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वार्ड पार्षद अब बांटने लगे बाल्टी
प्रलोभन. आ रही है वोटरों की बारी तो बिना ढक्कन के बाल्टी का दिखाया जा रहा लॉलीपाप छह माह पूर्व नप के द्वारा नयी व्यवस्था के तहत किया गया था आवंटन डोर-टू-डोर कचरा उठाव के लिए प्लािस्टक बाल्टी की हुई थी व्यवस्था जहानाबाद : तीन-चार माह बाद नगर निकाय चुनाव का बिगुल बजने वाला है. […]
प्रलोभन. आ रही है वोटरों की बारी तो बिना ढक्कन के बाल्टी का दिखाया जा रहा लॉलीपाप
छह माह पूर्व नप के द्वारा नयी व्यवस्था के तहत किया गया था आवंटन
डोर-टू-डोर कचरा उठाव के लिए प्लािस्टक बाल्टी की हुई थी व्यवस्था
जहानाबाद : तीन-चार माह बाद नगर निकाय चुनाव का बिगुल बजने वाला है. जहानाबाद में नगर पर्षद के सभी 33 वार्डों में वार्ड पार्षदों को चुनने की बारी आ रही है. ऐसी हालत में वर्तमान वार्ड पार्षद के साथ नगर पार्षद बनने की मंशा पाल रखे कई लोगों ने भी वोटरों को लुभाने के लिए प्रयास अभी से ही तेज कर दिया है. इस बीच मामला उभरा है कूड़ेदान के रूप में नगर पर्षद की ओर से होल्डिंग टैक्स दाताओं के बीच बाल्टी वितरण करने का. वो भी बिना ढक्कन के.
शहर में सफाई अभियान के तहत नगर पर्षद की ओर से डोर-टू-डोर कूड़े-कचरे का उठाव करने के लिए करीब छह माह पूर्व हाउस होल्डरों के बीच बाल्टी का वितरण करने की व्यवस्था की गयी थी. सफाई का जिम्मा संभाले एनजीओ और वार्ड जमादारों को मकान मालिकों को बाल्टी उपलब्ध कराना था. जरूरत पड़ने पर एनजीओ संचालक वार्ड पार्षदों का सहयोग ले रहे थे. छह माह पूर्व एक अभियान चलाकर वार्डों में बाल्टी का वितरण किया गया था लेकिन कई मुहल्ले के लोगों को अब तक इस सुविधा से वंचित रखा गया है.
गांधी मैदान वार्ड नंबर 30 के हाउस होल्डरों को अब तक नगर पर्षद की उक्त सुविधा बहाल नहीं की गयी थी. जबकि कार्यालय ने पूर्व में ही बाल्टी उपलब्ध कराया था. शुक्रवार को अचानक वार्ड पार्षद तारीक हारूण एक सफाईकर्मी के साथ लोगों के घरों तक बाल्टी पहुंचा रहे थे. बिना ढक्कन के बाल्टी देख लोग हैरत में थे. गांधी मैदान इलाके के कई लोग कह रहे थे कि अब चुनाव आने वाला है तो वोटर याद आने लगे हैं. इतने दिनों से बाल्टी उन्हें नहीं मिली.
अन्य वार्डों के लोग अब भी है उपेक्षित
शहर के दूसरे वार्डों के भी नगर पर्षद को टैक्स देने वाले कई हाउस होल्डर ऐसे हैं, जिन्हें अभी भी यह सुविधा नहीं मिली है. वार्ड 29 और वार्ड 06 के लोगों कहना है कि वे भी नगर पर्षदको टैक्स देते हैं फिर उनके लिए बाल्टी की व्यवस्था क्यों नहीं करायी गयी. लोगों ने सवाल उठाया है कि बाल्टी कहीं बेच तो नही दी गयी.
क्या कहते हैं अधिकारी
शहर के गली मुहल्लों को साफ रखने के लिए एक नयी व्यवस्था की गयी है. करीब छह माह पूर्व डोर-टू-डोर कचरा उठाव के लिए ब्लू रंग की बाल्टी हाउस होल्डरों तक पहुंचाया गया है. जिन इलाकों में यह सुविधा नहीं दी गयी है, उस क्षेत्र के एनजीओ संचालक से कारण पूछा जायेगा. इस काम में वार्ड पार्षद हाउस होल्डर के पहचान के रूप में काम करते हैं
संजीव कुमार, कार्यपालक पदाधिकारी, नगर परिषद
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