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सैप जवानों की हड़ताल कल से

भभुआ (सदर): बिहार विधानसभा चुनाव को नजदीकी को देखते हुए राज्य व जिले स्तर पर कर्मचारियों के आवाज उठाने वाले संघ और समितियों ने सरकार को घेरने की तैयारी शुरू कर दी है. पहले कृषि समन्वय संघ उसके बाद स्वास्थ्य विभाग के संविदा कर्मचारी संघ ने अपनी मांगों के समर्थन में हड़ताल पर हैं. उधर, […]

भभुआ (सदर): बिहार विधानसभा चुनाव को नजदीकी को देखते हुए राज्य व जिले स्तर पर कर्मचारियों के आवाज उठाने वाले संघ और समितियों ने सरकार को घेरने की तैयारी शुरू कर दी है. पहले कृषि समन्वय संघ उसके बाद स्वास्थ्य विभाग के संविदा कर्मचारी संघ ने अपनी मांगों के समर्थन में हड़ताल पर हैं. उधर, गृहरक्षक भी अपनी मांगों के समर्थन में हड़ताल पर हैं और अब बारी सैप जवानों की है. सैप जवान भी सरकार से अपनी मांग के लिए हड़ताल करने की तैयारी में जुटे हुए है. नौ जून से सभी सैप जवान सैपर्स वेलफेयर के बैनर तले हड़ताल पर जाने की धमकी भी दे चुके हैं. सबको पता है कि इस चुनावी मौसम में जितना फायदा मिल सके उतना ही बढ़िया है.
गृहरक्षक 20 मई से हैं हड़ताल पर: सैप जवानों की हड़ताल पर जाने की घोषणा से पूर्व ही बिहार गृह रक्षावाहिनी के स्वयंसेवक अपनी मांगों के समर्थन में पिछले 20 मई से हथियार जमा कर हड़ताल पर हैं. गृहरक्षकों की हड़ताल पर रहने से जिले में कानून व्यवस्था और बैंक सहित अन्य प्रतिष्ठानों की जिम्मेवारी सैप जवानों के कंधे पर है. परंतु, अब सैप जवान भी हड़ताल पर जाने की घोषणा कर चुके हैं, जिसके चलते जिले में कानून व्यवस्था को लेकर गंभीर संकट उत्पन्न हो सकती है. जिला सैपर्स वेलफेयर एसोसिएशन की एक बैठक रविवार को पुलिस लाइन में आयोजित की गयी, जिसमें उपस्थित सैप जवानों की अध्यक्षता कर रहे अध्यक्ष मनोरंजन सिंह ने बताया कि सरकार कई वर्षो से सैप जवानों के साथ भेदभाव पूर्ण रवैया अपनाये हुए हैं. अगर, सरकार हमलोगों की नौ सूत्री मांगों की नहीं मानती है तो बाध्य हो कर हड़ताल करने पर मजबूर होंगे.
आशा भी जायेंगी 21 से हड़ताल पर: स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत आशा ने भी सरकार से अपनी 11 सूत्री मांगों की मांगों को लेने का अल्टीमेटम दे दिया है. नहीं तो जिले सहित पूरे बिहार की आशा 21 जून से हड़ताल पर जाने को मजबूर होंगी. रविवार को आशा ने मोहनिया में बैठक कर इसकी बाजाप्ते घोषणा करते हुए प्रखंड अध्यक्ष सरोज कुंवर ने बताया कि आशा संविदा का दर्जा प्राप्त नहीं है. इसलिए अपने स्वतंत्र संगठन बिहार आशा संघ के आह्वान पर हमलोग 21 जून से हड़ताल पर चले जायेंगे. आशा की भी अपनी 11 सूत्री मांग है, जिसमें मुख्य रूप से सरकारी सेवक घोषित करने, 15 हजार रुपये मासिक भत्ता करने, बैठक नियमित और यात्र भत्ता सहित अन्य मांगे हैं.
हड़ताल से होगी आमलोगों को परेशानी: हड़ताली मौसम के चलते आनेवाले कुछ दिनों में लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है. गृहरक्षकों की हड़ताल के बाद अब सैप जवानों की भी हड़ताल की घोषणा से जिला में विधि और कानून व्यवस्था पर अच्छा खास असर पड़ सकता है. खास कर बैंक, पुलिस पिकेट, दुर्गावती स्थित राज्य मार्ग पर टोल प्लाजा सहित अन्य स्थानों पर इसकी कमी का एहसास हो सकता है और प्रशासन को काफी परेशानी उठानी पड़ सकती है. वहीं, आशा की हड़ताल पर चले जाने से मुख्यमंत्री सघन टीकाकरण योजना सहित अन्य जरूरी कार्यो पर भी ग्रहण लग सकता है. अब देखना यह है कि इस चुनावी बयार में किसकी नैया पार उतरती है और किसको केवल आश्वासन से ही काम चलाना पड़ सकता है.

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