जिले में तीन हजार से अधिक मधुमेह रोगी विश्व मधुमेह दिवस पर सदर अस्पताल में लगाया गया जांच शिविर जिले में 90 से 95 प्रतिशत लोग टाइप-टू डायबिटिज से पीड़ितगांवों में भी 10 प्रतिशत मधुमेह के मरीजप्रतिनिधि, भभुआ (सदर)विश्व मधुमेह दिवस को लेकर शनिवार को सदर अस्पताल के ओपीडी स्थित प्रथम तल पर स्वास्थ्य विभाग की ओर से मधुमेह (डायबिटिज) जांच शिविर लगाया गया. शिविर में स्क्रीनिंग सहायक शशि शंकर कुमार ने सौ से अधिक मरीजों की जांच की. शिविर का शुभारंभ अस्पताल उपाधीक्षक डाॅ प्रह्लाद सिंह ने किया. डॉ सिंह समेत डाॅ जितेंद्र नारायण सिंह, अस्पताल प्रबंधक गिरीश कुमार झा आदि ने ब्ल्ड शुगर लेवल की जांच करायी. इस दौरान मधुमेह रोग की रोकथाम पर जिले में कार्य कर रही नोवा ऑर्डिक्स एजुकेशन के टीम लीडर शशि शंकर ने बताया कि पूरे जिले में तीन हजार से अधिक रजिस्टर्ड मुधमेह रोगी हैं, जिनमें भभुआ में एक हजार, मोहनिया अनुमंडल में 1200 व रामगढ़ में 300 से अधिक मधुमेह रोगी है. सभी मरीजो का इलाज व जांच हर गुरुवार को की जाती है. मधुमेह रोगियों में 10 प्रतिशत मरीज ग्रामीण इलाकों के भी है. गौरतलब है कि पिछले 10 सालों में जिले में डायबिटिज के मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ी है. दो प्रकार की डायबिटिज सदर अस्पताल के उपाधीक्षक डाॅ प्रह्लाद सिंह ने बताया कि डायबिटीज के दो प्रकार का होते हैं. एक टाइप-टू डायबिटीज व दूसरा टाइप-वन डायबिटीज. उन्होंने बताया कि 90 से 95 प्रतिशत लोग टाइट-टू डायबिटीज से पीड़ित है. टाइप-टू डायबिटीज को दवा के जरिये कंट्रोल किया जा सकता है. वहीं, टाइप-वन डायबिटीज केवल बच्चों में पाया जाता है. उनमें इंसुलिन देकर इस बीमारी पर काबू पाया जा सकता है. डाॅ सिंह बताते हैं कि असंयमित जीवनशैली, फास्ट फूड व व्यायाम नहीं करने से डायबिटीज के मरीजों की संख्या में काफी तेजी से वृद्धि हुई है. पहले मधुमेह 40 से 45 साल के प्रौढ़ लोगों में पाया जाता था, लेकिन, अब युवाओं में भी काफी तेजी से यह रोग फैल रहा है. डायबिटीज के लक्षणडाॅ प्रह्लाद सिंह ने बताया कि लगातार पेशाब लगना, अत्यधिक प्यास लगना, भूख लगना, वजन घटना, थकान लगना, रुचि कम होना और ध्यान भंग होना, शरीर में झुनझुनी आना, लगातार संक्रमण होना, घावों का धीरे-धीरे ठीक होना और उल्टियां व पेट दर्द आदि की शिकायत होना डायबिटीज के लक्षण हो सकते हैं.डायबिटीज के मरीज बरतें सावधानीडायबिटीज के मरीज को हृदय संबंधी समस्याएं, अंधापन, किडनी फेलियोर व शरीर के निचले हिस्से का काम करना बंद होने जैसी समस्याओं का शिकार होना पड़ता है. इसलिए जरूरी है कि वह ब्लड ग्लूकोज लेवल, ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्राल को नियंत्रित रखे, जाने आनेवाली बीमारियों को रोक सकता है. विशेषज्ञों की माने तो डायबिटीज के मरीजों को रोजाना मॉनीटरिंग की जरूरत है क्योंकि, यह बीमारी वंशानुगत, अत्यधिक वजन, अनियंत्रित भोजन, शारीरिक कसरत का अभाव, हाई ब्लड प्रेशर, इम्पेयर ग्लूकोज टालरेंस और गर्भवती मां को पोषक आहार नहीं मिलने से भी हो सकता है इसलिए इन चीजों को लेकर विशेष सावधानी बरतने की आवश्यकता है………………..फोटो………….3. शिविर का हुआ आयोजन………………………………..
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जिले में तीन हजार से अधिक मधुमेह रोगी
जिले में तीन हजार से अधिक मधुमेह रोगी विश्व मधुमेह दिवस पर सदर अस्पताल में लगाया गया जांच शिविर जिले में 90 से 95 प्रतिशत लोग टाइप-टू डायबिटिज से पीड़ितगांवों में भी 10 प्रतिशत मधुमेह के मरीजप्रतिनिधि, भभुआ (सदर)विश्व मधुमेह दिवस को लेकर शनिवार को सदर अस्पताल के ओपीडी स्थित प्रथम तल पर स्वास्थ्य विभाग […]
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