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काम कम, सोने में ज्यादा समय देते हैं क्लर्क व कर्मचारी!

।। राज किशोर ।। कटिहार : यहां से पूरे जिले में संचालित होनेवाले विकास योजनाओं, मनरेगा, स्वच्छता आदि विभागों का संचालन होता है. वहां की स्थिति काफी दयनीय थी. कार्यालय के कई बाबू गहरी नींद में थे. यही नहीं कई क्लर्क व कर्मचारी तो अपनी ड्यूटी से गायब थे. यहां मॉनिटरिंग खुद डीडीसी करते हैं. […]

।। राज किशोर ।।

कटिहार : यहां से पूरे जिले में संचालित होनेवाले विकास योजनाओं, मनरेगा, स्वच्छता आदि विभागों का संचालन होता है. वहां की स्थिति काफी दयनीय थी. कार्यालय के कई बाबू गहरी नींद में थे. यही नहीं कई क्लर्क कर्मचारी तो अपनी ड्यूटी से गायब थे. यहां मॉनिटरिंग खुद डीडीसी करते हैं. निकट ही समाहरणालय में डीएम बैठते हैं. काम कराने आये लोग कह रहे थे कि यहां जब ऐसी स्थिति है तो सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि दूर दराज के प्रखंड, अंचल सहित अन्य सरकारी कार्यालयों के पदाधिकारी कर्मचारी क्या कर रहे होंगे.

बुधवार की दोपहर विकास भवन में सन्नाटा पसरा हुआ था. कुछ लोग काम कराने के लिए बाहर में दिख रहे थे. पूछने पर पता चला डीडीसी राधेश्याम साह मनरेगा योजना की जांच पड़ताल में क्षेत्र में गये हुए हैं. उनके नहीं रहने पर क्लर्क कर्मचारियों की तो राम राज होगी ही! प्रभात खबर की टीम सबसे पहले जिला स्वच्छता कार्यालय में पहुंची. वहां एक मात्र क्लर्क अवधेश कुमार चौबे अपने काम में जुटे हुए थे.

बाकी के पदाधिकारी कर्मचारी नहीं दिखलाई दिये. पूछने पर बताया गया कि बाहर गये हैं, कब आयेंगे बता नहीं सकते. सभी टेबुल कुरसियां खाली पड़ी थी. इसके बाद विकास भवन के ऊपर की मंजिल पर गये तो डीआरडीए के निदेशक विनय कुमार राय का कार्यालय खुला था लेकिन वे मौजूद नहीं थे. ठीक उनके कार्यालय के बांये तरफ जिला ग्रामीण विकास अभिकरण के लेखा प्रशासन रवि राकेश का भी चैंबर खुला था.

पर वे अपने ऑफिस में मौजुद नहीं थे. वहां यह बताने वाला कोई नहीं था कि आखिर वे गये कहां है और कितनी देर में आयेंगे. इसके बाद हम डीआरडीए के कार्यालय में गये जहां एकदो क्लर्क अपना कार्य निपटा रहे थे. वही प्रधान क्लर्क सहित चार क्लर्क कुरसी पर बैठ कर गहरी निंद्रा में थे. कैमरा का लाइट चमकने के बावजूद उनलोगों की नींद नहीं टूटी. बाद में उनके साथी कर्मचारी ने उठाया तो एक बाबू अपनी परेशानी बताकर फोटो को डिलीट करने की आरजू करने लगे. बाकी के तीन क्लर्क यूं ही गहरी निंद्रा में सोते रहे.

उन्हें अपने पदाधिकारियों का मानो कोई डर भय नहीं हो. जायजा लेने के क्रम में हमारी टीम जिला पंचायती राज पदाधिकारी के कार्यालय में पहुंची. वहां चैंबर खुला था, परंतु जिला पंचायती राज पदाधिकारी मृत्युजंय कुमार गायब थे. कार्यालय सूना पड़ा था. कोई भी व्यक्ति बेरोकटोक वहां से कोई भी चीज आसानी से ले जा सकता था.

करीब 15 मिनट वहां रहे पर वे नहीं आये. पूछने पर उनके बारे में कोई कुछ नहीं बता सका. वहीं स्थित स्वास्थ्य बीमा योजना का कार्यालय बंद पड़ा हुआ था. अन्य कार्यालयों में कार्य ठीकठाक हो रहा था. पुन: प्रभात खबर की टीम नीचे उतरी और जिला योजना पदाधिकारी के कार्यालय को देखा जहां वे अपने कार्य में व्यस्त थे. उनके ठीक बगल के कमरे में उनके ही क्लर्क के कमरे में लिपिक सत्यनारायण मंडल को छोड़ कर कोई नहीं मिले.

उपस्थित क्लर्क ने बताया कि क्लर्क रामचंद्र प्रसाद का तबादला हो गया है, वे लेखा विभाग में प्रभार देने गये हुए हैं. सबसे बाद में टीम विकास परिशाखा में पहुंची. जहां एक मात्र अनुसेवक मनोज कुमार मंडल अपने टेबुल पर उपस्थित थे. बाकी के सभी क्लर्क दिखाई नहीं दिये.

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