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शकील या पूनम को मिल सकती है मंत्रिमंडल में जगह

शकील या पूनम को मिल सकती है मंत्रिमंडल में जगह -सरकार गठन की कवायद प्रतिनिधि, कटिहारविधानसभा चुनाव परिणाम के बाद से जिले के सियासी तबकों के बीच नयी सरकार के गठन को लेकर चर्चाएं शुरू हो गयी है. सियासी तबकों के बीच हो रही चर्चा के केंद्र में मुख्य रूप से नीतीश मंत्रिमंडल के स्वरूप […]

शकील या पूनम को मिल सकती है मंत्रिमंडल में जगह -सरकार गठन की कवायद प्रतिनिधि, कटिहारविधानसभा चुनाव परिणाम के बाद से जिले के सियासी तबकों के बीच नयी सरकार के गठन को लेकर चर्चाएं शुरू हो गयी है. सियासी तबकों के बीच हो रही चर्चा के केंद्र में मुख्य रूप से नीतीश मंत्रिमंडल के स्वरूप को लेकर है. नीतीश के नये मंत्रिमंडल कटिहार जिला का प्रतिनिधित्व होगा या नहीं. इस बात को लेकर जानकारों के बीच बहस चल रही है. पूर्व के अनुभव के आधार पर कुछ सियासी जानकारों की मानें तो राज्य सरकार के मंत्रिमंडल में कटिहार जिला को तभी स्थान मिला है, जब सरकार खतरे में पड़ी हो. सामान्य ढंग से राज्य सरकार के मंत्रिमंडल में कटिहार की हमेशा उपेक्षा होती रही है. जबकि दूसरे सियासी जानकार का मानना है कि मंत्रिमंडल में सामाजिक संतुलन साधने के उद्देश्य नीतीश के नये मंत्रिमंडल में कटिहार को जगह मिल सकती है. -कटिहार और नीतीश सरकार का है पुराना संबंध बिहार की सियासत में ऐसे कई उदाहरण है कि सामान्य तरीके से सरकार गठन में कटिहार की हमेशा ही उपेक्षा हुई है. लेकिन जब राज्य सरकार खतरे में पड़ी है, तब कटिहार ही ऑक्सीजन देकर सरकार को बचाया है. यानी सरकार के दुर्घटनाग्रस्त होने पर ही कटिहार जिले के विधायक को मंत्रिमंडल में जगह मिली है. बलरामपुर से वर्ष 2010 में निर्दलीय चुनाव जीत कर विधानसभा पहुंचने वाले दुलाल चंद्र गोस्वामी तभी मंत्री बने. जब नीतीश सरकार खतरे में थी. वर्ष 2013 में भाजपा-जदयू के अलग होने के बाद नीतीश सरकार अल्पमत में आ गयी. तब श्री गोस्वामी ने नीतीश सरकार को समर्थन देकर सरकार को बचाया. इस समर्थन के बदले ही श्री गोस्वामी मांझी व नीतीश सरकार में श्रम संसाधन मंत्री बने. -शकील व पूनम की बन सकती है दावेदारीनीतीश कुमार के नये मंत्रिमंडल में जिला व सामाजिक संतुलन साधने के उद्देश्य से कटिहार का भी प्रतिनिधित्व मिल सकता है. सियासी जानकारों की मानें तो कटिहार जिले से चार सीट महागंठबंधन के खाते में गयी है. इसमें से तीन कांग्रेस व एक राजद के हैं. सियासी जानकार कहते हैं कि कांग्रेस के पांच विधायक मंत्री बनेंगे. ऐसे में सामाजिक संतुलन बनाये रखने के लिए कांग्रेस के तरफ से मंत्रिमंडल में एक अल्पसंख्यक चेहरा भी चाहिए. तब कदवा से निर्वाचित हुए कांग्रेसी विधायक डॉ शकील अहमद खान की दावेदारी बन सकती है. हालांकि किशनगंज जिले के कांग्रेसी विधायक तौसिफ आलम के नाम की भी चर्चा है. लेकिन उसी जिले से जदयू विधायक नौशाद आलम का जदयू कोटे से मंत्री बनाना लगभग तय है. इस आधार पर तौसिफ आलम की दावेदारी कट सकती है. ऐसे में शकील की संभावना अधिक बन पाती है. कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी व केंद्रीय नेतृत्व के चाहने पर ही शकील मंत्रिमंडल में शामिल हो सकते हैं. दूसरी दावेदारी कोढ़ा के विधायक पूनम पासवान की बनती है. युवा व महिला होने के साथ-साथ पूनम दलित समुदाय से आती है. ऐसे कांग्रेसी महिला व दलित संतुलन बनाये रखने के लिए पूनम को मंत्रिमंडल में जगह दिया जा सकता है. -सरकार गठन पर लग रही है कयासनीतीश सरकार के गठन तथा मंत्रिमंडल के स्वरूप पर सियासी तबकों में तरह-तरह की कयासें लग रही है. एक तबका पूर्व के अनुभव के आधार पर यह दावा करने से नहीं चुकते हैं कि कटिहार के कोई विधायक मंत्री नहीं बनेंगे. जबकि सियासी जानकार सामाजिक संतुलन के तहत कांग्रेसी विधायक के मंत्री बनने की संभावना जता रहे हैं. अब दो-तीन दिन बाद ही यह साफ हो सकेगा कि नीतीश के नये मंत्रिमंडल में कटिहार जिले को प्रतिनिधित्व मिला या नहीं.

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