हड़ताल का व्यापक असर, आम लोग हो रहे परेशान
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आरटीपीएस का काम हो गया ठप, काउंटर से लौट रहे लोग
हड़ताल का व्यापक असर, आम लोग हो रहे परेशान कटिहार : जिले के विभिन्न सरकारी कार्यालयों में कार्यरत कार्यपालक सहायकों के अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाने की वजह से लोक सेवा के अधिकार के कार्यों पर व्यापक असर पड़ा है. जिले के विभिन्न सरकारी दफ्तरों में स्थित आरटीपीएस काउंटर में ताला लटक रहा है. साथ […]
कटिहार : जिले के विभिन्न सरकारी कार्यालयों में कार्यरत कार्यपालक सहायकों के अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाने की वजह से लोक सेवा के अधिकार के कार्यों पर व्यापक असर पड़ा है. जिले के विभिन्न सरकारी दफ्तरों में स्थित आरटीपीएस काउंटर में ताला लटक रहा है. साथ ही जिला मुख्यालय के विभिन्न कार्यालयों के कामकाज भी इससे प्रभावित हुआ है. खासकर छात्र-छात्राओं सहित आम लोगों को इस हड़ताल से परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.
आरटीपीएस काउंटर पर आय, आवासीय, जाति प्रमाण पत्र बनाने सहित नामांतरण आदि कराने में भी परेशानी हो रही है. यह सब काम आरटीपीएस से होता है. कार्यपालक सहायक के हड़ताल पर रहने से यह पूरा काम ठप पड़ चुका है. सरकार के अड़ियल रुख का हड़ताली कार्यपालक सहायक पर भी कोई असर नहीं पड़ रहा है. गुरुवार को भी अनिश्चितकालीन हड़ताल में शामिल कार्यपालक सहायकों ने मांग पूरी होने तक हड़ताल पर डटे रहने की बात कही है. कार्यपालक सहायक के हड़ताल होने की वजह से हर दिन बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं व आम लोग विभिन्न प्रखंड कार्यालय व जिला मुख्यालय के कार्यालयों में जाकर बैरंग लौट आते है. ऐसे लोगों का कोई काम प्रखंड में नहीं हो रहा है. प्रखंड के पदाधिकारी व कर्मी भी कार्यपालक सहायक की हड़ताल में रहने का बहाना बनाकर टालमटोल कर देते है.
लोगों का बुनियादी काम भी हो रहा है प्रभावित : कार्यपालक सहायक के अनिश्चितकालीन हड़ताल पर रहने की वजह से लोक सेवा के अधिकार अधिनियम के तहत होने वाले काम पर व्यापक असर पड़ा है. उल्लेखनीय है कि लोक सेवा के अधिकार अधिनियम के तहत मसलन आय, जाति, आवासीय प्रमाण पत्र बनाने के साथ-साथ राशन कार्ड के लिए आवेदन देना आदि भी आरटीपीएस के दायरे में रखा गया है. नामांतरण, सामाजिक सुरक्षा पेंशन व अन्य कई तरह के बुनियादी काम बीआरटीएस के माध्यम से किया जाता है.
कार्यपालक सहायक हड़ताल पर रहने की वजह से छात्र छात्राओं को आम लोगों से जुड़े कार्य प्रभावित हुआ है. विभिन्न प्रखंड, अंचल, जिला मुख्यालय, अनुमंडल मुख्यालय स्थित आरटीपीएस काउंटर व अन्य सरकारी कार्यालयों में कार्यपालक सहायक के जरिये लोक सेवा के तहत विभिन्न कार्यों को किया जाता है. पर हड़ताल की वजह से लोगों का काम नहीं हो रहा है.
सरकार ने हड़ताल को किया अवैध घोषित : राज्य सरकार की ओर से हड़ताल में शामिल कार्यपालक सहायक के प्रतिनिधिमंडल के साथ बातचीत हुई. पर वार्ता विफल ही रही. ऐसे में हड़ताल लंबा खींचने की संभावना बन रही है. इस बीच वार्ता विफल होने के बाद सामान्य प्रशासन विभाग के अंतर्गत बिहार प्रशासनिक सुधार मिशन के प्रधान सचिव आमिर सुबहानी ने एक आदेश जारी कर हड़ताल को अवैध घोषित कर दिया है. साथ ही डीएम को निर्देश दिया है
कि वैकल्पिक व्यवस्था के तहत कार्यपालक सहायक के स्थान पर दूसरे लोगों की सेवा ले लें. प्रधान सचिव ने भी माना है कि कार्यपालक सहायक के हड़ताल में रहने की वजह से आम लोगों के कार्यों पर असर पड़ा है. यही वजह है कि प्रधान सचिव ने इस तरह का आदेश जारी किया है. हालांकि इस आदेश के बाद भी हड़ताल में शामिल कार्यपालक सहायक के ऊपर कोई असर नहीं पड़ा है.
समेली प्रतिनिधि के अनुसार, प्रखंड मुख्यालय परिसर में कार्यपालक सहायकों की हड़ताल के कारण आरटीपीएस कार्यालय में लगातार चौथे दिन भी कार्य पूरी तरह से ठप रहा.. इसकी वजह से लोगों को जाति, आवासीय, पेंशन व आय प्रमाण-पत्र बनाने सहित अन्य कार्यों के लिए भटकना पड़ रहा है. खासकर छात्र-छात्राएं कार्यालय का चक्कर पूरे दिन लगा रहे हैं. गुरुवार को कार्यालय के समीप खड़े चकला मौलानगर पंचायत के बुद्धदेव कुमार,
समेली के ठाकुरबाड़ी टोला के आशीष कुमार, खैरा पंचायत के बिजली देवी आदि ने बताया कि वे लोग जाति व आवासीय प्रमाण-पत्र बनाने प्रखंड कार्यालय आये हैं. कर्मियों के हड़ताल पर रहने से उन लोगों को वापस लौटना पड़ रहा है. सीओ पंकज कुमार सिंह ने बताया कि आरटीपीएस कर्मियों की हड़ताल से लोगों को प्रमाण-पत्र बनवाने में काफी परेशानी हो रही है. उन्होंने कहा कि वैकल्पिक व्यवस्था के लिए अंचल कर्मियों को जिम्मेदारी सौंपी गयी है.
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