जहानाबाद : स्टेशन पर किसी भी दिन बड़ा हादसा हो सकता है. यात्री ट्रेन की चपेट में अपनी जान गंवा सकते हैं. जहानाबाद स्टेशन पर बड़ी संख्या में यात्री एक से दूसरे प्लेटफार्म पर जाने के लिए ओवरब्रिज का इस्तेमाल नहीं कर ट्रैक से क्रास करते हैं. मनाही के बावजूद उनमें सुधार नहीं हो रहा है. कभी-कभी अप और डाउन लाइन की गाड़ियां एक साथ आती जाती हैं.
खतरों से खेल करने वालों में केवल युवक यात्री ही शामिल नहीं रहते बल्कि महिलाएं, बच्चे यहां तक कि दिव्यांग यात्री भी ट्रैक से गुजरने से परहेज नहीं करते. जहानाबाद स्टेशन पर प्लेटफार्मों की संख्या तीन है. प्लेटफाॅर्म नंबर एक से दो और 03 पर जाने के लिए या आने के लिए बड़ा ओवरब्रिज है जिसका इस्तेमाल सैकड़ों यात्री नहीं करते.
जागरूकता अभियान को कोई असर नहीं :यात्रियों की गलत आदतों में सुधार के लिए रेलवे प्रशासन द्वारा जागरूकता अभियान चलाया जाता है. आरपीएफ व जीआरपी के जवान के साथ स्टेशन मास्टर भी माइक से ऐसा नहीं करने का प्रचार करते हैं. उन्हें हिदायत दी जाती है कि वह ट्रैक पार करने के लिए ऊपरी पुल का इस्तेमाल करें. पर इसका असर होता नहीं दिखता. यदि रेल पुलिस का कोई जवान ऐसा करने से रोकता है तो झगड़े की भी नौबत हो जाती है.
प्लेटफॉर्म बदलने के लिए यात्री सीढ़ी नहीं ट्रैक का करते हैं इस्तेमाल
जागरूकता अभियान का नहीं हो रहा असर
लाना होगा बदलाव
स्टेशन पर किसी तरह का हादसा नहीं हो, जिसके लिए रेलवे प्रशासन सजग है. यात्रियों को उनकी गलतियों का अहसास कराते हुए अक्सर उनमें जागरूकता लाने का प्रयास किया जा रहा है. लेकिन, सिविक सेंस की कमी से सुधार नहीं हो रहा है. किसी के साथ अप्रिय घटना न हो. यह यात्रियों को खुद समझना होगा. हर हाल में ओवरब्रिज का ही इस्तेमाल करना चाहिए.
चौधरी नरेंद्र कुमार, स्टेशन प्रबंधक