अनदेखी. अब बस नाम का रह गया उपभोक्ता फोरम
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दो साल से अध्यक्ष नहीं अधर में 186 मामले
अनदेखी. अब बस नाम का रह गया उपभोक्ता फोरम लोगों को नहीं मिल पा रहा न्याय भभुआ (नगर) : कलेक्ट्रेट परिसर में स्थित जिला उपभोक्ता फोरम कार्यालय बस नाम का ही रह गया. करीब दो वर्षों से यहां किसी अध्यक्ष की नियुक्ति हुई है और न ही पर्याप्त संख्या में कर्मी ही हैं. इससे फरियादियों […]
लोगों को नहीं मिल पा रहा न्याय
भभुआ (नगर) : कलेक्ट्रेट परिसर में स्थित जिला उपभोक्ता फोरम कार्यालय बस नाम का ही रह गया. करीब दो वर्षों से यहां किसी अध्यक्ष की नियुक्ति हुई है और न ही पर्याप्त संख्या में कर्मी ही हैं. इससे फरियादियों को आवेदन देने के बावजूद न्याय नहीं मिल पा रहा है. जिला उपभोक्ता फोरम में अध्यक्ष पद खाली होने से लोगों को न्याय मिलने की राह कठिन बनी हुई है. जानकारी के अनुसार, जिला उपभोक्ता फोरम में फिलहाल 186 मामले लंबित पड़े हैं, जिन्हें न्याय पाने की दरकार है. शहर से लेकर ग्रामीण इलाकों के लोगों की विभिन्न शिकायतें सुनवाई के अभाव में पेंडिग पड़े हुए हैं.
1995 में हुई थी फोरम की स्थापना
जिला उपभोक्ता फोरम की स्थापना 1995 में हुई थी. स्थापना काल के समय शमशेर बहादुर सिंह प्रथम फोरम अध्यक्ष के रूप में प्रतिनियुक्त थे. उपभोक्ता फोरम स्थापना काल से लेकर जुलाई 2016 तक विभिन्न प्रकार के 862 मामले फोरम में पंजीकृत हुए, इनमें से 676 मामलों का निष्पादन भी किया गया. अक्तूबर 2014 से अध्यक्ष पद पर किसी की नियुक्ति नहीं होने से लंबित पड़े 186 मामलों का निष्पादन नहीं हो सका. समय से न्याय नहीं मिल पाने के कारण लोग सरकारी तंत्र से काफी आक्रोशित हैं.
एक कर्मी के सहारे चल रहा कार्यालय
उपभोक्ता फोरम में अध्यक्ष सहित एक महिला व एक पुरुष सदस्य पद की प्रतिनियुक्ति मामलों की सुनवाई के लिए जरूरी है. फोरम में फिलहाल एक सदस्य वर्तमान में हैं. वहीं एक महिला सदस्य का कार्यकाल आठ मार्च 2016 को समाप्त हो गया. अध्यक्ष का पद अक्तूबर 2014 से रिक्त पड़ा है. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार कर्मियों के 10 पद इस विभाग में सृजित है. इसमें एक कर्मी का एक फरवरी 2017 की सेवा पूरी हो जायेगी. उसके बाद सिर्फ एक कर्मी के सहारे ही विभाग चलेगा. कर्मियों की रिक्ति को संविदा पर बहाल किये का पत्र भी मुख्यालय से प्राप्त है. इसके बावजूद संविदा पर बहाली किये जाने की कोई कार्रवाई नहीं हुई.
वापस लौट जाते हैं फरियादी
फोरम में अध्यक्ष की नियुक्ति नहीं होने से कई मामले पेंडिंग पड़े हुए हैं. उपभोक्ता फोरम में अपनी शिकायत लेकर पहुंचने वालों को अब बैरंग वापस लौटना पड़ता है. गौरतलब है कि जनहित से जुड़े पांच लाख तक के मामलों की सुनवाई उपभोक्ता फोरम से होती है. मगर यहां उपभोक्ता कार्यालय होने के बावजूद अपने को ठगा महसूस कर रहे हैं, क्योंकि जब पूर्व के ही 186 मामले लंबित पड़े हैं तो नये मामलों का क्या होगा.
नियुक्ति के लिए चल रही प्रक्रिया
उपभोक्ता फोरम में अध्यक्ष पद के नियुक्ति की प्रक्रिया चल रही है. प्रक्रिया पूरी होते ही यहां का कामकाज सुचारू ढ़ंग से संचालित होगा. लंबित मामलों का शीघ्र निपटारा किया जायेगा.
राजेश्वर प्रसाद, डीएम कैमूर
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