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महंगाई : थाली से गायब हुआ दाल

महंगाई : थाली से गायब हुआ दाल गरीब व मध्यम वर्गीय परिवारों के किचन में नहीं बन रहा दालप्रतिनिधि, कटिहार’दाल रोटी खाओ और प्रभु का गुण गाओ’ जैसे लोकोक्ति अब बेमानी साबित होने लगी है, जिस तरह दालों की कीमत आसमान छूने लगी है. ऐसे में गरीब व मध्यम वर्गीय परिवारों के लिए दाल-रोटी जुगाड़ […]

महंगाई : थाली से गायब हुआ दाल गरीब व मध्यम वर्गीय परिवारों के किचन में नहीं बन रहा दालप्रतिनिधि, कटिहार’दाल रोटी खाओ और प्रभु का गुण गाओ’ जैसे लोकोक्ति अब बेमानी साबित होने लगी है, जिस तरह दालों की कीमत आसमान छूने लगी है. ऐसे में गरीब व मध्यम वर्गीय परिवारों के लिए दाल-रोटी जुगाड़ करना कठिन होने लगा है. दालों की कीमतों में अचानक हुए उछाल से गरीब व मध्यमवर्गीय परिवारों के थाली से अब दाल बिल्कुल गायब हो चुका है. गरीब व मजदूर वर्ग के लिए तो इस महंगाई में नमक-रोटी खाने पर मजबूर कर दिया है. आसमान छूती महंगाई से घर का बजट भी पूरी तरह गड़बड़ा गया है. अधिकांश घरों में अब दाल नजर नहीं आता है. किसी तरह लोग सब्जी-चावल या सब्जी-रोटी का सेवन करते हैं. हालांकि इन दिनों सब्जी पर भी महंगाई की मार पड़ रही है. -गड़बड़ाया घर बजटभले ही आसन्न विधानसभा चुनाव में प्रत्याशी व राजनीतिक दल तरह-तरह के जुमलों व वादों के जरिये लोगों को लुभाने की कोशिश में जुटी है, लेकिन जिस तरह दाल और सब्जी जैसी बुनियादी खाद्य सामग्री पर महंगाई की मार पड़ी है. उससे घर का बजट पूरी तरह गड़बड़ा गया है. बाजार में अरहर दाल 200 रुपये किलो, मसूर दाल व मूंग दाल सौ रुपया से अधिक हो चुका है. वहीं हरी सब्जियों में बैगन, फूल गोभी, बंधा गोभी, परवल, करैला, भिंडी जैसी हरी सब्जियां की कीमत भी आसमान छूने लगी है.-गरीब लोगों से दूर हुई दाल व सब्जीआम गरीब व मजदूर वर्ग सब्जी व दाल की बढ़ती कीमत से सर्वाधिक प्रभावित हैं. ऐसे परिवार के सामने नमक-रोटी अथवा नमक-भात के अलावा कोई दूसरा विकल्प नहीं है. रविवार को बड़ी बाजार में मिली सुनीता देवी कहती हैं कि पिछले एक सप्ताह से उनके घर सब्जी व दाल नहीं बनता है. न्यू मार्केट में प्राणपुर के महेश प्रसाद मिलते हैं. बातचीत में उन्होंने कहा कि सरकार महंगाई पर काबू करने की बात कहती है, लेकिन दाल व सब्जी की कीमत में हुई उछाल ने उनका बजट गड़बड़ा दिया है. सब्जी से सस्ता तो बाजार में सेब उपलब्ध हो गया है. कभी दाल-रोटी गरीब व मजदूर वर्ग का जायका हुआ करता था. आज वहीं जायका उनके थाली से पूरी तरह गायब हो गया है. जाने-माने व्यवसायी राजेंद्र जैन ने दाल की बढ़ती कीमतों पर अपनी दो कविता लिख डाली है. बहरहाल अभी प्याज के आंसू सूखे भी नहीं थे कि अब दाल व सब्जी लोगों को रुला रही है.-दाल व सब्जी की कीमत की स्थिति1. अरहर दाल – 180 रुपये से 220 रुपये प्रति किलोग्राम2. मसूर दाल – 120 रुपये से 140 रुपये प्रति किलोग्राम 3. मूंग दाल – 130 रुपये से 150 रुपये प्रति किलोग्राम4. फूल गोभी – 50 रुपये से 60 रुपये प्रति किलोग्राम5. बंधा गोभी – 30 रुपये से 50 रुपये प्रति किलोग्राम6. बैगन – 40 रुपये से 60 रुपये प्रति किलोग्राम7. परवल – 50 रुपये से 70 रुपये प्रति किलोग्राम8. भिंडी – 40 रुपये से 60 रुपये प्रति किलोग्राम

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