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बघिनी में बनेगा एडिशनल पीएचसी होगा आधुनिक सुविधाओं से लैस

दिन-रात होगा मरीजों का इलाज मरीजों को मिलेंगी एसडीएच जैसी सभी सुविधाएं मोहनिया सदर : एमएलसी के प्रयास से बघिनी में एडिशनल पीएचसी का बनना तय हो गया. एमएलसी संतोष कुमार सिंह की पहल पर विगत 11 अगस्त को सिविल सर्जन, डीपीएम व अनुमंडल अस्पताल के उपाधीक्षक ने झाड़ियों व गंदगी के बीच स्थित बघिनी […]

दिन-रात होगा मरीजों का इलाज
मरीजों को मिलेंगी एसडीएच जैसी सभी सुविधाएं
मोहनिया सदर : एमएलसी के प्रयास से बघिनी में एडिशनल पीएचसी का बनना तय हो गया. एमएलसी संतोष कुमार सिंह की पहल पर विगत 11 अगस्त को सिविल सर्जन, डीपीएम व अनुमंडल अस्पताल के उपाधीक्षक ने झाड़ियों व गंदगी के बीच स्थित बघिनी उप स्वास्थ्य केंद्र का निरीक्षण किया था.
इसके लिए जिला से प्रपोजल तैयार कर बिहार राज्य स्वास्थ्य समिति को भेज दिया गया है. वहां से मंजूरी मिलते ही एडिशनल पीएचसी के भवन का निर्माण शुरू हो जायेगा. एडिशनल पीएचसी के बनने से इस क्षेत्र के 10 किमी के दायरे में स्थित गांवों के ग्रामीणों को इलाज के लिए अनुमंडल अस्पताल नहीं जाना पड़ेगा.
38 साल बाद बघिनी में पहुचेंगे चिकित्सक: जानकार बताते हैं कि उप स्वास्थ्य केंद्र, बघिनी का निर्माण 1979 में हुआ था. लेकिन, इस 38 वर्ष की अवधि में यहां कभी भी कोई चिकित्सक नहीं आये और न ही किसी का इलाज हुआ. यदि वास्तविकता देखा जाये तो चिकित्सक यहां आते भी कैसे. उप स्वास्थ्य केंद्र को चारों तरफ लगी झाड़ियां व लोगों के शौच का अड्डा बना यह पूरा एरिया गंदगी से भरा पड़ा है.
इनसान तो क्या वहां जानवर भी जाना पसंद नहीं करेगा. फिर भी इस उप स्वास्थ्य केंद्र के चारों तरफ गंदगी फैलाने वाले लोग जानवरों से भी बदतर है, जो मानने का नाम नहीं लेते हैं. किसी ने सोचा भी नहीं था कि इस उप स्वास्थ्य केंद्र के दिन भी कभी बहुरेंगे. लेकिन, उप स्वास्थ्य केंद्र तो क्या यहां अब एडिशनल पीएचसी भी बनेगा. यह एमएलसी संतोष सिंह का पैतृक गांव है.
आसपास के गांवों के लोगों को भी होगा लाभ : एमएलसी ने कहा कि इस एडिशनल पीएचसी में इलाज से संबंधित सभी आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध रहेंगी, जो अनुमंडलीय अस्पताल में उपलब्ध है. बिहार के सभी बड़े सरकारी अस्पतालों में 130 प्रकार की दवाएं रहनी चाहिए.
लेकिन उतना संभव नहीं हो पाती है. अनुमंडलीय अस्पताल में जितनी दवाएं मरीजों के लिए उपलब्ध है. उतनी दवाएं यहां भी मरीजों को मिलेंगी. एक्स-रे, पैथालोजी, एंबुलेंस, ऑक्सीजन, जीवन रक्षक दवाओं के साथ सबसे बड़ी बात तो यह होगी कि सांप के काटने के बाद लगनेवाला एंटी स्नेक भेनम इंजेक्शन के अलावे कुत्ता के काटने पर लगनेवाला एंटी रैबिज इंजेक्शन भी पर्याप्त मात्रा में यहां उपलब्ध रहेगा. चूंकि यह ग्रामीण क्षेत्र है. यहां सांप व कुत्ता के काटने का खतरा अधिक रहता है. इस एडिशनल पीएचसी में मरीजों के लिए सात बेड रहेंगे.
यहां मरीजों की देख भाल के लिए 24 घंटे डॉक्टर, एएनएम, आशा सहित स्वास्थ्यकर्मी उपस्थित रहेंगे. इस गांव के चारों तरफ 10 किमी की दूरी में स्थित सभी गांवों के ग्रामीणों को इलाज के लिए अनुमंडल अस्पताल नहीं जाना पड़ेगा. मरीजों को हर तरह की सुविधाएं यहां मिलेंगी. एडिशनल पीएचसी के निर्माण के लिए स्थल का चयन कर लिया गया है. कोटी के पास उप स्वास्थ्य केंद्र को तोड़ कर एक एकड़ तीन डिसमिल सरकारी जमीन पर भवन का निर्माण कराया जायेगा.
क्या कहते हैं एमएलसी
इसकी जानकारी देते हुए रोहतास सह कैमूर के विधान पार्षद संतोष कुमार सिंह ने बताया कि बघिनी में एडिशनल पीएचसी के निर्माण के लिए जिला से प्रपोजल तैयार कर बिहार राज्य स्वास्थ्य समिति को भेज दिया गया है. बहुत जल्द यहां भवन का निर्माण कराया जायेगा. यह सभी अत्याधुनिक टेक्नोलॉजी से लैस रहेगा.

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