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साइबर अपराधियों ने लगायी 50 हजार की चपत

बैंक अधिकारी बन मोबाइल पर पूछा एटीएम का पिन नंबर और कर ली खरीदारी अपर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी का चालक हुआ धोखाधड़ी का शिकार जहानाबाद : पुलिस प्रशासन, बैंकों के अधिकारी और मीडिया के द्वारा बार-बार किसी भी बैंक के खाताधारकों को लगातार नसीहत दी जाती रही है कि वे मोबाइल पर किसी को भी […]

बैंक अधिकारी बन मोबाइल पर पूछा एटीएम का पिन नंबर और कर ली खरीदारी

अपर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी का चालक हुआ धोखाधड़ी का शिकार
जहानाबाद : पुलिस प्रशासन, बैंकों के अधिकारी और मीडिया के द्वारा बार-बार किसी भी बैंक के खाताधारकों को लगातार नसीहत दी जाती रही है कि वे मोबाइल पर किसी को भी अपने बैंक खाते और एटीएम से संबंधित गुप्त जानकारियां नहीं दें, लेकिन कई लोग ऐसे हैं जो नसीहत को गंभीरता से नहीं लेते. परिणाम यह होता है कि साइबर क्राइम करनेवाले अपराधियों का गिरोह अपने मनसूबे में सफल हो जाता है. पूर्व में हुए साइबर क्राइम के मामलों की जांच अभी चल ही रही है
कि अपराधियों ने एक और घटना को अंजाम दिया. इस बार साइबर क्राइम से जुड़े अपराधियों ने जहानाबाद के अपर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी (एसीजेएम) के चालक को अपना शिकार बनाया. बैंक का अधिकारी बन कर आनन-फानन में उनके एटीएम कार्ड का नंबर, पिन कोड और अन्य जानकारियां हासिल कर लीं और लगा दी 49 हजार 833 रुपये की चपत. साइबर अपराधियों ने चालक के एटीएम कार्ड के जरिये सामान की परचेजिंग कर ली.
गुरुवार को इसकी सूचना चालक ने बैंक के अधिकारी और पुलिस को देकर इस मामले में कार्रवाई करने का अनुरोध किया है. भोजपुर जिले के कृष्णागढ़ थाने के चंदा गांव निवासी धर्मेंद्र कुमार सिंह जहानाबाद के एसीजेएम के चालक के पद पर कार्यरत हैं. बुधवार को उनके मोबाइल पर 91-7544874541 नंबर से कॉल आया. फोन करने वाले ने अपने को एसबीआइ का अधिकारी बताया और उनके एटीएम कार्ड का नंबर, पिन कोड और सीयूवी नंबर पूछा. जालसाजों ने उक्त जानकारियां नहीं बताने पर एटीएम कार्ड को ब्लॉक (बंद) कर देने का झांसा दिया.
तीन दिनो पूर्व छात्र के खाते से उड़ाये थे 10 हजार :
शहर के पाठकटोली मुहल्ले में रहने वाले छात्र आशीष रंजन को भी साइबर अपराधियों ने अपना शिकार बनाया था. बता दें कि छात्र को झांसा देते हुए अपराधियों ने बैंक ऑफ बड़ौदा के उसके खाते और एटीएम के कोड की जानकारी ले ली थी और उसके खाते से 10 हजार रुपये की निकासी की थी.इन घटनाओं के पूर्व भी साइबर क्राइम की अन्य कई घटनाएं जिले के लोगों के साथ हो चुकी हैं.
अधिकारी बनकर जान लीं गुप्त जानकारियां
अधिकारी बने जालसाज ने आनन-फानन में इतनी बातें की कि उक्त चालक ने बिना कुछ सोचे-समझे अपने एटीएम से संबंधित सभी गुप्त जानकारियां दे दी. फिर क्या था, चालक के मोबाइल पर शाम छह बज कर 20 मिनट पर उनके एटीएम से खरीदारी कर लिये जाने का मैसेज आया. तब उसके होश उड़ गये. गुरुवार को जब उसने एसबीआइ मेन ब्रांच में जाकर पता किया तो उन्हें बताया गया कि 49 हजार 833 रुपये की निकासी उनके खाते से हुई है. उसने मामले की जांच करने की मांग पुलिस से की है. इस मामले में पुलिस साइबर सेल की मदद ले रही है.

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