कटिहार :सदर अस्पताल के सजिर्कल वार्ड में शुक्र वार को एंटीबायोटिक सूई देने से सात मरीज की स्थिति गंभीर हो गयी. सूई देने के बाद ही मरीज को बेचैनी होने लगी. कुछ ही देर में सभी मरीज बेहोश हो गये. जानकारी मिलते ही आनन-फानन में अस्पताल प्रबंधक ने उक्त वार्ड में पहुंच कर मरीजों की स्थिति गंभीर देखते हुए सभी को दूसरा इंजेक्शन दिया गया.
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सूई पड़ने से सात मरीज गंभीर
कटिहार :सदर अस्पताल के सजिर्कल वार्ड में शुक्र वार को एंटीबायोटिक सूई देने से सात मरीज की स्थिति गंभीर हो गयी. सूई देने के बाद ही मरीज को बेचैनी होने लगी. कुछ ही देर में सभी मरीज बेहोश हो गये. जानकारी मिलते ही आनन-फानन में अस्पताल प्रबंधक ने उक्त वार्ड में पहुंच कर मरीजों की […]
तब जाकर मरीज की स्थिति में सुधार हो पाया. घटना की वजह से सदर अस्पताल में भरती मरीजों के बीच हड़कंप है. मरीज व उनके परिजनों में इस बात का डर सताने लगा कि कही उनके साथ भी यही स्थिति उत्पन्न नहीं हो जाय. जानकारी के अनुसार सदर अस्पताल में इलाजरत पुरुष सजिर्कल वार्ड में एडमिट घायलों को जीएनएम पिंकी कुमारी ने एमपीसिलीन नामक एंटीबायोटिक इंजेक्शन घायल रोगियों के शरीर में दिया गया. इंजेक्शन देने के चंद मिनट पश्चात मरीजों की स्थिति बिगड़ने लगी. मरीज पसीना से तर-बतर होने लगे. मरीजों को बेचैनी होने लगी. कुछ रोगी तो बेहोश हो गये तो कुछ की स्थिति गंभीर होने लगी. इस क्रम में वार्ड में तैनात नर्स ड्यूटी में तैनात चिकित्सक व चिकित्सक पदाधिकारी को सूचना दिया.
घटना की जानकारी मिलते ही प्रभारी सीएस नवल किशोर, डीएस बी मिश्र, चिकित्सक डॉ एसपी साहा, डॉ एके देव सहित अन्य चिकित्सक अविलंब उक्त वार्ड में गये. चिकित्सक ने मरीजों की स्थिति देख अविलंब उसे डैक्सोना व एविल इंजेक्शन देने का निर्देश दिया. तब जाकर मरीजों की स्थिति में सुधार होना शुरू हुआ. इधर मरीजों की स्थिति गंभीर होते देख परिजन भी घबरा गये. मनिहारी बघमारा निवासी संतोष कुमार की मां अंजली देवी पुत्री की बिगड़ते स्थिति को देख रोना शुरू कर दिया था.
अफरा तफरी का था माहौल
सदर अस्पताल में वार्ड 40 के सजिर्कल वार्ड में एमपीसिलीन सूई पड़ने से शुक्रवार को मरीजों की स्थिति एका-एक बिगड़ने लगी. एक साथ सात-सात मरीजों की बिगड़ते स्थिति को देख सदर अस्पताल में अफरा तफरी मच गयी. दूसरे मरीज सदर अस्पताल से मिली दबाव सूई लेने से इंकार करने लगे. मरीजों ने इसकी सूचना नर्स पिंकी को दिया. इसके बाद नर्स ने इस बात की जानकारी चिकित्सक को दिया जिसके बाद जांच कर सभी सात मरीजों को इंजेक्शन का दूसरा डोज देने का आदेश दिया गया.
मरीजों के परिजन का रोना धोना शुरू
अपने-अपने मरीज की बिगड़ते स्थिति को देख मरीज के परिजनों का रोना धोना शुरू हो गया था. संतोष कुमार की मां अपने अचेत पुत्र को उठाने की बार बार कोशिश कर रही थी कभी पानी डालती तो कभी कुछ लेकिन उसका पुत्र होश में ही नहीं आ रहा था. इस कारण उसने रोना शुरू कर दिया.
वार्ड में नहीं थी फ्रि ज की व्यवस्था
सूई को फ्रिज में रखना है लेकिन जिस वार्ड में एमपीसिलीन सूई से सात मरीज की स्थिति बिगड़ी उस वार्ड में फ्रिज नहीं है. इतना ही नहीं सिर्फ भंडारण कक्ष को छोड़कर फ्रिज कहीं भी नहीं है. इस कारण भंडार कक्ष से निकलने के बाद कई दिनों दवाई बिना फ्रिज के ही वार्ड के स्टॉक में रहती है.
लगाया आरोप
मरीजों के परिजनों में भूदेव मंडल, रामभजन मंडल,दुर्गा यादव, गुलशन खातून, अंजली देवी ने कहा कि नर्स ने तकरीबन 12.30 मिनट पर वार्ड में एडमिट वैसे मरीज जिनके शरीर पर गंभीर जख्म थे उन्हें सूई दिया. सूई देने के कुछ देर बाद से ही सभी मरीज की स्थिति बिगड़ने लगी. सभी मरीजों अपने बेड पर छटपटाने लगे और उसे बैचेनी होने लगी. कुछ देर बाद सभी मरीज अपनी चेतना खोने लगे.
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