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500 रुपये मजदूरी पर शराब पहुंचा रहे टीनेजर्स
पेट्रोल व एक बोतल मिलती है शराब तेज रफ्तार बाइक पर सवार रहते हैं टीनेजर्स रजौली : थाना क्षेत्र में शराब के धंधे ने मिनी उद्योग का रूप ले लिया है. इस धंधे में शराब माफिया 15 से 22 वर्ष के लड़कों को लगा रखा है. जोगियामारण, हरदिया, फरका बुजुर्ग व मुरहेना आदि पंचायतों में […]
पेट्रोल व एक बोतल मिलती है शराब
तेज रफ्तार बाइक पर सवार रहते हैं टीनेजर्स
रजौली : थाना क्षेत्र में शराब के धंधे ने मिनी उद्योग का रूप ले लिया है. इस धंधे में शराब माफिया 15 से 22 वर्ष के लड़कों को लगा रखा है. जोगियामारण, हरदिया, फरका बुजुर्ग व मुरहेना आदि पंचायतों में प्रतिदिन शराब की कई भट्ठियां सुलगती हैं. क्षेत्र के युवा हजारों-हजार लीटर देशी शराब की सप्लाई करने में जुटे हैं.
सुबह से देर शाम तक रजौली थाना के इन क्षेत्रों में तेज रफ्तार से भागती बाइकों पर सवार लड़के तय ठिकानों पर शराब पहुंचाते हैं. जानकारी के मुताबिक इनके एवज में युवाओं को एक दिन में 500 रूपये नगद, देशी व विदेशी शराब की एक बोतल और बाइक में इस्तेमाल होनेवाले पेट्रोल का खर्च मिलता है.
रजौली थाना क्षेत्र के बाजार मुख्यालय में ऐसे बहुतेरे युवक हैं. पुलिस द्वारा रजौली बाजार से लेकर आस-पास के गांवों व ग्रामीण क्षेत्रों में शराब पहुंचाने के लिए इस्तेमाल की जा रही बाइकों की जांच नियमित रूप से करने पर शराब पहुंचानेवाले टीनएजर्स लड़कों पर नकेल कसा जा सकता है. शराब के इस धंधे को रोकने में सफलता पायी जा सकती है. लेकिन, पुलिस द्वारा वाहनों की जांच नियमित रूप से नहीं करने के कारण 15 से 22 वर्ष के युवा बेधड़क इस धंधे में लगे हैं.
धंधेबाजों को पकड़ने में पुलिस विफल
शराबबंदी की सफलता को लेकर रजौली थाना क्षेत्र में सैकड़ों बार पुलिस ने छापेमारी की है. इन छापेमारियों में छोटी-बड़ी लग्जरी कारें, दर्जनों बाइकों के अलावा सैकड़ों लीटर देशी व विदेशी शराब भी बरामद की गयी है. लेकिन, इनमें से कई मामलों में पुलिस शराब के धंधेबाजों को पकड़ने में विफल रही है. हालांकि जब जब पुलिस ने छापेमारी की है और धंधेबाज पकड़ से बाहर रहे, तब तब पुलिस की मिलीभगत से शराब के धंधेबाजों को भगा देने का पुलिस पर आरोप भी लगते रहे हैं.
छापेमारी में नहीं ली जाती एसएसबी की मदद
शराब के धंधे पर रोक लगाने के लिए पुलिस अब तक तत्पर नहीं दिख रही है. हरदिया,जोगियामारण व फरका बुजुर्ग पंचायत के दर्जनों गांवों में चलनेवाली इन शराब की भट्ठियों को नक्सल गतिविधियों का कारण बता कर पुलिस कार्रवाई करने से परहेज कर रही है.
हालांकि, रजौली पुलिस को मदद करने के लिए रजौली अनुमंडल क्षेत्र में ही एसएसबी की कंपनियां भी राज्य सरकार द्वारा प्रतिनियुक्त हैं. बावजूद न तो पुलिस छापेमारी करती है और न ही अर्धसैनिक बल के जवानों को छापेमारी करने का मौका ही देती है. जिन जगहों पर पुलिस ने शराब की भट्ठियों को तोड़ कर छापेमारी अभियान चलाया है, उन जगहों पर भी पुनः कार्रवाई नहीं करने के कारण शराब के धंधेबाज फिर से अपने धंधे को खड़ा करने में कामयाब हुए हैं. इसके बाद छापामारी का कोई लाभ पुलिस को नहीं मिलता.
नक्सली इलाका होने के चलते करनी पड़ती है तैयारी
इलाका पूरी तरह से नक्सल प्रभावित है. यहां कोई भी आॅपरेशन चलाने से पहले पुलिस को विशेष तैयारी करनी पड़ती है. ग्रामीण इलाके पूरी तरह नक्सल प्रभावित हैं. वैसे पुलिस निरंतर कार्रवाई कर रही है. बड़े पैमाने पर गिरफ्तारी और सामान को नष्ट करने की कार्रवाई हुई है. यह अभियान ओर भी तेज किया जायेगा.वाहनों की जांच कर ऐसे युवाओं की पड़ताल की जायेगी.
उपेंद्र कुमार, एसडीपीओ
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