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शिक्षक नियोजन में कई मुखिया भी शक के घेरे में

कागजात की जांच हुई तेज, साक्ष्य जुटाने में जुटा निगरानी विभाग वर्ष 2003, 2005 व 2006 में हुए नियोजन के दौरान बड़े पैमाने पर हेरफेर की आशंका भभुआ (नगर) : पंचायत नियोजन इकाइयों के माध्यम से विगत वर्षों में किये गये शिक्षकों की बहाली से संबंधित दस्तावेज की जांच निगरानी अन्वेषण ब्यूरो ने शुरू कर […]

कागजात की जांच हुई तेज, साक्ष्य जुटाने में जुटा निगरानी विभाग
वर्ष 2003, 2005 व 2006 में हुए नियोजन के दौरान बड़े पैमाने पर हेरफेर की आशंका
भभुआ (नगर) : पंचायत नियोजन इकाइयों के माध्यम से विगत वर्षों में किये गये शिक्षकों की बहाली से संबंधित दस्तावेज की जांच निगरानी अन्वेषण ब्यूरो ने शुरू कर दी है. इस मामले में शिक्षक नियोजन के दौरान हुए कई तरह के फर्जीवाड़े का खुलासा हो रहा है. निगरानी विभाग हर स्तर पर बहाली और पंचायत सचिवों से लेकर मुखिया सहित पदाधिकारियों की भूमिका की भी जांच कर रहा है. दस्तावेजों की जांच में यह बात भी सामने आ रही है कि कई शिक्षकों का नियोजन मेधा सूची और रोस्टर के हिसाब से न करके पद का दुरुपयोग करते हुए कई मुखिया जी ने अपने परिचितों या फिर किसी प्रभाव के दबाव में आकर नियोजन प्रक्रिया को पूरा किया है.
निगरानी अन्वेषण ब्यूरो के इंस्पेक्टर द्विवेदी फणी भूषण ने बताया कि शिक्षक नियोजन के दौरान जिले में विभिन्न स्रोतों और शिक्षा विभाग के माध्यम से उपलब्ध कराये गये फोल्डरों और मेधा सूची में काफी गड़बड़ी पायी जा रही है. वर्ष 2003, 2005 और 2006 में जिले की विभिन्न पंचायत नियोजन इकाइयों के माध्यम से की गयी बहाली के दौरान कई मुखिया की भी मिलीभगत सामने आ रही है. निगरानी इस मामले में साक्ष्य जुटाने में लगा हुआ है. शुरुआती जांच में कई ऐसे मामले सामने आये हैं, जिसमें मुखिया की मिलीभगत से नियमावली को ताक पर रख कर बहालियां की गयी हैं. नियोजन के दौरान मेधा सूची और रोस्टर का पालन नहीं करते हुए कई पंचायतों में मनमुताबिक बहाली की गयी है.
सर्टिफिकेट की जांच भी शुरू : हाइकोर्ट के निर्देश के बाद पंचायत नियोजन इकाइयों के माध्यम से जितने भी शिक्षक बहाल हुए हैं, उनमें जिले से 5252 फोल्डर विभिन्न पंचायत नियोजन इकाइयों के माध्यम से निगरानी को उपलब्ध कराने थे. इसकी जगह निगरानी को 4803 फोल्डर प्राप्त हुए हैं. निगरानी की जांच अब धीरे-धीरे रफ्तार पकड़ चुकी है. अभ्यर्थियों द्वारा जमा किये गये शैक्षणिक सर्टिफिकेटों की भी जांच शुरू की जा चुकी है. संस्थानों से जारी किये गये सर्टिफिकेटों की भी जांच शुरू हो चुकी है.
अब तक 59 पंचायत सचिवों पर हुई है कार्रवाई : निगरानी जांच में अब तक कुल 59 पंचायत नियोजन इकाइयों पर प्राथमिकी दर्ज करायी जा चुकी है. वहीं अन्य 15 पंचायत सचिवों पर फोल्डर और मेधा सूची जमा नहीं करने के मामले में प्राथमिकी दर्ज करने की कार्रवाई चल रही है. इस मामले में अब नियोजन इकाई के अध्यक्ष मुखिया जी भी जांच के घेरे में आ चुके हैं.

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