कुरसेला: दालमोट फैक्टरी के मैनेजर मुकेश कुमार साह उर्फ पिंकू (29) का शव सोमवार अहले सुबह कुरसेला पहुंचते ही मातम छा गया. मुकेस के परिजन दहाड़े मार कर रो रहे थे. यहां हर कोई अपराधियों को गिरफ्तार करने की मांग कर रहा था. हर किसी क ी आंखों से आंसू छलक रहे थे. शव पोस्टमार्टम के लिए पूर्णिया ले जाने के क्रम में कुरसेला के एक पेट्रोल पंप पर कुछ देर के लिए लाकर रखा गया था.
परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल
अयोध्यागंज बाजार के टेगरिया टोला स्थित युवक के घर पर परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल था. पुत्र के वियोग में मां निर्मला देवी छाती पीट गिर कर बेसुध हो रही थी. बहन कल्पना को भाई की मौत के गम ने विक्षिप्त जैसी हालत बना दी थी. भाई दीपक बेजार हो कर रोये जा रहे थे. परिजनों को ढांढ़स बंधाने का प्रयास करने वालों का दुख के पीड़ा को देख आंखें नम हो रही थी.
भाई के आने तक डुम्मर में रखा शव
मुकेश कुमार के भाई के आने तक शव को पोस्टमार्टम बाद डुम्मर में रखा गया. शोक की स्थिति गहराने की संभावना को ध्यान में रख कर भाई के आने तक शव को घर से बाहर रखा गया. बताया गया कि देर शाम तक भाई के पहुंचने पर शव को परिजनों का अंतिम दर्शन करा कर दाह संस्कार के लिए ले जाया जायेगा.
हर रविवार को जाता था तकादा के लिए
दालमोट फैक्टरी के बकाया राशि वसूली के लिए वह बतौर मैनेजर मधेपुरा, पूर्णिया के क्षेत्रों में माह के प्रत्येक रविवार को राशि वसूली के लिए जाता था. राशि वसूल कर लाने में छह वर्षो के अंतराल में कभी भी इसे विशेष परेशानी नहीं ङोलनी पड़ी थी. मधेपुरा के अरजपुर गांव में इनका ननिहाल था. तकादा राशि लेकर लौटने पर रात होने पर यह ननिहाल में ठहर जाया करता था. माना जा रहा है कि जिस जगह इनकी हत्या हुई, उस जगह से करीब दो किलोमीटर दूर इनका ननिहाल था. रात होने के वजह से शायद यह ननिहाल लौट रहा था.
पांच हजार के तनख्वाह पर छह वर्ष से कार्यरत
उनके चाचा देवनारायण साह के अनुसार अयोध्यागंज बाजार के शंभु कुमार के दालमोट फैक्टरी में यह युवक पांच हजार के तनख्वाह पर तकरीबन छह वर्षो से कार्यरत था. काम के प्रति निष्ठा और ईमानदारी की वजह से फैक्टरी का एक विश्वास पात्र कर्मचारी बन गया था. जिस वजह से विगत के करीब छह वर्षो से दालमोट फैक्टरी में काम करता चला आ रहा था. ऐसा माना जा रहा है कि तकादे में वसूली गयी राशि को नहीं देने के कारण अपराधियों ने इसकी हत्या की होगी.
शादी के बने संबंध टूट कर बिखर गये
परिजनों ने बताया कि पूर्णिया के टिकापट्टी गांव में मुकेश की शादी पक्की हुई थी. शादी के लिए घरवालों ने लड़की निरीक्षण की प्रक्रिया भी पूरी कर ली गयी थी. वधु पक्ष के लोग खरमास निकलने पर वर का निरीक्षण करने आने वाले थे. मुकेश के चाचा देव नारायण साह ने बताया कि सरस्वती पूजा के बाद फरवरी माह के शुभ दिन में इनकी शादी का शुभ लग्न होती.
घर के तरक्की में था सहायक
परिवार में तीन भाइयों में बड़ा होने के कारण यह घर को तरक्की पर ले जाना चाहता था. पिता विष्णदेव साह के मेहनत, मजदूरी व सेना में कार्यरत भाई मुकेश कुमार और खुद के कमाई से यह घर परिवार को सुखमय भविष्य में ले जाना चाहता था. इनके सारे सपने मौत बाद अंधेरे में खो गये.
अपराधियों की गिरफ्तारी की मांग
परिजनों ने मांग किया कि हत्यारे अपराधियों की पहचान कर पुलिस शीघ्र गिरफ्तार करें. हत्यारों की गिरफ्तारी और सजा मिलने पर ही उनके दिलों की तसल्ली और शकुन मिलेगा. जिसके लिए पूर्णिया जिले के पुलिस के आला अधिकारियों से ये गुहार करते हैं.