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सुदृढ़ पार्क के लिए तरस रहे शहरवासी
जहानाबाद को जिला बने तीस वर्ष हो गये. विकास के नाम पर केंद्र और राज्य सरकार के द्वारा प्रदत्त राशि से कई तरह की विकास योजनाओं को भले ही मूर्त रूप दिया गया हो लेकिन लंबी अवधि बीत जाने के बाद भी शहर के लोग महज एक सुदृढ़ पार्क के लिए तरस रहे हैं.इस दिशा […]
जहानाबाद को जिला बने तीस वर्ष हो गये. विकास के नाम पर केंद्र और राज्य सरकार के द्वारा प्रदत्त राशि से कई तरह की विकास योजनाओं को भले ही मूर्त रूप दिया गया हो लेकिन लंबी अवधि बीत जाने के बाद भी शहर के लोग महज एक सुदृढ़ पार्क के लिए तरस रहे हैं.इस दिशा में कोई भी सार्थक पहल अब तक नहीं हुई है.
जहानाबाद. घनी आबादी वाले जहानाबाद शहर में एक व्यवस्थित पार्क समय की मांग है, जिसका लाभ लोगों को मिल सके. इस शहर में कोई भी ऐसा स्थान नहीं है जहां शहरवासी जाकर आनंद उठा सके. सुबह- शाम अपने परिवार के साथ वहां घूम सकें. वो तो यहां का गांधी मैदान और पुराने हवाई अड्डा मैदान में निर्मित स्टेडियम (स्पोर्ट्स कांपलेक्स) है जो लोगों के घूमने-टहलने का माध्यम है. शहर के किनारे पूर्व के हवाई अड्डा का वजूद तो पूरी तरह खत्म हो गया. अब उसी मैदान के आधे भाग में स्टेडियम है. इसके अलावा नगर पर्षद के ठीक सटे न्यू इंडोर स्टेडियम है जिसके परिसर में लोग मॉर्निंग और इवनिंग वाक करते हैं. न तो बैठने के लिए समुचित व्यवस्था, न ही घासयुक्त मैदान, न शौचालय, न वाटर फुहारा लेकिन स्टेडियम परिसर के पथरीले पथ पर घूम कर ही लोग पार्क में घूम कर संतोष कर रहे हैं.
दो छोटे पार्कों को विकसित करने की है जरूरत: इस शहर में नाम मात्र के दो छोटे-छोटे पार्क हैं. जहानाबाद परिसदन के सामने एक छोटे से भूखंड पर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के नाम पर पार्क का रूप दिया गया है. जिसकी निगरानी का जिम्मा नगर पर्षद प्रशासन को है.
इसके अलावा गांधी मैदान के उतरी भाग में भी एक पार्कनुमा स्थल बना हुआ है.चिल्ड्रेन पार्क का मिट गया वजूद, अब वहां चलता है होटल : लाखों रुपये की लागत से गौतम बुद्ध इंटर स्कूल के सामने एनएच 83 के किनारे एक चिल्ड्रेन पार्क का निर्माण कराया गया था. वहां बच्चों के लिए झूले सहित खेल के संसाधन बहाल किये गये थे. छोटा ही सही लेकिन इस पार्क में बच्चे सुबह शाम जाया करते थे.
न्यू इंडोर स्टेडियम परिसर को पार्क के रूप में किया जायेगा विकसित : शहर के निचली रोड में नगर पर्षद कार्यालय के समीप न्यू इंडोर स्टेडियम संचालित है. इसके बड़े भू-भाग पर फिलहाल लोग घूमने टहलने आते हैं. लेकिन यहां पार्क के रूप में कोई व्यवस्था नहीं है. स्टेडियम परिसर के पथरीले पथ पर प्रतिदिन शहर के सैकड़ों महिला, पुरुष वहां जाते हैं और व्यायाम के उद्देश्य से टहलकर वापस लौट जाते हैं. इसी के परिसर में कुछ लोग बॉलीबॉल खेल का भी आनंद लेते हैं.
हालांकि यहां सुरक्षा की कोई समूचित व्यवस्था नहीं रहने से कई मनचले किस्म के युवक भी विचलन करते हैं. ऐसे तत्वों की गतिविधियों को देख संभ्रांत परिवार की महिलाएं वहां जाना मुनासिब नहीं समझती. लेकिन महिलाएं स्वास्थ्य के ख्याल से वहां जाने को विवश हैं. इस स्टेडियम परिसर को ही पार्क के रूप में विकसित करने के लिए नगर पर्षद को 50 लाख रुपये का आवंटन प्राप्त है. जिससे पार्क निर्माण की दिशा में व्यय किया जाना है.
क्या कहते हैं अधिकारी
पार्क निर्माण के लिए प्राप्त 50 लाख रुपये से न्यू इंडोर स्टेडियम परिसर की बाउंड्री की मरम्मत, चार फुट का पाथ वे, शौचालय, बच्चों के लिए झुला, और वाटर फुहारा का निर्माण कराया जायेगा. साथ ही अन्य सुविधाएं उपलब्ध करायी जायेगी. शीघ्र ही प्राप्त राशि के आलोक में टेंडर प्रकाशित किया जायेगा
संजीव कुमार, कार्यपालक पदाधिकारी, नगर पर्षद
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