मेवार है. सड़कों पर बड़ी वाहन से लेकर, दो चक्का, चार चक्का, बस यहां तक की ऑटो का परिचालन भी तेज रफ्तार से हो रहा है. तेज रफ्तार पर ब्रेक लगाने वाला कोई नहीं होने की वजह से सड़क दुर्घटनाओं के मामले में बढ़ोतरी हो रही है. जिला प्रशासन की ओर से कभी भी सड़क पर इस तरह का अभियान नहीं चलाया जाता है.