कटिहार : जिले के शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में नए ट्रैफिक रूल को लेकर वाहन चालकों खौफ दिखने लगा. उल्लेखनीय है कि पहली सितंबर नए ट्रैफिक रूल के लागू होने के बाद वाहन चालकों की परेशानी बढ़ गयी. विभागीय सचिव के आदेश के आलोक में स्थानीय जिला प्रशासन ने ट्रैफिक रूल को कड़ाई से लागू करने के लिए रविवार से ही सघन जांच अभियान चलाने की बात कर रही है. जिला परिवहन पदाधिकारी की माने तो जिला प्रशासन ने ट्रैफिक रूल को लागू करने में कोई कसर नहीं छोड़ेगी.
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वाहन चालकों में दिखने लगा है खौफ लाइसेंस व प्रदूषण जांच को लगी भीड़
कटिहार : जिले के शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में नए ट्रैफिक रूल को लेकर वाहन चालकों खौफ दिखने लगा. उल्लेखनीय है कि पहली सितंबर नए ट्रैफिक रूल के लागू होने के बाद वाहन चालकों की परेशानी बढ़ गयी. विभागीय सचिव के आदेश के आलोक में स्थानीय जिला प्रशासन ने ट्रैफिक रूल को कड़ाई से लागू […]
विभागीय दिशा निर्देश के आलोक में नए ट्रैफिक रूल का प्रभावी क्रियान्वयन किया जायेगा. साथ ही जिला परिवहन पदाधिकारी आम लोगों से भी ट्रैफिक रूल के अनुपालन में सहयोग करने की अपील की है. इस बीच नए ट्रैफिक रूल के लागू होने के बाद से ही ड्राइविंग लाइसेंस बनाने की होड़ लग गयी है. साथ ही वाहनों का इंश्योरेंस एवं प्रदूषण सर्टिफिकेट के लिए भी भीड़ जुटने शुरू हो गयी है.
गुरुवार को प्रभात खबर की टीम ने कई प्रदूषण जांच केंद्र पर पहुंचकर जायजा लिया. प्रदूषण जांच केंद्र में वाहनों की भीड़ लगी रही. इधर लोगों में इस नए ट्रैफिक रूल को लेकर नाराजगी भी देखी जा रही है. हालांकि कोई खुलकर सामने नहीं आ रहा है. पर सोशल मीडिया में नए ट्रैफिक रूल को लेकर तरह तरह का व्यंग्य कमेंट के रूप में वायरल हो रहा है.
प्रदूषण से जांच के लिए वाहनों की उमड़ रही भीड़ : अगस्त तक प्रदूषण जांच केंद्र में यदा-कदा ही वाहन जांच के लिए पहुंचते थे. एक सितंबर के बाद से वाहनों की भीड़ उमड़ने लगी है. औसतन हर दिन पहले पांच से 10 वाहनों का प्रदूषण जांच कर सर्टिफिकेट निर्गत किया जाता था. नए ट्रैफिक रूल के आने के बाद से करीब 50 से 60 वाहन प्रत्येक दिन प्रदूषण जांच के लिए पहुंच रहे है.
कटिहार-गेड़ाबाड़ी नेशनल हाईवे 81 के हृदयगंज के पास प्रदूषण जांच केंद्र पर जब पहुंचे तो वाहनों की लंबी भीड़ देखी गयी. स्थानीय संचालक ने बताया कि यह नए ट्रैफिक रूल का असर है. पहले लग रहा था कि प्रदूषण जांच केंद्र को बंद करना पड़ेगा. लेकिन अब वाहनों की भीड़ प्रदूषण जांच के लिए बढ़ गयी है.
इंश्योरेंस के लिए भी वाहन चालको ने दिखायी दिलचस्पी : ट्रैफिक रूल के आने के बाद जिस तरह से जांच चल रही है तथा दंड का प्रावधान किया गया है. उससे वाहन चालकों में इंश्योरेंस के प्रति भी दिलचस्पी बढ़ गयी है. नेशनल इंश्योरेंस कंपनी सहित विभिन्न इंश्योरेंस कंपनी के अधिकारियों ने बताया कि पिछले चार-पांच दिन में वाहनों का इंश्योरेंस कराने वालों की संख्या बढ़ती जा रही है.
अगस्त तक इंश्योरेंस कंपनी इंश्योरेंस कराने के प्रति वाहन चालक दिलचस्पी नहीं दिखाते थे. इंश्योरेंस कंपनी के लोग भी वाहन चालकों को विभिन्न तरीकों से सूचना देते थे. पर उसका कोई रिस्पांस नहीं मिलता था. लेकिन अब वाहन चालक खुद इंश्योरेंस के लिए उनके कार्यालय पहुंच रहे है. यह एक अच्छी पहल है.
ड्राइविंग लाइसेंस बनाने की लगी है होड़
इन दिनों ऑनलाइन ड्राइविंग लाइसेंस बनाने वालों की भी होड़ लगी है. जिला परिवहन कार्यालय की माने तो पहली सितंबर से ड्राइविंग लाइसेंस बनाने वालों का आवेदन बड़ी संख्या में आने लगा है. जबकि अगस्त तक ड्राइविंग लाइसेंस बनाने वालों की संख्या काफी कम थी. यह नए ट्रैफिक रूल का प्रभाव है कि लोग अब ड्राइविंग लाइसेंस बनाने के लिए ऑनलाइन आवेदन कर रहे है.
जिला परिवहन कार्यालय के अनुसार पहले की तुलना में ड्राइविंग लाइसेंस का आवेदन अधिक आ रहा है. जिला परिवहन पदाधिकारी की माने तो नए ट्रैफिक रूल आने के बाद दंड के प्रावधान की वजह से वाहन चालक वाहनों का न केवल फिटनेस चेक कराने में जुटे है. बल्कि ट्रैफिक रूल के पालन में भी दिलचस्पी दिखा रहे है.
दंड के कड़े प्रावधान से है लोगों में नाराजगी
जिस तरह की मौजूदा व्यवस्था है. उसमें नए ट्रैफिक रूल के तहत दंड के कड़े प्रावधान किए जाने से वाहन चालकों में काफी नाराजगी देखी जा रही है. हालांकि वाहन चालक खुलकर अपनी नाराजगी नहीं जता रहे है. पर जिस तरह सोशल मीडिया में नए ट्रैफिक रूल के प्रावधान को लेकर व्यंग्यात्मक तरीके से कमेंट वायरल हो रहा है. उससे साफ जाहिर होता है कि लोगों में नए ट्रैफिक रूल के कड़े प्रावधान को लेकर अंदर ही अंदर आग सुलग रहा है.
कहते हैं डीटीओ
जिला परिवहन पदाधिकारी अर्जुन चंद्र प्रताप ने इस संदर्भ में बताया कि नए ट्रैफिक रूल के लागू होने के बाद वाहन चालकों में खौफ देखा जा रहा है. ड्राइविंग लाइसेंस के बनाने के लिए बड़ी संख्या में अब ऑनलाइन आवेदन आने लगे है. साथ ही प्रदूषण और फिटनेस के लिए भी वाहनों की तादाद बढ़ने लगी है. आने वाले दिनों में सघन जांच अभियान चलाकर इसे और प्रभावी बनाया जायेगा.
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