मनिहारी : गंगा घाट में शुक्रवार को पूर्णिमा के दिन लगभग दस हजार श्रद्धालु स्नान करने दूर-दूर से पहुंचे थे. गंगा तट पर स्नान करने की जगह बहुत कम ही बची है. गंगा तट पर ट्रक और गिट्टी वाली नाव से श्रद्धालुओं को काफी परेशानी हो रही है. गंगा घाट पर पचास से अधिक गिट्टी […]
मनिहारी : गंगा घाट में शुक्रवार को पूर्णिमा के दिन लगभग दस हजार श्रद्धालु स्नान करने दूर-दूर से पहुंचे थे. गंगा तट पर स्नान करने की जगह बहुत कम ही बची है. गंगा तट पर ट्रक और गिट्टी वाली नाव से श्रद्धालुओं को काफी परेशानी हो रही है. गंगा घाट पर पचास से अधिक गिट्टी वाली प्रत्येक दिन साहेबगंज से आती है. जहां पर श्रद्धालु स्नान करते हैं, वही बगल में नाव से गिट्टी अनलोड किया जाता है. इससे काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.
श्रद्धालुओं को गंगा तट पर कोई सुविधा नहीं है. गंगा तट पर प्रतिदिन सैकड़ों ट्रक गिट्टी लोड करने पहुंचते हैं. गंगा घाट पर ट्रक चालक मनमर्जी से वाहन को खड़ा कर देते हैं. गंगा तट पर ट्रैफिक व्यवस्था ना के बराबर है. गंगा तट से मनिहारी शहर प्रवेश करने के नो इंट्री का समय पालन नहीं किया जाता है. वहीं ऑटो सीधा घाट पहुंचने से जाम की स्थिति हर समय उत्पन्न हो जाती है. एक अगस्त से सावन माह शुरू होने वाला है. प्रशासन की ओर से अब तक इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया गया.
गंगा तट पर शव जलाने के लिए जगह नहीं
गंगा नदी का जलस्तर बढ़ने के बाद शव जलाने की जगह नहीं बची है. पूर्व में जहां शव जलाया जाता था, साहेबगंज से गिट्टी-पत्थर लोड कर आने वाली नाव को लगा दिया जाता है. नाव से गिट्टी पत्थर ट्रक में लोड किया जाता है. इसके कारण दूर-दूर से आने वाले लोगों को काफी परेशानी होती है. गंगा तट पर मधेपुरा, सहरसा, अररिया, पूर्णिया, कटिहार सहित दूसरे जिलों से प्रतिदिन दर्जनों शव को जलाने के लिए लोग आते हैं. अररिया से आये शाहिल कुमार व रमेश साह ने बताया कि गंगा तट पर लाश जलाने के लिए भटकना पड़ता है. उन्होंने बताया कि लाश जलाने के लिए काफी दूर जाना पड़ता है. जिससे हमलोगों को काफी परेशानी हुई. उनलोगों ने अनुमंडल प्रशासन से जल्द इस ओर कार्रवाई की मांग की. उन्होंने कहा कि घाट पर नाव व ट्रक के कारण काफी परेशानी हुई है. उनलोगों ने कहा कि गंगा तट पर गिट्टी पत्थर से लदे नाव एक साइड पर लगनी चाहिए.
कहते हैं एसडीओ
एसडीओ अरुण कुमार सिंह ने बताया कि गंगा घाट से संबंधित विभाग के पदाधिकारियों व बुद्धिजीवियों की एक बैठक जल्द बुलायी जायेगी. श्रद्धालुओं को प्रशासन की ओर से सभी सुविधा मुहैया करायी जाती है. सावन माह को लेकर बैठक की जायेगी.