कोढ़ा:प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र कोढ़ा में 223 दवाइयों के बदले मात्र 25 दवाई मरीजों के लिए उपलब्ध है. ऐसे में सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि स्वास्थ्य केंद्र में मरीजों का इलाज किस स्तर का होता होगा. मरीजों को चिकित्सक के द्वारा लिखी जाने वाली अधिकांश दवाएं बाहर से खरीदकर लाना पड़ता है. वैसी स्थिति में गरीब तबके के लोगों का बेहतर इलाज नहीं हो पाता है. यही नहीं महिला चिकित्सक के पदस्थापन के बाद भी महिला चिकित्सक यहां नहीं आती है. जानकारी के मुताबिक प्रखंड में एक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के अलावे तीन अतिरिक्त स्वास्थ्य केंद्र एवं 33 उपस्वास्थ्य केंद्र बनाया गया है.
जहां छह पुरुष चिकित्सक के साथ दो महिला चिकित्सक व 49 नर्स की तैनाती प्रखंड के दो लाख 89 हजार लोगों के चिकित्सा सेवा मुहैया कराने का जिम्मा सौंपा गया है. लेकिन दैनिक मरीजों की संख्या प्रत्येक दिन प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र कोढ़ा में दो सौ से अधिक होने के बाद भी स्वास्थ्य केंद्र में महज 223 दवाई के बदले मात्र 25 तरह की दवाई का रहना और उसमें भी एनटीबाइटीक दवा का न होना अपने-आप में स्वास्थ्य विभाग की पोल खोलने के लिए काफी है.
कोढ़ा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में प्रत्येक दिन सड़क दुर्घटना के शिकार मरीजों का आना-जाना लगा रहता है. लेकिन फिर भी स्वास्थ्य केंद्र में ड्रेसर, कंपाउंडर, महिला चिकित्सा बेड, सफाई कर्मचारी, एंबुलेंस, दवाई के कमी के कारण क्षेत्र के गरीब, महादलित परिवार के लोगों का इलाज नहीं हो पाता है. पैसे के अभाव में गरीब परिवार के लोग इलाज के लिए तरस जाते हैं. व्यवस्था को लेकर प्रबंधक रवि शर्मा बताते हैं कि प्रत्येक दिन की रिपोर्ट विभाग को भेजी जाती है. विभागीय निर्देश पर कार्य किया जाता है. प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ योगेंद्र प्रसाद भगत कहते हैं डॉक्टर की कमी के साथ दवाई, सहयोगी के लिए प्रत्येक माह में रिपोर्ट दिया जाता है. जो व्यवस्था है, उसी में काम करना पड़ता है.