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पहरे में भी हो रही शराब की तस्करी
कम पैसे खर्च कर अधिक कमाने के लालच में युवा जोखिम में डाल रहे जान भभुआ सदर : एक अप्रैल से पूर्ण शराबबंदी के बाद भी जिले में चोरी-छिपे शराब की बिक्री अब भी लगातार जारी है. कई बार पुलिस व उत्पाद विभाग ने शराब की बरामदगी भी की और धंधेबाजों को भी पकड़ा. लेकिन, […]
कम पैसे खर्च कर अधिक कमाने के लालच में युवा जोखिम में डाल रहे जान
भभुआ सदर : एक अप्रैल से पूर्ण शराबबंदी के बाद भी जिले में चोरी-छिपे शराब की बिक्री अब भी लगातार जारी है. कई बार पुलिस व उत्पाद विभाग ने शराब की बरामदगी भी की और धंधेबाजों को भी पकड़ा. लेकिन, लाख सख्ती व कड़ाई के बावजूद अब भी यह धंधा पूरे जिले में जोरों पर है. गांव हो या शहर सिर्फ एक फोन कॉल पर शराब पियक्कड़ों के घर तक पहुंच जाती है.
हालांकि, पुलिस कार्रवाई भी करती है. लेकिन, धंधेबाज खास कर बेरोजगार लोग कम पैसे खर्च कर अधिक कमाने के लालच में आकर इस धंधे में लिप्त हैं. पकड़े जाने के बावजूद जान जोखिम में डाल धंधे को कर रहे हैं. पूर्ण शराबबंदी के बाद से ही उत्तर प्रदेश से लगे जिले के सीमा क्षेत्र में चेकपोस्ट लगाये गये हैं, जहां पुलिस की तैनाती रहती है. उत्पाद पुलिस की टीम भी सीमा क्षेत्र में शराब तस्करों व जिले में शराब न पहुंचे, इसके लिए जोर आजमाइश करते रहते हैं. बावजूद जिले में शराब पहुंच रही है. तस्कर सड़क के साथ-साथ व रेलमार्ग के माध्यम से शराब मंगवा कर मालामाल हो रहे हैं.
आम लोगों को यह पता है कि किस मुहल्ले व किस जगह पर कौन आदमी शराब बेच रहा है. परंतु, पुलिस ऐसे लोगों को गिरफ्तार नहीं कर पाती है. कई बार शराब की खेप पकड़ी जा चुकी है और कई धंधेबाजों को जेल भेजा जा चुका है. लेकिन, शराब का यह अवैध धंधा रूकने का नाम नहीं ले रहा है. इन अवैध धंधे में संलिप्त लोगों की पहचान कर उसके विरुद्ध सख्त कार्रवाई पुलिस करती तो है, लेकिन मुनाफा अधिक होने के चलते धंधेबाज इसके लालच से बच नहीं पा रहे हैं.
कहते है कि शराबबंदी के बाद शराब की दुकानें तो कानूनन बंद हो गयी. लेकिन, अवैध रूप से जगह-जगह 24 घंटे संचालित अवैध शराब की बिक्री शुरू है. पहले लोगों को शराब निर्धारित दामों पर मिल जाया करती थी. अब लोगों को वही शराब तीन गुणा अधिक कीमत पर मिलती है. इस लिए शराब के धंधे में लिप्त लोगों को शराब की खेप को खपाने में कई जगहों पर नजराना देने के बाद ही अपने धंधा को सुरक्षित मानते हैं.
पकड़ी जा चुकी है 9020 लीटर शराब: जिले में विभिन्न थाना क्षेत्रों में अब तक देसी व अंगरेजी मिला कर कुल 9020 लीटर शराब बरामद की गयी है. बरामद शराब की बोतलों को जोड़ने के क्रम में 3750 लीटर शराब के बोतल जब्त किये जा चुके हैं व 432 लोग गिरफ्तार हो चुके हैं. बिहार सरकार ने पूरे प्रदेश में अप्रैल 2016 में शराबबंदी लागू की थी.
कानून लागू होने के बाद उत्पाद व पुलिस विभाग द्वारा लगातार बिहार की सीमाओं से लगे क्षेत्रों में शराब के धंधेबाजों पर नजर रखी जा रही है. इसके अलावे ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों में भी लगातार अभियान चला कर शराब के धंधे पर रोक लगाये जा रहे हैं. अब तक मिले आंकड़ों के अनुसार, अप्रैल 2016 से लेकर मई 2017 में उत्पाद व पुलिस विभाग द्वारा कार्रवाई कर चोरी छिपे शराब के धंधे में संलिप्त 432 लोगों को गिरफ्तार किया गया है.
इसके अलावे शराब की डिलेवरी में वाहनों को भी जब्त किया गया है. इसमें 68 बाइक, 23 कार व जीप, पांच ट्रक, तीन ऑटो को यूपी सीमा व आसपास से शराब के धंधे से जुड़े होने के चलते जब्त किया गया है. इसके अलावे उत्पाद व बिहार पुलिस द्वारा छापेमारी कर नौ हजार लीटर अंगरेजी शराब के अलावा 7800 लीटर बियर की बोतलें, 20 लीटर देशी व मसालेदार शराब सहित 23 हजार किलो महुआ भी जब्त किये गये हैं.
लोकल पुलिस रहती है सूचना के भरोसे: जिले में शराब की तस्करी पर स्थानीय पुलिस गुप्ता आधार पर मिली सूचना पर कार्रवाई करती है.
क्योंकि, लोकल पुलिस के जिम्मे अन्य भी जरूरी काम है, जिसके चलते पुलिसिया कार्रवाई शराब मामले में सुस्ती रहती है. कुछ लोगों का कहना है कि पुलिस को जानकारी रहती है कि शहर में शराब कहां और कौन बेच रहा है. लेकिन, ले देकर काम करनेवाली पुलिस अधिकतर मामलों में कार्रवाई से बचती रहती है. हालांकि, एसपी हरप्रीत कौर के सख्त कायदे कानून से एनएच दो पर स्थित थानों की पुलिस शराब तस्करों पर कड़ी नजर रखे हुए हैं. लेकिन, नित्य नये-नये तरकीब अपना कर तस्कर शराब लाने में कामयाब हो जा रहे हैं.
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