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बेटी को पिता का नाम दिलाने के लिए दर-दर की खा रही ठोकर

पांच वर्ष से बेटी के लिए इंसाफ मांग रही बिन व्याही मां आरोपित पक्ष केस उठाने को लेकर लगातार दे रहा धमकी पुलिस फिर पहुंची थी ब्लड सेंपल लेने को कटिहार : बिन ब्याही मां अपनी पांच वर्ष की बच्ची को पिता का नाम दिलाने के लिए संघर्ष कर रही है, लेकिन उसे न्याय नहीं […]

पांच वर्ष से बेटी के लिए इंसाफ मांग रही बिन व्याही मां

आरोपित पक्ष केस उठाने को लेकर लगातार दे रहा धमकी
पुलिस फिर पहुंची थी ब्लड सेंपल लेने को
कटिहार : बिन ब्याही मां अपनी पांच वर्ष की बच्ची को पिता का नाम दिलाने के लिए संघर्ष कर रही है, लेकिन उसे न्याय नहीं मिल पाया है. न्याय पाने के लिए दर-दर की ठोकरें खा रही है. उसकी बच्ची को पिता का नाम दिलाने के लिए न्यायालय के निर्देश पर दो-दो बार डीएनए टेस्ट कराया गया, लेकिन अब तक डीएनए टेस्ट की रिपोर्ट नहीं मिल पायी है. इस बीच आरोपित पक्ष की ओर से बार-बार केस उठाने का दबाव बनाया जा रहा है. इसके कारण वह दहशत के साये में अपना जीवन काट रही है.
इधर पीड़िता की बच्ची भी पांच वर्ष की हो गयी है. उक्त मामले में कार्रवाई न होते देख पीड़िता युवती एसपी डॉ सिद्धार्थ मोहन जैन से मिली. एसपी को पीड़िता ने लिखित शिकायत देते हुए न्याय की गुहार लगायी है. एसपी के निर्देश पर कोढ़ा पुलिस एक बार फिर महिला का ब्लड सेंपल लेने के पीड़िता के घर पहुंची.
तीन दिन पूर्व पुलिस पहुंची पीड़िता के घर पर : एसपी से शिकायत के बाद तीन दिन पूर्व पुलिस पीड़िता के घर आयी थी और कहा कि थानाध्यक्ष बुलाये हैं. ब्लड सेंपल लेना है. इस पर पीड़िता ने कहा कि दो बार न्यायालय में सैंपल दिया, तो अबतक मामले में कुछ नहीं हुआ. क्या बिना पिता के नाम की अपनी बेटी की शादी करा दूंगी, तब मुझे इंसाफ मिलेगा.
कहते हैं थानाध्यक्ष
थानाध्यक्ष अनोज कुमार ने बताया कि कप्तान साहब के निर्देश पर पुलिस पीड़िता को उसके घर से बुलाने के लिए भेजा गया था, ताकि उसका ब्लड सेंपल लेकर उसे फोरेसिंक लैब भेजा जा सके. संभवत: पूर्व के डीएनए सेंपल में कुछ गड़बड़ी हो गयी हो. इस कारण महिला का अबतक डीएनए रिपोर्ट नहीं आ पाया है.
शादी का प्रलोभन देकर किया था यौन शोषण
कोढ़ा प्रखंड के कोलाशी ओपी क्षेत्र निवासी मतुआ टोला में नाबालिग को शादी का प्रलोभन देकर उसके साथ यौन शोषण किया गया. जब महादलित नाबालिग गर्भवती हो गयी, तो आरोपित उससे पिंड छुड़ाने लगा. जब पीड़िता ने शादी का दबाव बनाया, तो आरोपित यह कहते हुए मुकर गया कि वह बच्चा उसका नहीं है. इस बाबत पीड़िता ने वर्ष 2013 में कोढ़ा थाने में रंजन सिंह सहित चार के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज करायी. मामले में आरोपित पक्ष को तो कुछ नहीं हुआ, लेकिन बार-बार डीएनए टेस्ट के नाम पर पीड़िता को परेशान किया जा रहा है, जबकि पीड़िता न्यायालय के आदेश पर दो बार ब्लड सेंपल दे चुकी है. इधर जब पीड़िता न्यायालय जाती है, तो उसे एक ही जबाव मिलता है कि उसका डीएनए टेस्ट रिपोर्ट अबतक नहीं मिला है. आने के बाद ही आगे की प्रक्रिया शुरू होगी.
पूर्व में भी दो बार डीएनए टेस्ट के लिए ब्लड सेंपल दे चुकी है
पीड़िता के बयान के अनुसार, वर्ष 2013 में उसने कोढ़ा थाने में प्राथमिकी दर्ज करायी थी. इसमें उसने चार लोगों को नामजद किया था. उक्त मामले में हरिजन एक्ट, शादी का प्रलोभन देकर योन शोषण कर गर्भवती बनाने का आरोप था. साथ ही उक्त मामले में तीन अन्य को हरिजन एक्ट व केस उठाने की धमकी को लेकर नामजद किया था. लेकिन उपरोक्त मामले में विपक्षी में से किसी की भी गिरफ्तार सुनिश्चित नहीं हो पायी. न्यायालय के समक्ष आरोपित रंजन सिंह ने कहा कि वह महिला झूठा आरोप लगा रही है. वह बच्ची उसकी नहीं है. इस बात पर न्यायालय ने महिला का डीएनए टेस्ट कराने का आदेश जारी किया. महिला एक बार नहीं बल्कि दो-दो बार डीएनए टेस्ट के लिए ब्लड सेंपल दिया, लेकिन अबतक डीएनए रिपोर्ट नहीं मिली है. न्यायालय में रिपोर्ट सब्मिट नहीं होने के कारण मामला अबतक लंबित है. इधर पीड़िता की पुत्री छठ्ठे वर्ष में प्रवेश कर रही है. हालांकि महिला को न्यायालय पर पूरा भरोसा है. पर, न्याय मिलने में हो रही देरी से वह अपनी बच्ची के भविष्य को लेकर परेशान है. पीड़िता ने कहा कि वह बेटी को कैसे बताये कि उसका पिता कौन है. वहीं आरोपित पक्ष केस उठाने की लगातार धमकी दे रहा है.

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