कटिहार: रेलवे क्षेत्र खाली भूमि पर अतिक्रमणकारियों द्वारा कब्जा कर या तो आवासीय उपयोग किया जा रहा है या फिर दुकान खोल कर छोटा-मोटा व्यवसाय किया जा रहा है. कभी-कभार रेल प्रशासन द्वारा उक्त भूमि को अतिक्रमणकारियों से मुक्त कराने के लिए अभियान चलाया जाता है. इस अभियान के जरिये जमीन खाली करायी जाती है.
किंतु कुछ दिनों बाद पुन: अतिक्रमणकारियों द्वारा कब्जा कर लिया जाता है. अतिक्रमण की भूमि को मुक्त कराने के लिए चलाये जाने वाले अभियान के दौरान छुटभैये नेताओं की चल पड़ती है और प्रभावित लोगों को गोलबंद कर आंदोलन के जरिये दबाव बना कर रेल प्रशासन द्वारा चलाये जा रहे अभियान को रोकने में सफल हो जाते हैं. इससे रेलवे को काफी नुकसान होता है.
केस स्टडी – एक
रेलवे क्षेत्र का न्यू कॉलोनी, इमरजेंसी कॉलोनी, ओटी पाड़ा, साहेब पाड़ा, गिरिजा कॉलोनी, ड्राइवर टोला, मॉडल स्टेशन बिल्डिंग परिसर, ग्रीन शॉप पाड़ा आदि जगह मुख्य हैं. इन क्षेत्रों से कई बार अतिक्रमण हटाया गया किंतु रेल प्रशासन की लुंज-पुंज व्यवस्था व देखरेख के कारण पुन: अतिक्रमणकारियों का कब्जा हो जाया करता है.
केस स्टडी – दो
रेलवे क्षेत्र जीआरपी चौक एवं न्यू स्टेशन बिल्डिंग परिसर भी अतिक्रमणकारियों से मुक्त नहीं रह पाता है. खासकर टैंपो, बस आदि का बिना किसी आदेश के रोक कर पैसेंजर को चढ़ाना एवं उतारना जैसे अतिक्रमण से जहां रेल यात्रियों एवं रेल कर्मियों को हमेशा सड़क जाम की स्थिति से जूझना पड़ता है. इस ओर रेल प्रशासन की नजर जाती है.
केस स्टडी – तीन
रेल कॉलोनियों को छोड़ अन्य जगहों क्रमश: संतोषी चौक, भगवान चौक एवं छींटाबाड़ी रेलवे गेट एवं बैगना स्थित रेलवे एरिया आदि जगहों पर भी अतिक्रमणकारियों का कब्जा है. इस प्रकार का अतिक्रमणकारियों का कब्जा वैसे रेलवे के भूखंड पर है, जहां रेलवे द्वारा तत्काल उपयोग नहीं किया जा रहा है. इस भूखंड रेलवे के राजस्व की वृद्धि होगी.