जांच . सदर अस्पताल में मामले की जांच करने पहुंचे सिविल एसडीओ
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डाॅक्टर की गैरमौजूदगी की होगी जांच
जांच . सदर अस्पताल में मामले की जांच करने पहुंचे सिविल एसडीओ सदर अस्पताल में बुधवार को गहमागहमी थी. सिविल व एसडीओ नवजात की मौत की जांच करने पहुंचे थे. दो दिन पहले प्रसव कक्ष में परसबिगहा थाना क्षेत्र के मुस्तीचक गांव निवासी रविशंकर की पत्नी मौत हुई थी. परिजनों ने नवजात के मौत मामले […]
सदर अस्पताल में बुधवार को गहमागहमी थी. सिविल व एसडीओ नवजात की मौत की जांच करने पहुंचे थे. दो दिन पहले प्रसव कक्ष में परसबिगहा थाना क्षेत्र के मुस्तीचक गांव निवासी रविशंकर की पत्नी मौत हुई थी. परिजनों ने नवजात के मौत मामले में डाॅक्टरों और नर्स पर लापरवाही का आरोप लगाया था.
जहानाबाद : सदर अस्पताल जहानाबाद में छह जून की रात सीमा प्रसव के लिए भरती हुई थी. जांच के बाद महिला को वार्ड में यह कह कर शिफ्ट कर दिया गया कि प्रसव में अभी देर है. सुबह करीब 2:45 बजे पुन: महिला के पेट में दर्द हुआ. उसे प्रसव कक्ष लाया गया. प्रसव के क्रम में महिला डॉक्टर नहीं थी.
एएनएम की देखरेख में प्रसव हुआ, जिसमें नवजात मरा हुआ था. मौत की खबर सुनते ही परिजनों में मातम छा गया और डॉक्टर पर लापरवाही का आरोप लगाया गया. कहा गया कि यदि डॉक्टर मौजूद होतीं, तो बच जाती. एएनएम की लापरवाही के कारण नवजात की मौत हुई. परिजनों ने कहा कि चार जून को डॉक्टरी सलाह के बाद प्रसव से पहले महिला का अल्ट्रासाउंड भी हुआ था. रिपोर्ट में सबकुछ नाॅर्मल था.
उस वक्त तक बच्चा पेट में जीवित था. मगर, प्रसव के क्रम में अचानक उसकी मौत डॉक्टरों की लापरवाही को इंगित करती है. हालांकि शिकायत के बाद एसडीओ स्वयं मामले की जांच करने पहुंचे थे. बारी-बारी से सभी कर्मियों से पूछताछ की गयी. जांच में सच्चाई का खुलासा हुआ. पता चला कि सचमुच पहले से ही नवजात की मौत मां के पेट में हो चुकी थी.
बहरहाल, नवजात की मौत के कारणों का खुलासा नहीं हो सका. जांच में इतना जरूर पता चला कि प्रसव के वक्त जिस डॉक्टर की ड्यूटी थी, वो मौजूद नहीं थी. फिलहाल रात में महिला चिकित्सक ऑन कॉल ड्यूटी पर पहुंचती हैं. मरीज की स्थिति देख कर एएनएम द्वारा डॉक्टर को कॉल किया जाता है.
जिस रात प्रसव के क्रम में महिला की हालत बिगड़ी थी, तो एएनएम द्वारा डाॅ मीना कुमारी को कॉल किया गया था. उन्होंने खुद का शिफ्ट होने से इनकार करते हुए कहा था कि अभी डऍ रेणु सिन्हा की ड्यूटी है. जब उन्हें कॉल हुआ, तो उनका मोबाइल स्विच ऑफ था. एसडीओ ने इसे गंभीरता से लेते हुए तीन सदस्यीय कमेटी बना कर डाॅक्टर की गैरमौजूदगी की जांच करने की बात कही है, साथ ही कहा है कि जांच में अगर डाॅक्टर दोषी पायी गयीं, तो आगे उन पर कार्रवाई होगी. फिलहाल पीड़ित परिजन शहर के कालीनगर मुहल्ले में रह रहे हैं.
हालांकि इस मामले को एसडीओ डाॅ नवल किशोर चौधरी ने काफी गंभीरता से लिया है. उन्होंने जांच के बाद डाॅ मीना कुमारी के विरुद्ध कार्रवाई करने की अनुशंसा जिलाधिकारी से की है.
कहा, जच्चा के पेट में ही मर गया था बच्चा
डाॅ मीना कुमारी के विरुद्ध कार्रवाई की अनुशंसा
परिजनों ने लगाया था डॉक्टर पर लापरवाही बरतने का आरोप
एसडीओ ने कहा कॉल के बाद भी
बनेगी तीन सदस्यीय कमेटी
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