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कहा-यूपी में ओवरलोडिंग पर ब्रेक, पर बिहार में फेल

यूपी के अपर परिवहन आयुक्त के नेतृत्व में टीम ने रोहतास, कैमूर व बक्सर में ली जानकारी यूपी में ओवरलोडिंग पर रोक के बाद बालू की कीमत दोगुनी हुई भभुआ कार्यालय : उत्तरप्रदेश में योगी सरकार के आने के बाद बालू की ओवरलोडिंग पर पूरी तरह ब्रेक लग गया है. प्रदेश में साढ़े तीन सौ […]

यूपी के अपर परिवहन आयुक्त के नेतृत्व में टीम ने रोहतास, कैमूर व बक्सर में ली जानकारी
यूपी में ओवरलोडिंग पर रोक के बाद बालू की कीमत दोगुनी हुई
भभुआ कार्यालय : उत्तरप्रदेश में योगी सरकार के आने के बाद बालू की ओवरलोडिंग पर पूरी तरह ब्रेक लग गया है. प्रदेश में साढ़े तीन सौ सीएफटी से ज्यादा बालू की ट्रांसपोर्टिंग नहीं हो रही है, ऐसे में हालिया दो महीनों में लखनऊ से लेकर वाराणसी तक बालू की कीमत दोगुना बढ़ गयी है.
बालू की कीमत में अप्रत्याशित वृद्धि के बाद परेशान योगी सरकार कीमत पर नियंत्रण पाने के लिए परिवहन विभाग के आलाधिकारियों की एक टीम को बिहार भेजा गया है, जो बिहार में बालू के ट्रांसपोर्टिंग सिस्टम पर जानकारी इकट्ठा कर उसकी ग्राउंड रिपोर्ट बना सरकार को सौंपेगी.
सोमवार को उत्तरप्रदेश के अपर परिवहन आयुक्त अरविंद कुमार पांडेय के नेतृत्व में पहुंची चार सदस्यीय परिवहन विभाग की टीम औरंगाबाद के बारुण, रोहतास, कैमूर व बक्सर में बालू के ट्रांसपोर्टिंग सिस्टम के विषय में जानकारी इकट्ठा की. टीम के नेतृत्वकर्ता अरविंद कुमार पांडेय ने बताया कि हमलोगों ने अपने भ्रमण के दौरान यह पाया कि यहां ओवरलोडेड बालू के ट्रक भी चल रहे हैं और पकड़े जाने पर जुर्माना भी वसूले जा रहे हैं. यहां दोनों काम बराबर चल रहा है. ट्रकों पर 500-600 सीएफटी बालू लदे हुए भी मिले और अंडरलोड 350-400 सीएफटी बालू लदे ट्रक मिले. जबकि, यूपी में ओवरलोडिंग पर पूरी तरह ब्रेक लगा दिया गया है.
यूपी के अपर परिवहन आयुक्त अरविंद कुमार बिहार में बालू के ट्रांसर्पोटेशन सिस्टम को जानने के लिए कैमूर के डीटीओ भरत भूषण से भी मुलाकात की और कई तरह की जानकारी हासिल की. उन्होंने बताया कि यूपी में दो माह पहले जब ओवरलोडिंग पर सख्ती नहीं थी, तब वाराणसी में 20 हजार रुपये में 400 सीएफटी बालू मिलते थे. लखनऊ में 30 हजार रुपये में 400 सीएफटी बालू मिलता था. अब दो महीने से ओवरलोडिंग पर पूरी तरह रोक लगाये जाने के बाद बालू की कीमत दोगुना बढ़ गयी है. वाराणसी में 400 सीएफटी बालू 40 हजार रुपये में मिल रहा है.
लखनऊ में 400 सीएफटी बालू 60 हजार रुपये में मिल रहा है.ऐसे में बालू की कीमत पर नियंत्रण पाने के उद्देश्य से बिहार के ट्रांसपोर्टिंग सिस्टम को जानने के लिए हमलोग यहां आये हैं.
अगर, यहां के ट्रांसपोर्टिंग सिस्टम को लागू करने से वहां राजस्व की कोई क्षति नहीं होती है और बालू की कीमतों को नियंत्रित किया जा सकता है तो यहां के ग्राउंड रिपोर्ट को हम सरकार को सौंपेंगे. टीम में अपर परिवहन आयुक्त अरविंद कुमार पांडेय के अलावे वाराणसी के आरटीओ आरपी द्विवेदी, रायबरेली के आरटीओ संजय तिवारी, चंदौली के आरटीओ विजय प्रकाश सिंह शामिल रहे.

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