कटिहार : अंतरराष्ट्रीय रेल परियोजना के तहत कटिहार रेल मंडल के जोगबनी से विराटनगर (नेपाल) तक बिछाये जाने वाले रेल लाइन का कार्य जमीन अधिग्रहण को लेकर रुक गया है. इसके कारण दोनों देश के बीच रेल सेवा चालू होने में और देरी होने की संभावना जतायी जा रही है. वर्ष 2010-2011 की इस अंतरराष्ट्रीय रेल परियोजना के कार्य को वर्ष 2016 तक पूरा कर लेने का लक्ष्य रखा गया था, लेकिन जमीन अधिग्रहण नहीं हो पाने की वजह से यह परियोजना का कार्य पूरा नहीं हो पा रहा है. रेलवे सूत्रों की मानें, तो नेपाल में 1.8 किलोमीटर जमीन अधिग्रहण नहीं हो पा रहा है. इसी जमीन पर रेल पुलिया व रेल लाइन का कार्य होगा. हालांकि भारतीय क्षेत्र में लगभग कार्य पूरा कर लिया गया है.
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भारत-नेपाल के बीच रेल लाइन बिछाने का काम ठप
कटिहार : अंतरराष्ट्रीय रेल परियोजना के तहत कटिहार रेल मंडल के जोगबनी से विराटनगर (नेपाल) तक बिछाये जाने वाले रेल लाइन का कार्य जमीन अधिग्रहण को लेकर रुक गया है. इसके कारण दोनों देश के बीच रेल सेवा चालू होने में और देरी होने की संभावना जतायी जा रही है. वर्ष 2010-2011 की इस अंतरराष्ट्रीय […]
परियोजना पूरा होने से होगा फायदा
भारत व नेपाल का रोटी और बेटी का रिश्ता है. नेपाल व भारत के लोग अपने बेटे व बेटियों की शादी जहां एक दूसरे देश में कर प्रगाढ़ रिश्ता बना चुके हैं, वहीं दोनों देशों के बीच व्यापार भी काफी अरसे से चला आ रहा है. वर्तमान में सड़क मार्ग से नेपाल व भारत के लोग जुड़े हुए हैं. रेल परियोजना का कार्य पूरा होने से दोनों देश सीधे रेल मार्ग से जुड़ जायेंगे. व्यापार व दोस्ती में भी और प्रगाढ़ता आ जायेगी. इतना ही नहीं इससे हम चीन को भी नेपाल के रास्ते घेर सकते हैं. साथ ही सीमा पर और मजबूत हो जायेंगे.
रेल लाइन की लंबाई व परियोजना की लागत
अंतरराष्ट्रीय रेल परियोजना के तहत भारत के जोगबनी से विराटनगर नगर तक 18.60 किलोमीटर रेल लाइन बिछायी जानी है. इसमें 5.45 किमी भारतीय क्षेत्र में और 13.60 किमी नेपाल में रेल लाइन बिछायी जानी है. 1.8 किलोमीटर नेपाल में जमीन अधिग्रहण नहीं हो पा रहा है. इसमें जमीनी कार्य और पुलिया का निर्माण कराया जाना है. इस परियोजना को 407 करोड़ के लागत से पूरा किया जाना है. विभागीय सूत्रों की मानें, तो जमीन अधिग्रहण नहीं हो पाने की रिपोर्ट रेल मंत्रालय को भेज दी गयी है. रेल मंत्रालय भी इस परियोजना को जल्द पूरा करने में जुटा है.
रिपोर्ट रेल मंत्रालय को सौंप दी गयी है
जमीन अधिग्रहण नहीं हो पाने की वजह से कार्य में तेजी नहीं आ रहा है. इसकी रिपोर्ट रेल मंत्रालय को सौंप दी गयी है.
बीके मिश्रा, सीनियर डीसीएम, कटिहार रेल मंडल
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