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जिला परिषद की बैठक में छाया रहा घोटाले का मुद्दा
जिप अध्यक्ष सहित पार्षदों ने किया शोर-शराबा उच्चस्तरीय जांच कमेटी का गठन कर मामले की जांच का आश्वासन भभुआ नगर : जिले में महात्मा गांधी रोजगार गारंटी (मनरेगा) योजना में जम कर लूट खसोट हुई है. करोड़ों रुपये के घोटाले में मनरेगा से जुड़े वरीय पदाधिकारियों व कर्मियों की मिलीभगत से रुपयों का गबन किया […]
जिप अध्यक्ष सहित पार्षदों ने किया शोर-शराबा
उच्चस्तरीय जांच कमेटी का गठन कर मामले की जांच का आश्वासन
भभुआ नगर : जिले में महात्मा गांधी रोजगार गारंटी (मनरेगा) योजना में जम कर लूट खसोट हुई है. करोड़ों रुपये के घोटाले में मनरेगा से जुड़े वरीय पदाधिकारियों व कर्मियों की मिलीभगत से रुपयों का गबन किया गया है. कई सबूत हैं, इन आरोपों को प्रमाणित करते हैं. उक्त बातें जिप अध्यक्ष विश्वंभर नाथ सिंह उर्फ वकील यादव ने समाहरणालय के सभाकक्ष में बुधवार को हुई जिला परिषद की बैठक में कहीं. उनके आरोपों के बाद पार्षदों ने बैठक में जम कर हंगामा मचाया.
दरअसल, पांच माह बाद बुलायी गयी जिला परिषद की बैठक को लेकर जिप अध्यक्ष सहित अन्य सदस्यों ने अधिकारियों पर आरोप लगाया कि जिला पर्षद की बैठक नियमानुसार तीन माह पर होनी चाहिए, लेकिन उस बैठक पांच माह बाद की जा रही है. इस पर सभी पार्षद एवं
अध्यक्ष ने बैठक का संचालन कर रहे डीडीसी दिलीप कुमार के समक्ष नाराजगी प्रकट की. डीआरडीए डायरेक्टर ने उनकी बातों को सुन कर हर तीन माह पर रोस्टर बना कर बैठक कराने का आश्वासन दिया. इसके बाद जब सदन की कार्यवाही शुरू हुई तो जिप अध्यक्ष ने कहा कि जिले में संचालित मनरेगा योजना भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गयी है. मनरेगा योजना में सिर्फ योजनाएं कागजों पर पूरी की जा रही हैं. इसकी उच्चस्तरीय जांच होनी चाहिए. जिप अध्यक्ष ने इस मामले की जांच के लिए उच्चस्तरीय कमेटी गठित कर 24 घंटे के अंदर सदर को उपलब्ध कराने की बात कही. इसके अलावा जिला पार्षदों द्वारा पदाधिकारियों द्वारा जनप्रतिनिधयों के साथ किये जा रहे दुर्व्यवहार पर भी ध्यान आकृष्ट कराया. सदन में स्वास्थ्य विभाग से जुड़े कई मामलों पर चर्चा हुई, जिसमें प्रखंडों में स्थित पीएचसी और स्वास्थ्य उप केंद्रों में डॉक्टरों की नियुक्ति, साफ-सफाई, मेनू के अनुसार मरीजों को भोजन देने सहित कई मामले उठे. सीएस केबीपी सिंह इनके समाधान का आश्वासन दिया.
जीविका डीपीएम को शोकॉज : जीविका की समीक्षा के क्रम में यह पाया गया कि जीविका डीपीएम पार्षदों के सवालों का जवाब देने के लिए सदन में बिना किसी पूर्व सूचना के गायब थे, जिस पर जिप अध्यक्ष व डीडीसी ने जीविका डीपीएम को कारण बताओ नोटिस जारी करने का निर्देश दिया. बैठक में अनुपस्थित अन्य पदाधिकारियों को भी शोकॉज करने की बात कही गयी.
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