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संवेदनशील रहा है इलाका, पकड़े जा चुके हैं संदिग्ध
आरडीएक्स व बम तक भी हो चुके हैं बरामद कटिहार : नेपाल, बांग्लादेश से जुड़नेवाला कटिहार, किशनगंज, अररिया का इलाका संवेदनशील रहा है. विमान पतन कार्यालय पर हमले की जांच जारी है. पुलिस के साथ-साथ खुफिया विभाग भी जांच में जुटी है. अभी जांच जारी है. जांच के बाद ही यह पता चल सकेगा कि […]
आरडीएक्स व बम तक भी हो चुके हैं बरामद
कटिहार : नेपाल, बांग्लादेश से जुड़नेवाला कटिहार, किशनगंज, अररिया का इलाका संवेदनशील रहा है. विमान पतन कार्यालय पर हमले की जांच जारी है. पुलिस के साथ-साथ खुफिया विभाग भी जांच में जुटी है.
अभी जांच जारी है. जांच के बाद ही यह पता चल सकेगा कि यह आतंकी हमला है या फिर अपराधियों ने हथियार लूटने के मकसद से घटना को अंजाम दिया. लेकिन अब तक के इतिहास को देखते हुए यह तो कहा ही जा सकता है कि यह इलाका संवेदनशील है.
और सभी बिंदुओं पर गहन जांच की जरूरत है. सीमा पर पहले भी आतंकी पकड़ाये हैं, तो आरडीएक्स व बम विस्फोट की घटनाएं भी हुई है. वर्ष 2013 में ही लश्कर-ए-तैयबा का आतंकी बम मशीन में रूप में कुख्यात टुंडा की गिरफ्तारी व पूछताछ के बाद सीमावर्ती पश्चिम बंगाल व कटिहार से आधा दर्जन लोगों को हिरासत में लिया गया था. जाली नोट, तस्करी के लिए भारत-नेपाल सीमा क्षेत्र शुरू से चर्चित रहा है.
ऑपरेशन ब्लू स्टार के विरोध में हुई इंदिरा गांधी की हत्या के मामले के षडयंत्रकारी सिमरनजीत सिंह मान को जोगबनी बोर्डर से पकड़ा गया था. उसकी गिरफ्तारी उस समय हुई थी, जब वह नेपाल भागने का प्रयास कर रहा था. इन घटनाओं को देखते हुए यह आशंका जतायी जा रही है कि है कि कहीं यह भी आतंकी साजिश तो नहीं.
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