जहानाबाद : शहरी क्षेत्र में स्टेशन से लेकर कोर्ट एरिया तक फुटपाथ पर किये गए अतिक्रमण का नजारा प्रतिदिन देखा जा सकता है. सूर्योदय होते ही कारोबारी फुटपाथो ं को कब्जा कर दुकान पसार देते हैं. काको मोड़ से ऊंटा मोड़ तक एनएच 83 के दोनो तरफ गुमटियां लगा दी जाती है. इस व्यस्त इलाके […]
जहानाबाद : शहरी क्षेत्र में स्टेशन से लेकर कोर्ट एरिया तक फुटपाथ पर किये गए अतिक्रमण का नजारा प्रतिदिन देखा जा सकता है. सूर्योदय होते ही कारोबारी फुटपाथो ं को कब्जा कर दुकान पसार देते हैं. काको मोड़ से ऊंटा मोड़ तक एनएच 83 के दोनो तरफ गुमटियां लगा दी जाती है. इस व्यस्त इलाके में फुटपाथ पर कोई लिट्टी -चोखा की बिक्री करता है तो कोई फल का कारोबार . जहानाबाद स्टेशन के दक्षिणी गेट से लगातार एनएच के पश्चिम तरफ खुले में मटन ,चिकेन और मछली का धंधा फैला रहता है. फुटपाथ पर कई स्थायी गुमटियां लगा दी गई है .
बची खुची कसर पूरी कर देते हैं सब्जी के कारोबारी .मांसाहारी समान बेचने वाले सड़क पर गंदगी फैला देते हैं.जिसकी बदबू के बीच राहगीर आवागमन करने पर विवश हैं. ऐसी हालत में लोग फुटपाथ के बजाए जोखिम के बीच सड़क से गुजरते हैं. जो किसी के साथ भी हादसे का कारण बल सकता है.
अरवल मोड़ की हालत भी खराब : यहां पर तो फुटपाथ पता ही नहीं चलता. नाले की ढ़लाई कर फुटपाथ बनाया गया था. ताकि लोगों को जाम की समस्या से बचते हुए आवागमन में सहुलियत हो . लेकिन फुटपाथ पर उनका कब्जा है जिसकी फुटपाथ के आगे उनकी दुकान है . सड़क किनारे फुटपाथ पर स्टोन चिप्स, बालू,गैरेज के समान ,लोहे के चदरे , होटलके बेंच लगा दिए जाते हैं. वाहनो की लंबी कतार से लगे जाम के बीच राहगीर फुटपाथ पर नहीं चल सकते . ऐसी हालत में राहगीरोंऔर दुकानदारो के बीच अक्सर झड़प होती है.
अस्पताल मोड़ बना रहता है क्लिनिक : अरवल मोड़ से अस्पताल मोड़ तक के फुटपाथ प्राइवेट प्रौक्टिश करने वाले डॉक्टर और लकड़ी व्यवसायियों की गिरफ्त में रहता है. नया टोला मुहल्ला के पास से लाल मंदिर तक सड़क के दोनों तरफ के फुटपाथ का कोई वजूद नहीं है. इन स्थानों पर फुटपाथ के आगे सड़क पर भी धंधा किया जा रहा है. लकड़ी के सिल्ले ,आलू के बोरे से फुटपाथ ढ़ंके रहते हैं. अस्पताल मोड़ पर डॉक्टरो के प्राइवेट क्लिनिक है और मेडि़कल की दुकान के अलावा होटल संचालित है.जिनके द्वारा फुटपाथ को कब्जा किया जाता है. चौकी लगाकर मरीज को सेलाइन चढ़ाया जाता है जो गंभीर बात है.
नहीं हो रही है कार्रवाई : इन स्थिति से निबटने के लिए प्रशासनिक स्तर पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही है. जिले के सभी वरिष्ठ और कनीय पदाधिकारी यथा डीएम एसडीओ ,नगर परिषद् के पदाधिकारी रोज आते जाते हैं परइस गंभीर स्थिति का निदान करने की चिंता नहीं है . किसी तरह की प्रशासनिक कार्रवाई नहीं हो रही है. परिणाम स्वरूप फुटपाथों का अतिक्रमण कर कारोबार करने वाले बेखौफ अपना धंधा चला रहे हैं. शहर के लोगो को परेशानी तो हो ही रही है. सौदर्यीकरण का भी मटियामेट हो चुका है.
क्या है समाधान
इसका एकमात्र समाधान है अतिक्रमण हटाओ अभियान सघन ढ़ंग से चलाना. यदि प्रशासन के अधिकारी यह अभियान चलाएंगे तो शहर के फुटपाथ पर चलने का अवसर लोगों को मिलेगा. उनकी जान भी सुरक्षित रहेगी और शहर के प्रमुख इलाके काफी हद तक सुसज्जित दिख सकेगा.