टूट रही छत की ढलाई, दिख रहे बालू फ्लैग…..दुर्दशा. 26 लाख की लागत से वर्ष 2009 में हुआ था जायसवाल प्लस टू विद्यालय में पांच कमरों का निर्माण बरामदे में भी उभरे हैं कई गड्ढेप्रतिनिधि, नुआंव (कैमूर) एक तरफ जहां स्कूल भवन बनाने की गुणवत्ता पर सरकार तरह-तरह के नियम बना रही है. इसके बावजूद ठेकेदार द्वारा भवन निर्माण में घटिया सामग्री का इस्तेमाल कर छात्र-छात्राओं का जीवन दावं पर लगाने से गुरेज नहीं कर रहे. महज छह वर्ष पूर्व वर्ष 2009 में जायसवाल प्लस टू विद्यालय के दक्षिणी छोर पर इंटर की छात्राओं की पढ़ाई के लिए ग्रामीण कार्य विभाग के द्वारा 26 लाख रुपये की लागत से पांच कमरों का निर्माण कराया गया. विभाग के कनीय अभियंता द्वारा पांच कमरों की छतों की ढलाई इतनी घटिया सीमेंट व बालू से की गयी है कि छत की ढलाई की परतें उपले की राख की तरह मिट्टी समान टूट रही है व उसके नीचे बालू दिख रहा है. नीचे कमरों के बरामदे में भी कई जगह गड्ढे उभर आये हैं. लेकिन, इसकी विद्यालय की ओर से सुधि लेने वाला कोई नहीं है. विद्यालय के पूर्व प्रधान लिपिक गिरीश नारायण त्रिपाठी ने बताया कि बरसात के दिनों में कमरे की छत पानी का रिसाव भी होता था, जो आने वाले समय में भवन के लिए घातक होगा. भवन निर्माण गुणवत्ता की अनदेखी क्यों ?करीब 2300 छात्र-छात्राएं इस स्कूल में पढ़ते हैं. इस विद्यालय के निर्माण के वक्त विद्यालय प्रबंधन समिति क्या कर रही थी? भवन निर्माण में हो रहे घटिया काम को रोकना क्या उनका दायित्व नहीं.कुव्यवस्था का शिकार है विद्यालय पिछले एक वर्ष से विद्यालय के वर्ग नौ9 ए की तीन खिड़कियों को विद्यालय प्रबंधन समिति द्वारा निकाला गया है. ठंड के इस मौसम में क्लास में जहां पढ़ाई के वक्त बच्चे ठिठुर रहे हैं, वहीं विद्यालय की बाउंड्री सड़क से सटी होने के कारण चोर की भी आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता है. हर बार टाल जाते हैं प्रबंधन समिति के सदस्यप्रधानाध्यापक राम अवध सिंह ने बताया कि 2009 में वह यहां नहीं थे. छह माह से दुकानदार के पास खिड़की बना कर रखी हुई है. छह माह में चार बार समिति के सदस्य हारून अंसारी को खिड़की लगवाने के लिए बोला जा चुका है. हर बार मिस्त्री भेजने की बात कह कर मामले को टाल जाते हैं. फोटो:-1.टूटी हुई छत की ढ़लाई 2.भवन के बरामदे में उभरे हुए कई गड्ढ़े 3.एक वर्षों से निकाले गये क्लास की तीन खिड़कियां
BREAKING NEWS
टूट रही छत की ढलाई, दिख रहे बालू
टूट रही छत की ढलाई, दिख रहे बालू फ्लैग…..दुर्दशा. 26 लाख की लागत से वर्ष 2009 में हुआ था जायसवाल प्लस टू विद्यालय में पांच कमरों का निर्माण बरामदे में भी उभरे हैं कई गड्ढेप्रतिनिधि, नुआंव (कैमूर) एक तरफ जहां स्कूल भवन बनाने की गुणवत्ता पर सरकार तरह-तरह के नियम बना रही है. इसके बावजूद […]
Prabhat Khabar App :
देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए
Advertisement