कटिहारः इन दिनों कटिहार में लू से लोग परेशान हैं. ऐसा लगता है कि दिन में लू की बारिश हो रही है. नौकरी पेशा करने वालों को जहां आने-जाने में परेशानी हो रही है. वहीं व्यावसायिक वर्ग ग्रहकों की कमी की बात करते हैं. दुकानदार सुशील अग्रवाल व विक्रम अग्रवाल का कहना है कि धूप और पछिया हवा के कारण शुक्रवार को दिन भर ग्राहकों के दर्शन नहीं हुए.
डॉ प्रोसेनजीत चौधरी उर्फ बच्चू दा का कहना है कि बच्चें जब स्कूल से आते हैं, तो पीने के लिए ठंडा पानी खोजते हैं. अगर उन्हें फ्रिज का पानी, लस्सी, दही से नहीं बचाया गया तो वे टांसिल के शिकार हो जाते हैं. फिलहाल अधिकतर बच्चे टांसिल की शिकायत लेकर ही आते हैं. उनका कहना है कि अगर बच्चें को या वयस्क को उलटी के साथ चक्कर आ जाए तो ग्लोनाइन-30 कारगर दवा है. इसी तरह धूप लग कर छींक आने, सर्दी महसूस होने और बेचौनी होने पर एकोनाइट नेप-30 दवा तथा बेचैनी के साथ सिर दर्द होने पर नेट्रमम्यूर-200 दवा का सेवन करना चाहिए.
इससे काफी राहत मिलेगी. गौरतलब है कि गरमी से बचाव वाले फल, तरबूज, खीरा, ककड़ी, बेल आदि की कीमत भी आसमान छू रही हैं. यूं तो विद्यालय का समय सुबह कर दिया गया है. लेकिन लौटने के वक्त बच्चों को तपती धूप का सामना करना पड़ता है. घर लौट आने तक अभिभावकों की चिंता बनी रहती है. धूप से आने के बाद ठंडा पानी की तालाश बच्चे करते हैं. यहीं पर जरूरत है सावधानी बरतने की.
गरमी के कारण यदि फ्रिज का ठंडा पानी पी लिए तो उन्हें चिकित्सक के यहां जाने से कोई नही रोक सकता. कटिहार में यूं तो स्वयंसेवी संस्थाएं कैंप लगा कर आंख, दांत आदि का मुफ्त इलाज मुहैया कराते हैं. फिलहाल जरूरत है चौक -चौराहों पर प्याऊ लगाने की. जिला प्रशासन को भी इस ओर ध्यान देने की जरूरत है. छाछ और प्याज गरमी से राहत दिलाने में सहायक है.