प्रशासन कमजोर, ओवरलोडिंग तेज फ्लैग…पुरानी समस्या.पुलिसिया कार्रवाई कमजोर होते ही, शुरू हुई ओरलोडिंगट्रक मालिकों से अधिक रकम लेकर होती है बालू की ओवरलोडिंगप्रशासनिक अधिकारियों की भी होती है मिलीभगत प्रतिनिधि, मोहनिया (नगर) कैमूर जिले में फिर से ट्रकों की ओवरलोडिंग शुरू हो गयी है. कुछ दिन पहले एसपी के निर्देश पर इस पर नकेल के लिए पुलिस ने कार्रवाई शुरू की थी. लेकिन जैसे ही कार्रवाई धीमी हुई ट्रकवालों ने फिर अपनी मनमानी शुरू कर दी थी. एसपी ने जब ओवरलोडिंग के खिलाफ कार्रवाई शुरू की थी, तो कई ट्रक से भारी जुर्माना वसूला गया था. इससे चेकपोस्ट पर ट्रकों को पार करानेवाले इंट्री माफियों पर भी काफी हद तक नकेल कस गयी थी. लेकिन, इधर कुछ दिनों से फिर ओवरलोडिंग का खेल शुरू हो गया. ओवरलोडेड ट्रकों में अधिकतर ट्रक बालू लदे होते हैं. ये ट्रक सोन के दियारा क्षेत्र से बालू लोड कर जीटी रोड के अलावा अन्य रास्तों के सहारे बिहार व यूपी के अन्य क्षेत्रों में बालू का सप्लाइ करते हैं. अधिक कमाई की लालच में ट्रक मालिक ट्रकों पर ओवरलोडिंग करते हैं. इससे सबसे ज्यादा नुकसान सड़कों को होता है. सूत्रों के अनुसार, बालू का टेंडर लेनेवाले व्यक्ति एक ट्रक पर बालू लोड करने के नाम पर पर 12 हजार रुपये लते हैं. इसमें तीन हजार रुपये अधिकारियों के नाम पर लिये जाते हैं. ट्रकों पर बालू लोड होने के बाद अधिकारी इसे अासानी से पार करा देते हैं. ध्यान देनेवाली बात है कि कई बार ओवरलोडिंग के खिलाफ अभियान चलाया गया. इस दौरान कई ट्रक जब्त हुए. कई ड्राइवर भी पकड़ाये, पर किसी बालू माफिया की गिरफ्तारी नहीं हुई. मजबूरी में करते हैं ओवरलोडिंग हम लोग अंडर लोड बालू से ही खुश है. लेकिन, हमारी मजबूरी है कि आवेरलोडिंग करनी पड़ती है. बालू ठेकेदार रॉयल्टी के नाम पर एक ट्रक से 12 हजार रुपये लेते हैं. इसमें कि तीन हजार रुपया अधिकारियों को देने के नाम पर लिया जाता. बालू की सप्लाइ के दौरान ट्रक की रिपेयरिंग, डीजल व ड्राइवर को वेतन भी देना होता है. ऐसे में ओवरलोड मजबूरी बन जाती है. हर थाने को देना होते हैं सौ-सौ रुपयेट्रक मालिक ओमप्रकाश सिंह भी खुद को मजबूर ही बताते हैं. श्री सिंह कहते हैं कि बालू ठेकेदार काफी मोटी रकम वसूलते हैं. ऐसे में ओवरलोडिंग मजबूरी हो जाती है. ज्यादा बालू नहीं लादेंगे, तो कुछ फायदा नहीं बचेगा. इसके अलावा नदी से बालू लेकर चलने के बाद जितने भी थाने एनएच दो पर हैं, उन्हें भी सौ-सौ रुपये देने पड़ते हैं. कड़ाई के बाद भी चोरी छिपे निकल जाते हैं ओवरलोडेड ट्रकअब ओवरलोडिंग कम हुई है. हमेशा कोशिश रहती है कि ओवरलोडिंग न होने दिया जाये. इसके बावजूद कुछ ओवरलोडेड ट्रक चोरी-छिपे निकल रहे हैं. लेकिन, फिर भी हम इस पर पूरी तरह से शिकंजा कसने का प्रयास जारी है. अनिमेष कुमार, जिला परिवहन पदाधिकारी ……………फोटो……………….1.ओम प्रकाश सिंह, डब्लू सिंह का फोटोट्रक का भी फोटो है
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प्रशासन कमजोर, ओवरलोडिंग तेज
प्रशासन कमजोर, ओवरलोडिंग तेज फ्लैग…पुरानी समस्या.पुलिसिया कार्रवाई कमजोर होते ही, शुरू हुई ओरलोडिंगट्रक मालिकों से अधिक रकम लेकर होती है बालू की ओवरलोडिंगप्रशासनिक अधिकारियों की भी होती है मिलीभगत प्रतिनिधि, मोहनिया (नगर) कैमूर जिले में फिर से ट्रकों की ओवरलोडिंग शुरू हो गयी है. कुछ दिन पहले एसपी के निर्देश पर इस पर नकेल के […]
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