कचरे के नीचे छिपाकर रखा गया था विस्फोटक !शॉक में हैं चारो मासूम,हादसे से हैं अचेत 60 से 80 प्रतिशत तक जले हैं बच्चों के शरीर जख्मी बच्चों की हालत देखने सदर अस्पताल में उमड़ी भीड़ सदर अस्पताल के कर्मियों के गायब रहने पर बिफरे डॉक्टर घटना का कारण जानने के लिए तहकीकात में जुटी है पुलिस संजय कुमार पाण्डेयजहानाबाद. शहरी क्षेत्र में दरधा नदी के किनारे बसे पंचमहला मोहल्ले में हुई घटना में बुरी तरह जख्मी बच्चे शॉक में हैं. अपने साथ हुए हादसे से अचेत हालत में हैं. उनके मुंह से रह-रहकर चिल्लाने की आवाज और हाथ-पैर पटककर छटपटाने का दृश्य सबों को मर्माहित कर रहा था. घटना का मूल कारण क्या है यह तो अभी जांच का विषय है लेकिन प्रथम दृष्टया इतना स्पष्ट है कि असामाजिक तत्वों ने कचरे के नीचे विस्फोटक सामग्री छिपाकर रखी थी जो आग तापने के लिए माचिस जलाने के तुरंत बाद विस्फोट कर गया. मुंह खोलने को कोई नहीं तैयार :इस घटना के कुछ प्रत्यक्षदर्शी भी हैं. चुकि नदी किनारे जिस स्थान पर घटना हुई उसके आस-पास महज 50 गज की दूरी पर मोहल्ले के पुरुष और महिलाएं बिचलन कर रही थी. क्या बम फटा, विस्फोट कैसे हुआ. इन सवालों का जबाव देने की किसी ने जहमत नहीं उठाई. भीड़ में कानाफूसी के बीच सिर्फ इतना कहा जा रहा था कि कोई कुछ भी नहीं जानता, कोई कुछ भी नहीं बोलेगा, पहले इलाज कराओ. घटना के बाद बिखर कर गिर पड़े मासूम. खेल-खेल में आग तापने के दौरान अचानक विस्फोटक से जले चारो मासूम घटना स्थल पर बिखर कर गिर पड़े. बच्चों की हालत देख आस-पास के लोग दौड़े. उनके परिजनों ने सूचना पाते ही घटना स्थल का रूख किया और रोते-चिल्लाते अपने-अपने लाडले को उठाकर सदर अस्पताल में लाया. सबों ने अपने-अपने बच्चे की बचाने की चिंता थी. 10 वर्षीय पंचमहला के कैसुदीन का शरीर 60 प्रतिशत, पाठक टोली के पांच वर्षीय फरहान 60 प्रतिशत, पाठकटोली का ही 6 वर्षीय मासूम वाहिद का शरीर 80 प्रतिशत तक जल गया है. पाठकटोली के ही 6 वर्षीय शमीम को विस्फोटक पदार्थ ने 60 प्रतिशत तक जला दिया है. इन बातों की पुष्टि डयूटी पर तैनात डॉक्टर राधाकृष्ण ने की है. जिसने सुना अस्पताल की ओर किया रूख. इस घटना की जानकारी पंचमहला, पाठकटोली सहित आस-पास के मोहल्ले के लोगों को जैसे ही लगी भारी संख्या में लोगों ने अस्पताल की ओर रूख कर लिया. महज आधे घंटे के भीतर अस्पताल परिसर और इमरजेंसी वार्ड खचाखच भर गया. जख्मी बच्चों के परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल था. मेरे बच्चे को बचा लो यह कहकर परिजन रो रहे थे. मासूमों की हालत देख कई लोग समुचित इलाज की दिशा में सक्रिय थे. अस्पताल में भी तब तक लगी रही जब तक बच्चे को एम्बुलेंस से पटना नहीं भेजा गया. अकेले डॉक्टर ने किया इलाज. जिस वक्त बच्चे अस्पताल में छटपटा रहे थे उस वक्त डयूटी पर सिर्फ एक डॉक्टर राधाकृष्ण थे. उन्होंने बखूवी अपनी डयूटी निभायी और तड़पते बच्चों का यथासंभव प्राथमिक उपचार किया. डॉक्टर इस बात को लेकर कुपित(खफा) थे कि कम्पाउंडर, ड्रेसर उस वक्त वहां मौजूद नहीं थे. बहरहाल, इस घटना में चारो बच्चों को आग लगने से जख्मी होना कहा जा रहा है परन्तु इतना स्पष्ट है कि यह साधारण घटना नहीं है. घर या नदी किनारे फेंके थोड़े से कागज, कूट, प्लास्टिक या अन्य कचरे से आग इस कदर नहीं लगेगी कि उसे तापने में शरीर का 80 प्रतिशत तक भाग जल जायेगा. उपर से जले भाग से विस्फोटक की गंध इस बात को प्रमाणित करने के लिए काफी है कि जिस स्थान पर बच्चों ने तापने के लिए कचरे में आग लगाई थी वहां विस्फोटक छिपाकर रखा गया था. इस घटना की गहरायी से जांच करायी जा रही है. टाउन इंस्पेक्टर को दुबारा घटनास्थल पर जाकर मामले की तहकीकात कर सच्चाई जानने का निर्देश दिया गया है. घटनास्थल पर पटाखे रहने की बात भी अभी आयी है. जांच पूरी होने के बाद घटना के सही कारण का पता चलेगा.: आदित्य कुमार, एसपी,जहानाबाद
BREAKING NEWS
कचरे के नीचे छिपाकर रखा गया था वस्फिोटक !
कचरे के नीचे छिपाकर रखा गया था विस्फोटक !शॉक में हैं चारो मासूम,हादसे से हैं अचेत 60 से 80 प्रतिशत तक जले हैं बच्चों के शरीर जख्मी बच्चों की हालत देखने सदर अस्पताल में उमड़ी भीड़ सदर अस्पताल के कर्मियों के गायब रहने पर बिफरे डॉक्टर घटना का कारण जानने के लिए तहकीकात में जुटी […]
Prabhat Khabar App :
देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए
Advertisement