जहानाबाद (नगर) : पटना-गया रेल खंड के जहानाबाद कोर्ट स्टेशन पर यात्री सुविधाओं का घोर अभाव है. यात्रियों की सुविधाओं के अभाव के बीच भी जहां से प्रतिदिन हजारों यात्री अपनी यात्रा आरंभ करते हैं. खास कर सरकारी कार्यालयों में कार्यरत कर्मी जो कि पटना या गया से आते-जाते हैं. वे इसी कोर्ट स्टेशन पर चढ़ते-उतरते हैं.
पटना -गया रेल खंड के जहानाबाद, मसौढ़ी स्टेशन के बाद सबसे अधिक राजस्व संग्रह करनेवाला यह स्टेशन रेल अधिकारियों की उपेक्षा का घोर शिकार बना हुआ है. यात्री सुविधा के नाम पर बना द्वितीय श्रेणी प्रतीक्षालय कबाड़खानों में तब्दील है, जिसके कारण सर्दी गरमी या फिर बरसात सभी मौसम में यात्रियों को खुले आसमान के नीचे ही ट्रेन की प्रतीक्षा करना पड़ता है.
स्टेशन पर एक छोटा शेड लगा भी है. वह अवैध वेंडरों के कब्जे में रहता है. इस शेड के नीचे बैठने के लिए यात्रियों को अक्सर वेंडरों के साथ तू-तू, मैं-मैं करनी पड़ती है. मासिक करीब ढाई लाख रुपये का राजस्व देनेवाला कोर्ट स्टेशन परिसर में बना द्वितीय श्रेणी प्रतीक्षालय यात्रियों के बजाय जानवरों का बसेरा बना हुआ है. इस प्रतीक्षालय को लोगों ने पेशाबखाना बना रखा है. वर्षो तक यह प्रतीक्षालय पटना-गया रेल खंड के दोहरीकरण तथा विद्युतीकरण कार्य में लगे संवेदक के कब्जे में रहा. इसे गोदाम के रूप में इस्तेमाल किया जाता रहा.
जब विद्युतीकरण तथा दोहरीकरण का कार्य समाप्त हो गया. उसके बाद भी यह प्रतीक्षालय अतिक्रमणमुक्त नहीं हुआ. इसमें कबाड़ का अंबार लगा हुआ है. इस कारण यात्रियों को ट्रेन की प्रतीक्षा में बैठने के लिए कहीं जगह नहीं मिल पाती है. वे इधर-उधर टहलते हुए ट्रेन का इंतजार में अपना समय व्यतीत करते हैं.