हंटरगंज : झारखंड सरकार बिरहोर बैगा जाति के विकास के नाम पर करोड़ों खर्च कर रही है. इसके बावजूद वे असुविधाओं के बीच अपना गुजर–बसर कर रहे हैं. इसका उदाहरण हंटरगंज के बिरहोर व बैगा जाति टोला में देखा जा सकता है.
बिरहोरों की सबसे बड़ी बस्ती गोपालपुर बिरहोर टोला से यहां के बिरहोर असुविधाओं की मार से उब कर बिहार के शेरघाटी व पटना चले गय़े यहां करीब 25 बिरहोर परिवार पत्ते व लकड़ी का घर बना कर 15 वर्ष से रह रहे हैं. लेकिन इनमें से 10 अपना घर उजाड़ कर बिहार में रह रहे हैं. इनके जाति के लोग इन्हें यहां की असुविधाओं को देख बिहार अपने साथ चलने की सलाह दे रहे हैं.
लंबे इंतजार के बाद सरकार द्वारा 2010 में 25 बिरहोरों का आवास का निर्माण कार्य शुरू कराया गया था. जिसे देख बिरहोर काफी खुश हुए थ़े लेकिन इनकी खुशी पर अनियमितता का ग्रहण लग गया. आवास निर्माण में अनियमितता की शिकायत मिलने पर जिला प्रशासन द्वारा निर्माण कार्य पर रोक लगा दिया गया था. इसके बाद आवास अभी तक आधा अधूरा है.
बाद में एक एनजीओ को निर्माण कार्य की जिम्मेदारी सौंपी गयी थी. लेकिन निर्माण राशि कम बता कर निर्माण कार्य करने से इनकार कर दिया गया. इस विभागीय पेंच के कारण आज तक यहां के बिरहोरों को पत्ते के घर में रहना पड़ रहा है. इसके कारण बिरहोर हर मौसम की बेरूखी को सहते आ रहे हैं. बिरहोरों ने सरकार से आवास उपलब्ध कराने की मांग की है.