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कैमूर में एक डॉक्टर ने एक दिन में किये 413 ऑपरेशन
स्वास्थ्य विभाग में गड़बड़ी : रोज नया खुलासा विकास कुमार भभुआ कार्यालय : कैमूर जिले के स्वास्थ्य विभाग में 2009-2011 के बीच हुई गड़बड़ी में रोज नये-नये खुलासे हो रहे हैं. पुलिस की जांच में यह गड़बड़ी साढ़े पांच करोड़ से बढ़ कर छह करोड़ 34 लाख तक पहुंच गयी है. वहीं, डॉ हीरा प्रसाद […]
स्वास्थ्य विभाग में गड़बड़ी : रोज नया खुलासा
विकास कुमार
भभुआ कार्यालय : कैमूर जिले के स्वास्थ्य विभाग में 2009-2011 के बीच हुई गड़बड़ी में रोज नये-नये खुलासे हो रहे हैं. पुलिस की जांच में यह गड़बड़ी साढ़े पांच करोड़ से बढ़ कर छह करोड़ 34 लाख तक पहुंच गयी है. वहीं, डॉ हीरा प्रसाद सिंह नामक एक डॉक्टर द्वारा एक दिन में 413 फर्जी बंध्याकरण (ऑपरेशन) करने का खुलासा हुआ है. इस डॉक्टर ने 19 दिसंबर, 2010 को उक्त ऑपरेशन एक ही जगह पर नहीं, बल्कि जिले के नुआंव, पुसौली, रामपुर व भभुआ प्रखंडों में जाकर किये. ये सारे तथ्य कागजों पर दिखाये गये हैं.
इस गड़बड़ी में उक्त डॉक्टर व सात और एनजीओ चलानेवालों के नाम सामने आये हैं. एसपी हरप्रीत कौर ने उन सभी की गिरफ्तारी का आदेश दिया है. इनमें डॉ हीरा प्रसाद सिंह, प्रकाश हॉस्पिटल दुर्गावती के मालिक डॉ अखिलेश यादव, ग्राम विकास एवं सेवा संस्थान के सचिव सुनील उपाध्याय, डॉ इद्रीश जौहर, विमला प्रसूता केंद्र के डॉ भुनेश्वर सिंह, ग्राम सेवा संवर्धन परिषद के पवरा के राजीव सिंह, सुविधा हेल्थ केयर के संजीव सिंह व जामिया मीलिया अशरफुल उलूम, डड़वा, मोहनिया के अकबर अली नाम शामिल है.
इस मामले के अनुसंधानकर्ता (आइओ) डीएसपी (मुख्यालय) दिलीप कुमार झा ने जांच के दौरान पाया कि पुसौली के जिस हॉस्पिटल में एक दिन में 222 ऑपरेशन दिखाये गये हैं, वहां वैसा कोई हॉस्पिटल नहीं है, जहां एक साथ इतनी बड़ी संख्या में महिलाओं को रखा जा सके.
साथ ही डॉ हीरा प्रसाद ने एक दिन में 413 और छह दिनों में 725 फर्जी ऑपरेशन दिखा कर 13 लाख 86 हजार रुपये का अवैध भुगतान ले लिया है. 2009-11 के बीच कैमूर जिला स्वास्थ्य समिति में हुआ साढ़े पांच करोड़ का घोटाला जांच के दौरान लगातार बढ़ता ही जा रहा है. अब यह घोटाला छह करोड़ 34 लाख तक पहुंच गया है.
गौरतलब है कि उक्त मामले में सिविल सर्जन रासबिहारी सिंह ने 2012 में इस घोटाले के लिए जिम्मेवार मानते हुए तत्कालीन सिविल सर्जन डॉ उचित लाल मंडल, जिला कार्यक्रम प्रबंधक शाहिद कमाल व मुख्य अभियुक्त जिला लेखा प्रबंधक कमलेश वर्मा के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करायी थी. घोटाले की जांच के दौरान पिछले दिनों चार और लोग संलिप्त पाये गये थे. इनमें एनजीओ संचालक नरसिंह प्रसाद सिंह, वरुण सिंह, नूरहसन व स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत डाटा ऑपरेटर विकास कुमार के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी हुआ था.
सभी पुलिस गिरफ्त से दूर हैं. इस संबंध में एसपी हरप्रीत कौर ने बताया कि जांच के दौरान उक्त घोटाले में कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आ रहे हैं. यह सरकारी राशि गबन का काफी गंभीर मामला है. इसमें जो लोग भी दोषी हैं, उन्हें किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जायेगा. आइओ की अनुशंसा पर अभी और आठ लोगों को गिरफ्तार करने का निर्देश दिया गया है. साथ ही, कई लोगों के नाम इस घोटाले में सामने आये हैं. उनके खिलाफ साक्ष्य जुटाये जा रहे हैं.
इन्हें अवैध भुगतान
डॉ अखिलेश यादव: प्रकाश हॉस्पिटल, दुर्गावती-~352500
राजीव सिंह : ग्राम सेवा संवर्धन परिषद, चांद-~6599000
सुनील उपाध्याय : ग्राम विकास व स्वास्थ्य संगठन-~1510500
डॉ हीरा प्रसाद सिंह : कॉन्ट्रैक्ट डॉक्टर-~1386000
डॉ इद्रीश जौहर : ~1963000
संजीव सिंह : सुविधा हेल्थ केयर-~181000
अकबर अली : जामिया मिलिया, अशरफल उलूम : ~2401000
डॉ भुनेश्वर सिंह : विमला प्रसूता
केंद्र-~460500
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