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नेशनल हाइवे के किनारे संचालित हो रहे प्राइवेट व सरकारी स्कूलों में बच्चों की सुरक्षा हासिये पर

कटिहार जिले के नेशनल हाइवे 31 व 81 के किनारे कई प्रारंभिक व उच्च विद्यालय अवस्थित हैं जहां इन बच्चों की सुरक्षा भगवान भरोसे है. एनएच-31 के किनारे स्थित एक या दो विद्यालय ही हैं जहां स्थानीय स्तर से छुट्टी के समय शिक्षक की निगरानी में बच्चों को सड़क पार कराया जाता है. कटिहार : […]

कटिहार जिले के नेशनल हाइवे 31 व 81 के किनारे कई प्रारंभिक व उच्च विद्यालय अवस्थित हैं जहां इन बच्चों की सुरक्षा भगवान भरोसे है. एनएच-31 के किनारे स्थित एक या दो विद्यालय ही हैं जहां स्थानीय स्तर से छुट्टी के समय शिक्षक की निगरानी में बच्चों को सड़क पार कराया जाता है.

कटिहार : मुजफ्फरपुर में नेशनल हाइवे पर स्थित विद्यालय के बच्चों की मौत के बाद सड़क किनारे के विद्यालय के बच्चों की सुरक्षा को लेकर सवाल उठने लगा है. घटना के दो दिन बाद भी राज्य सरकार की ओर से जिला प्रशासन को सड़क किनारे स्थित स्कूल के बच्चे के सुरक्षित आवाजाही को लेकर कोई दिशा निर्देश जारी नहीं किया है.
स्थानीय शिक्षा विभाग के अधिकारियों के अनुसार राज्य सरकार की ओर से अब तक बच्चों की सुरक्षा को लेकर कोई गाईडलाइन नहीं आया है. कटिहार जिले के नेशनल हाइवे 31 व 81 के किनारे कई प्रारंभिक व उच्च विद्यालय अवस्थित हैं. इन बच्चों की सुरक्षा भगवान भरोसे है. एनएच-31 के किनारे स्थित एक या दो विद्यालय में स्थानीय स्तर से ऐसी व्यवस्था की गयी है कि छुट्टी के समय शिक्षक की निगरानी में बच्चों को सड़क पार कराया जाता है. जबकि अधिकांश विद्यालयों में बच्चों के स्कूल आने और छुट्टी के बाद घर लौटने की कोई सुरक्षा व्यवस्था नहीं है. बच्चे अपने से स्कूल आते है और छुट्टी होने के बाद घर लौटते हैं.
ऐसे में बड़ी दुर्घटना कभी भी हो सकती है. जिले में पड़ने वाले दोनों नेशनल हाइवे के किनारे स्थित स्कूल को लेकर न वाहनों के गति निर्धारण का इंडिकेटर कहीं भी है और न ही वाहनों की आवाजाही को लेकर कोई दिशा निर्देश दिया गया है. ऐसे में वाहन चालकों के मन पर वाहनों की गति निर्धारित होती है. एनएच 31 कुरसेला से चेथरियापिर तक कई प्रारंभिक व उच्च विद्यालय है. इसी पथ के फुलवरिया चौक पर प्रारंभिक विद्यालय की स्थिति तो और भी खराब है. एनएच का यहां पर टर्निंग होता है. टर्निंग पर ही विद्यालय है. ऐसे में कभी-कभी पता भी नहीं चलता है कि वाहन आ रही है. दूसरी तरफ प्राणपुर में एनएच 81 के किनारे भी कई विद्यालय है. कमोवेश सुरक्षा के मामले में सब की स्थिति एक जैसी है.
कहते हैं शिक्षक
एनएच 31 के किनारे स्थित प्रारंभिक विद्यालय के शिक्षकों ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि बच्चों को विद्यालय आर पार होने में काफी परेशानी होती है. वाहन इतनी स्पीड में रहती है कि कभी भी कोई बड़ा हादसा हो जायेगी. कई बार अधिकारियों को इस बारे में बताया गया. पर अब तक कोई पहल नहीं हुई. मुजफ्फरपुर की घटना से बच्चे भी दहशत में रहते है. सरकार की ओर से भी एनएच किनारे स्थित स्कूल को लेकर वाहनों की आवाजाही के लिए स्पष्ट दिशा निर्देश होना चाहिए. जिससे बच्चे सुरक्षित स्कूल आ जा सके.
कहते हैं अधिकारी
प्रारंभिक शिक्षा एवं सर्व शिक्षा अभियान के जिला कार्यक्रम पदाधिकारी विद्यासागर सिंह ने इस संदर्भ में बताया कि नेशनल हाइवे या अन्य सड़क किनारे विद्यालय के बच्चे की सुरक्षा को लेकर अब तक कोई गाईडलाइन सरकार की ओर से नहीं आया है. शीघ्र ही वह जिला शिक्षा पदाधिकारी से मिल कर अपने स्तर से बच्चों की सुरक्षा को लेकर पहल करेंगे, ताकि बच्चों को किसी प्रकार की परेशान न हो.

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