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ढ़ाई करोड़ के बस पड़ाव में फर्श पर बैठते हैं यात्री
शाम होते ही परिसर में छा जाता है अंधेरा भभुआ शहर : शहर के पूरब पोखर के पास 2.6 करोड़ की लागत से बना नया सोनहन बस पड़ाव में यात्रियों की सुविधाओं को लेकर मंगलवार को प्रभात खबर की टीम ने पड़ताल की, तो कई मामले चौंकाने वाले सामने आये. इस बस पड़ाव में यात्रियों […]
शाम होते ही परिसर में छा जाता है अंधेरा
भभुआ शहर : शहर के पूरब पोखर के पास 2.6 करोड़ की लागत से बना नया सोनहन बस पड़ाव में यात्रियों की सुविधाओं को लेकर मंगलवार को प्रभात खबर की टीम ने पड़ताल की, तो कई मामले चौंकाने वाले सामने आये. इस बस पड़ाव में यात्रियों की सुविधाओं के लिए कुछ नया नहीं हो पाया है.
यहां आने-जाने वाले यात्रियों व लोगों को बैठने जैसी मूलभूत सुविधाओं का ख्याल नहीं रखा गया है. यात्रियों को बस पड़ाव के गलियारे में फर्श पर बैठना पड़ रहा है. नगर पर्षद द्वारा इस बस पड़ाव के चालू कराये हुए चार माह हो गया है. यहां पर प्रतीक्षालय सहित आठ कमरे व हॉल है. लेकिन, प्रतीक्षालय व कई कमरों में ताला लटके हैं. पानी पीने के लिए परिसर में दो चापाकल लगाये हैं.
बस पड़ाव में सोनवर्षा की इंद्रावती देवी, शिवसागर की मधु देवी, अकोढ़ी के लक्ष्मण कुमार आदि ने बताया कि इस बस पड़ाव में यात्रियों को फर्श पर बैठना पड़ रहा है. भवन के सभी कमरे में ताला बंद है. यहां पर महिलाओं के लिए परिसर में शौचालय नहीं है. इसके कारण काफी परेशानी होती है. इतना बड़ा बस पड़ाव बनाने से क्या फायदा जब यात्रियों व लोगों को सुविधाएं ही नहीं मिल पाये. बस एजेंट ने बताया कि यहां पर शाम होते ही अंधेरा छा जाता है. बड़ा सा जेरेनेटर लगा हुआ है, लेकिन कभी चालू नहीं होता है. चारों तरफ प्रकाश के लिए बल्ब लगे हैं, जलता एक भी नहीं है.
प्रतीक्षालय व कमरे में लगा है ताला : प्रतीक्षालय सहित अन्य कमरों में ताला लटकता रहता है. यात्रियों को बस पड़ाव के गलियारे के फर्श पर बैठ कर वाहन खुलने का इंतजार करना पड़ता है. सूत्रों के अनुसार इस बस पड़ाव में लगभग आधा दर्जन से अधिक कमरे है. बड़े-बड़े हॉल हैं. लेकिन, बाहर व अंदर के हॉल में भी बैठने की व्यवस्था नहीं है. परिसर में महिला या पुरुष के लिए शौचालय की भी व्यवस्था नहीं है. इस स्थिति में यात्रियों को खुले में शौच जाना पड़ता है. सबसे ज्यादा परेशानी महिलाओं को होती है.
बोले अधिकारी
सोनहन बस पड़ाव में छठ पूजा के बाद जरूरी सुविधाएं बहाल की जायेंगी. बिजली विभाग से कनेक्शन मिल गया है. शाम को लाइट जलती हैं.
अनुभूति श्रीवास्तव, कार्यपालक पदाधिकारी, नगर पर्षद, भभुआ
कई जिलों के लिए खुलती हैं गाड़ियां
सोनहन बस पड़ाव में चार माह से वाहन खुल रही है. लेकिन, इस बस पड़ाव में अब भी यात्रियों की बैठने जैसी सुविधा बहाल नहीं हो सकी है.
वाहन एजेंटों ने बताया कि इस स्टैंड से सासाराम, चेनारी, वाराणसी, कुदरा सहित कई जिला व प्रखंडों के लिए बस, पिकअप, ऑटो आदि छोटे-बड़े वाहन खुलती है. यहां पर यात्रियों को बैठने, लाइट, शौचालय आदि की व्यवस्था नहीं है. चार माह बाद भी इस नया बस स्टैंड में कुछ खास बदलाव होता नजर नहीं आ रहा है. गौरतलब है कि चार माह पहले प्रभात खबर में 2.6 करोड़ की लागत से बना वाहन स्टैंड में वाहनों का इंतजार नामक शीर्षक से खबर प्रकाशित की गयी थी.
इसके अगले ही दिन नगर पर्षद के कार्यपालक पदाधिकारी द्वारा कर्मचारियों व पार्षदों को आदेश देकर बस स्टैंड को चालू करा दिया गया. इसके बाद यहां से वाहन खुलने लगे. लेकिन, इस बस पड़ाव में यात्रियों की सुविधाओं का नगर पर्षद द्वारा ख्याल नहीं रखा गया. इसके कारण नया बस स्टैंड में आने-जानेवाले यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.
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