कटिहारः शहर के एकमात्र मेजर आशुतोष पार्क की हालत दयनीय है. इसकी सुधि लेने वाला कोई नहीं है. 90 के दशक में स्थापित यह पार्क पूर्व में शहर के लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र था. बच्चे, बूढ़े, महिला-पुरुष अपने सभी झमेलों को छोड़ कर शांति के दो पल सुकून से यहां बिताते थे. बच्चों के मनोरंजन के लिए विभिन्न प्रकार के झुले लगाये गये थे. जो अब जजर्र हो चुके है. पार्क की देख-रेख नहीं हो पाती है. नगर निगम बनने से करीब तीन साल बीत गये, लेकिन शहर में एक भी पार्क का स्थापना नहीं हो सका.
असामाजिक तत्वों का अड्डा
आशुतोष पार्क में इन दिनों असामाजिक तत्वों का अड्डा बन चुका है. सभ्य लोग सुरक्षा व्यवस्था नहीं होने के कारण पार्क में नहीं आते हैं.
रेल क्षेत्र में था पार्क
15 वर्ष पूर्व न्यू मॉडल स्टेशन बिल्डिंग के बगल में एक पार्क की स्थापना की गयी थी. इसमें रेल यात्रियों के साथ-साथ शहरी लोग भी मनोरंजन करने पहुंचते थे. इस रेलवे पार्क में रंग-बिरंगे विभिन्न किस्मों के फूल लगाये गये थे. बैठने के लिए जगह-जगह कंक्रीट के सीट का निर्माण कराये गये थे. वहीं मनोरंजन के लिए पार्क के अंदर तालाब में वोटिंग की व्यवस्था थी, लेकिन इस पार्क को भी रेलवे प्रशासन द्वारा बंद कर दिया गया. वर्तमान में कोढ़ा प्रखंड के कोलासी के समीप मनरेगा द्वारा पार्क की स्थापना की गयी है. दूर होने की वजह से शहरी लोग यहां कम ही आते हैं. रेलवे द्वारा इको पार्क की स्थापना गोशाला में किया गया है, लेकिन यहां आम लोगों की इंट्री नहीं है.