कटिहार : जिले के कार्यपालक सहायक हड़ताल के चौथे दिन भी गुरुवार को धरने पर डटे रहे. इस दौरान कार्यपालक सहायकों ने मिशन निदेशक बीपीएसएम के जिलाधिकारी को संबोधित पत्र जिसमें कार्यपालक सहायकों को सेवामुक्त करने के आदेश की प्रतियां जलाकर अपना विरोध प्रकट किया. संघ के जिलाध्यक्ष राजीव कुमार ने कहा की सरकार कार्यपालक सहायकों का शोषण कर रही है. मांगों को उठाने पर कार्य से मुक्त करने के साथ दूसरे को बहाल करने की धमकी दे रही है.
आखिर सरकार चाहती क्या है कि वे लोग बंधुआ मजदूर की तरह न्यूनतम मजदूरी कर गुलामी करते रहें. उन्होंने कहा कि जिनकी बदौलत मुख्यमंत्री विकसित बिहार की चर्चा करते नहीं थकते, वही कर्मी सड़क पर उतरने को मजबूर हैं. कार्यपालक सहायक पंचायत जिला से लेकर सचिवालय स्तर तक कार्यरत हैं, जो सरकारी कार्यों को जमीन पर पहुंचा रहे हैं. उन्हें सरकार सिर्फ 11,345 रुपये मानदेय के रूप में मिलता है, जो कंप्यूटर के भाड़े से भी कम है. सरकार नियोजन पत्र देती है
और लोग 50 से 60 हजार लगाकर नया कंप्यूटर सेट खरीदते हैं. कोई उधार तो कोई ब्याज पर लेकर. पर, कुछ दिन के बाद पद समाप्त हो जाता है. कार्यपालक सहायक न घर के रहते हैं न घाट के. अभी जन शिकायत बंद कर दिया गया. जिस कारण 8 वर्षों से कार्यरत सहायक सड़क पर आ गये. नौकरी के लिए उनकी आयु सीमा खत्म हो गयी. अब वे क्या करेंगे. यह एक यक्ष प्रश्न है. संघ सरकार से यही जॉब सिक्योरिटी चाहता है. चेतावनी देते हुए कहा है कि अगर कार्यपालक सहायकों के आंदोलन को दबाने का प्रयास किया जाता है तो यह आंदोलन और उग्र होगा. मौके पर संघ के सचिव अभिषेक कुमार,
मीडिया प्रभारी अशोक कुमार, गोप गुट जिला सचिव राममिलन वर्मा, उपाध्यक्ष विकेश रंजन झा, कोषाध्यक्ष सरोज कुमार राय, संयुक्त सचिव राजकुमार, संगठन मंत्री अनिल कुमार राम, प्रशांत कुमार चौधरी, अभिजीत कुमार, संगीता कुमारी, ममता कुमारी, सोनी कुमारी, निशा कुमारी, मंजू कुमारी, प्रकाश कुमार, राकेश कुमार एवं जमील अख्तर आदि थे.