कटिहार : नेम निष्ठा का महापर्व छठ को लेकर तैयारी शुरू हो गयी है. निगम प्रशासन ने एक ओर जहां घाटों की सफाई का कार्य शुरू कर दिया है वही कई ऐसे घाट हैं जहां की सफाई अब-तक शुरू नहीं हो पायी है, जिसके कारण लोगों में आक्रोश है. स्थानीय लोगों के अनुसार छठ घाटों की साफ-सफाई का कार्य निगम प्रशासन के द्वारा शीघ्रता पूर्वक किया जाना चाहिए.
लेकिन साफ-सफाई के काम की शिथिलता को देखते हुए लोग निजी स्तर से घाटों की सफाई व्यवस्था का काम खुद से कर रहे हैं. हालांकि नगर निगम की ओर कम मजदूर लगा कर या फिर सफाई के साधन उपलब्ध करा कर सामाजिक संगठनों या निजी स्तर पर सफाई करने का काम छोड़ दिया गया है.
छठ घाटों की सफाई एवं व्यवस्था के काम की धीमी गति को देख श्रद्धालुओं में आक्रोश व्याप्त है. कई ऐसे छठ घाट हैं, जिसे नगर प्रशासन द्वारा पूर्व में ही सीढ़ी आदि का निर्माण कर रखा है.
जहां गंदगी, सड़ा हुआ पानी एवं कचरा भरा रहने के कारण लोग चिंतित हैं. वहीं किसी-किसी घाट से लोग निजी खर्चे से पानी निकाल कर पुन: नया पानी डालने की कोशिश में लगे हैं. शुक्रवार को जब प्रभात खबर की टीम ने शहर के कुछ घाटों का जायजा लिया तो पाया कि छठ व्रतियों को परेशानी ही परेशानी उठानी पड़ेगी.
-नहर छठ घाट की सफाई व्यवस्था नदारतयह छठ घाट नगर के एक नंबर कॉलोनी के पूर्वी किनारे पर अवस्थित है. जहां नहर के दोनों किनारे पर प्रशासन की ओर से गत वर्ष सीढ़ी बनाया गया. लेकिन देख-रेख और साफ-सफाई के अभाव में कचरा एवं गंदा पानी का जमाव है. जहां नगर निगम के कुछ मजदूरों एवं सफाई के साधन का उपयोग कर महाभारत क्लब छठ पूजा समिति के कार्यकर्ताओं द्वारा सफाई का कार्य किया जा रहा है.
लेकिन जिस धीमी गति से कार्य किया जा रहा है. वह नि:संदेह छठ व्रतियों के लिए परेशानी का कारण बन सकता है. -बीएमपी छठ घाट पर धीमी गति से चल रहा कार्यनगर के मिरचाईबाड़ी क्षेत्र में स्थित बीएमपी छठ घाट में निगम की ओर से धीमी रफ्तार से घाट की साफ-सफाई एवं बैरिकेडिंग का काम किया जा रहा है. ज्ञात हो कि उस क्षेत्र का महत्वपूर्ण घाट माना जाता है.
यहां भारी संख्या में छठ पूजा के श्रद्धालु एवं व्रती पहुंचते हैं. इस घाट में पानी की अधिकता को ध्यान में रख कर मजबूत बैरिकेडिंग की आवश्यकता पड़ती है. पानी के गंदा होने के कारण पानी की सफाई किया जाना भी अति आवश्यक है. निगम द्वारा जिस गति से कार्य किया जा रहा है, वह समय पर घाट को व्यवस्थित किया जाना संदेहास्पद है.
मजबूरन श्रद्धालुओं को जैसे-तैसे पूजा करने की मजबूरी पैदा हो सकती है. इस प्रकार धीमी गति से कार्य किये जाने से श्रद्धालुओं में आक्रोश व्याप्त है. जबकि निजी स्तर, सामाजिक संगठनों, समितियों का सहयोग आपेक्षित है.
ललियाही छठ घाट की भी बदहाल है स्थितिललियाही छठ घाट महत्वपूर्ण घाट की श्रेणी में है. जहां भारी संख्या में छठ व्रतियों एवं श्रद्धालुगण एकत्र होते हैं. इस घाट में प्रशासन की ओर से कोई ठोस व्यवस्था नहीं की गयी है. इस घाट की साफ-सफाई का कार्य निगम द्वारा धीमी गति से किया जा रहा है.
यहां सार्वजनिक संघ सूर्य व्रत महोत्सव द्वारा व्यवस्था के रूप में साफ-सफाई का कार्य किया जा रहा है. जबकि निगम के कुछ मजदूर मात्र सहयोग कर रहे हैं. घाट की साफ-सफाई का काम धीरे-धीरे होने के कारण श्रद्धालुओं की चिंता बढ़ी हुई है. जबकि पानी की सफाई एवं बैरिकेडिंग आदि का कार्य अभी नहीं हो पाया है. ऐसी स्थिति में श्रद्धालुओं में आक्रोश व्याप्त है.
-काेसी छठ घाट का आधा अधूरा है कार्यकाेसी छठ घाट निगम प्रशासन द्वारा विगत दिनों सीढ़ी आदि बनवा कर छठ व्रतियों को छठ पूजा के लिए सुपुर्द किया गया था. लेकिन आज की तिथि निगम द्वारा साफ-सफाई का कार्य तो किया जा रहा है. लेकिन पानी की सफाई एवं बैरिकेडिंग कार्य अधूरा है. कार्य की धीमी गति के कारण श्रद्धालुओं की चिंता बनी हुई है.
समय पर घाट की प्रबंध व्यवस्था पूरी होगी या नहीं. हालांकि सामाजिक संगठनों द्वारा निजी स्तर से भी उक्त घाट की साफ-सफाई में सहयोग किये जाने की जानकारी मिली है. जबकि कई ऐसे भी घाट हैं, जहां लोग निजी स्तर से घाट की तैयारी करने में लगे हैं. जैसे विद्यानगर, तेजा टोला, बुद्धुचक आदि शामिल है.