फोटो संख्या-3 कैप्सन- जूट मिल -काम नहीं मिलने के कारण रोजी-रोटी की समस्याप्रतिनिधि, कटिहारशहर में पूर्व से स्थापित सनबायो जूट मैन्यूफैक्चरिंग प्राइवेट लिमिटेड 3 जून 2013 की बंदी के बाद 8 अक्तूबर 2014 को खुली, लेकिन 650 कामगारों की जगह सिर्फ 150 मजदूरों को ही काम मिल पाया है. वहीं 6 जुलाई 2014 को आरबीएचएम जूट मिल (नया जूट मिल) बंद हुई, जो अब तक खुली नहीं. इसके कारण इस मिल में कार्य करने वाले लगभग 1000 कामगारों के समक्ष रोजी-रोटी की समस्या उत्पन्न हो गयी है. जूट नगरी की ख्याति से प्रसिद्ध इन दोनों मिल के सुचारु रूप से नहीं चलने के कारण लोग बेहाल हैं. पुराना जूट मिल की स्थितिसन बायो मैन्यूफैक्चरिंग जूट मिल (पुराना जूट मिल) बंदी के बाद खुली, लेकिन सभी कामगारों को काम नहीं मिला. इस मिल के प्रबंधन का कहना है कि जब तक विद्युत की सप्लाई नहीं होगी, तब तक सभी कामगारों को कार्य पर नहीं लिया जायेगा. इस मिल में प्रबंधन व विद्युत विभाग की आपसी रंजिश के कारण ऐसा हो रहा है. नया जूट मिल की स्थितिआरबीएचएम नया जूट मिल 6 जुलाई को बंद कर दिया गया था, जो अब तक बंद है. मिल को प्रोडक्शन कम होने का हवाला देकर बंद किया गया था, जो अब भी बरकरार है. मिल बंद होने के बाद कई स्थानीय नेताओं ने आंदोलन किया लेकिन नतीजा सिफर निकला. कौन होगा कामगारों का रहनुमामिल के कामगार मोर्हरम खान, मोकिम खान, फेकू, मुख्तार खान आदि ने बताया कि रोजी-रोटी की समस्या उत्पन्न है. लेकिन मिल प्रशासन ध्यान नहीं दे रहा है. नेताओं के आश्वासन के बाद भी काम से नदारद है. अब हमलोगों के समक्ष कई समस्याएं उत्पन्न हो रही है.
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जूट मिल कामगारों का क्या होगा
फोटो संख्या-3 कैप्सन- जूट मिल -काम नहीं मिलने के कारण रोजी-रोटी की समस्याप्रतिनिधि, कटिहारशहर में पूर्व से स्थापित सनबायो जूट मैन्यूफैक्चरिंग प्राइवेट लिमिटेड 3 जून 2013 की बंदी के बाद 8 अक्तूबर 2014 को खुली, लेकिन 650 कामगारों की जगह सिर्फ 150 मजदूरों को ही काम मिल पाया है. वहीं 6 जुलाई 2014 को आरबीएचएम […]
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